हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दिल्ली सरकार ने खतरे को देखते हुए आसपास के रिहाशी इलाकों को भी पहले ही खाली करा लिया है और एतियातन के तौर पर लगभग 23 हजार लोगों को खतरनाक क्षेत्रों से निकलकर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है।
वही,अभी नदी के आस पास रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत मुँह बाये खड़ी है.लोगों को वहां से हटा कर राहत शिवरों में रखा गया है। सरकारी प्रशासन की ओर से राहत शिवरों में रह रहे लोगों को खाने का सामान और पीने का मुहैया कराया जा रह है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, यमुना नदी के पुराने पुल का जल स्तर 206.60 मीटर तक पहुंच गया है। नदी में पानी का लेवल आज 1 से 5 बजे के बीच जल स्तर 207.08 मीटर के खतरनाक स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा यमुना का निगम बोध घाट भी पानी में पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है।
यमुना अपने खतरनाक स्तर पर बह रही है इसके कारण नदी में गंदगी का अम्बार ओर ज्यादा बढ़ गया है। नदी में पानी के साथ कई अपशिष्ट पर्दाथ भी बह कर आ रहे है जिसकी वजह से दिल्ली के दोनों वाटर पंपिंग स्टेशन काम नहीं कर रहे है। दिल्ली के लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। हरियाणा से आ रहे पानी के साथ मिट्टी, टहनियां, पत्ते काफी अधिक आ रहे हैं।
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक यही सब प्लांट के पार्ट में फंस रहे हैं इसीलिए प्लांट को बंद करना पड़ रहा है। यमुना नदी में लगातार पानी का जलस्तर बढ़ने के कारण पुराने लोहे के पुल पर ट्रैफिक को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। साथ ही एहतियातन कई रास्तों को भी बंद कर दिया गया है।
बता दें कि पुल से गुजरने वाली कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए है ओर कई ट्रेनों को निलंबित किया गया है जिनमें दिल्ली और शाहदरा के बीच यमुना ब्रिज का ट्रेन संचलन रद्द किया गया है। अब ट्रेनों को पुरानी दिल्ली के बजाए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से होकर निकाला जाएगा।