अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) मे मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हो रहे विवाद तरह से थमा नहीं है। कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनको लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया और हम किस तरह उनकी उपलब्धियों का बखान कर सकते हैं। भारत में जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सीएम योगी ने एक प्राइवेट न्यूज चैनल से कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने सिर्फ बंटवारा का काम किया है। एएमयू में जिन्ना की तस्वीर का विवाद अभी पूरी तरह से थमा नहीं है, इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत में जिन्ना पर जश्न मनाने का कोई सवाल ही नहीं है।
जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया और हम किस तरह उनकी उपलब्धियों को बखान कर सकते हैं। वह तो भारत के प्रधानमंत्री बनने के प्रयास में थे, जब उनका प्रयास सफल नहीं हो सका तो फिर भारत का बंटवारा करा कर पाकिस्तान की स्थापना करवा दी। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ आज कर्नाटक में चुनाव प्रचार करेंगे, उसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। लगातार हो रहे विवाद के बाद AMU के हॉल से जिन्ना की तस्वीर को हटा दिया गया था। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि अभी परिसर की सफाई चल रही है इसलिए तस्वीरों को हटाया जा रहा है। गौरतलब है कि मंगलवार को AMU के बिगड़े माहौल को देखते हुए आरएएफ की दो कंपनियों को तैनात किया गया है। बुधवार शाम को विश्वविद्यालय परिसर में हंगामे और नारेबाजी के बीच सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जिन्ना की तस्वीर को लेकर पिछले कई दिनों से सियासत जारी है।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर को लिखे अपने पत्र में विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यालय की दीवारों पर पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया और कहा कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। प्रवक्ता ने कहा, ‘जिन्ना को भी 1938 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। वह 1920 में विश्वविद्यालय कोर्ट के संस्थापक सदस्य और एक दानदाता भी थे।’ उन्होंने कहा कि जिन्ना को मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की मांग किए जाने से पहले सदस्यता दी गई थी।
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