पूर्वी दिल्ली : न्यू उस्मानपुर इलाके में एक परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब उन्हें घर के बेटे की हत्या के बारे में पता चला। दरअसल रविवार सुबह पुलिस को उस्मानपुर पुश्ते पर एक अज्ञात किशोर की लाश पड़ी मिली थी। जिस पर चाकू से कई वार किए गए थे। इलाके के लोगों से पूछताछ कर सोमवार को पुलिस मृतक के घर पहुंची। मृतक की पहचान फरमान (17) के तौर पर हुई है।
पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया है। डीसीपी नॉर्थ-ईस्ट अतुल कुमार ठाकुर कहना है कि हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं फरमान पर भी अलग-अलग थानों में आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में तीन के केस दर्ज थे।
पुलिस के मुताबिक, फरमान परिवार सहित उस्मानपुर की गंगोत्री स्कूल वाली गली में रहता था। वह मूलरूप से शाहजहांपुर, उत्तर-प्रदेश का रहने वाला था। इसके परिवार में पिता आरीफ खान, मां बेबी व अन्य परिजन हैं। फरमान अपने पिता के साथ एक सिलाई के कारखाने में काम करता था। गत गुरुवार को वह अपनी बुआ के घर रहने गया था। वह वहीं से कहीं बाहर गया था और वापस नहीं लौटा था। सोमवार को एक केस में फरमान की जेजेबी (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) में पेशी भी थी। परिजन सोमवार को वहां पहुंचे और बेटे के लापता होनी की बात जज को बताई थी।
15-20 बार किए गए चाकू से वार
बेटे की हत्या की खबर मिलने के बाद परिजन तुरंत अस्पताल पहुंच गए थे। वहां उन्होंने पाया कि उनके बेटे के शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर चाकू से 15-20 वार किए गए थे। जबकि चेहरे पर भी किसी हथियार से हमला किया गया था। आशंका जताई जा रही है कि रंजिश के चलते फरमान की हत्या की गई है।
जज ने किया था सम्मानित
बताया गया है कि फरमान पर केस दर्ज होने के चलते जज ने उसे जग प्रवेशचंद्र अस्पताल में 50 दिनों तक मरीजों की सेवा करने की सजा सुनाई थी। इस सजा को फरमान ने पूरी ईमानदारी से पूरी की थी। वह त्योहार के दिन भी मरीजों की सेवा करने गया था। फरमान की इस बात से खुश होकर जज ने उसे सम्मानित भी किया था।