बढ़ते साइबर अपराध: बच के रहना रे... - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

बढ़ते साइबर अपराध: बच के रहना रे…

इंटरनेट और स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग के साथ ही साइबर अपराधों में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। लोगों को क्या पता था कि ऑनलाइन कामकाज करते समय उन्हें ठग लिया जाएगा। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन खरीदारी का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि लोगों को अब तरह-तरह के प्रलोभन देकर ठगा जा रहा है। पहले तो एक इलाका जामताड़ा मशहूर हुआ था, जहां के युवा केवल ऑनलाइन ठगी का ही काम करते हैं लेकिन अब हरियाणा का नूंह, उत्तर प्रदेश का मथुरा और राजस्थान का भरतपुर साइबर अपराधों के गढ़ बन चुके हैं। ऑनलाइन ठगी रोकने के लिए सरकार ने सूचना तकनीकी कानून के तहत 100 से अधिक वेबसाइटों पर पाबंदी लगाई है। डाटा चुराने वालों, कर्ज देकर लोगों को फंसाने वाले, अवैध ऑनलाइन गेमिंग वाले कई एप को सरकार पहले ही प्रतिबंधित कर चुकी है। ऑनलाइन गेमिंग के जरिये सट्टेबाजी का धंधा चला। करोड़ों कमाने वाले महादेव एप के मालिक को भी अब संय​क्त अरब अमीरात से भारत लाने की तैयारी की जा रही है और महादेव एप को प्रतिबंधित कर दिया गया है। भारत उन चंद देशों में है जो हैकिंग और ऑनलाइन ठगी के सबसे बड़े भुगतभोगी हैं। जरूरी नहीं है कि ऑनलाइन ठगी करने वाले देश में ही हों, बल्कि साइबर अपराध करने वाले विदेशों में भी बैठे हैं। जिनको ढूंढ कर पकड़ा जाना बहुत ही मुश्किल है।
विश्व के लगभग सभी देशों में साइबर अपराधों से निबटने के लिए कानून बनाए हैं। भारत में भी इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। इन अपराधों की व्यापक वृद्धि वैश्विक चिंता का विषय बन गई है तथा अपराध एक नई चुनौती के रूप में सामने आया है। यह अपराध अजीब है। इसमें अपराधी शारीरिक रूप से उपस्थित हुए बिना गुमनाम रूप से और पीड़ित से बहुत दूर रहकर अपराध कर देता है और उसे पकड़े जाने का भी कोई डर नहीं होता है। इन अपराधों में संचार सेवाओं की पूरी, औद्योगिक जासूसी, साइबर स्पेस में अश्लील आैर आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार, म​नी लांड्रिग और कर चोरी, आतंकवाद और जबरन वसूली जैसे अपराध कम्प्यूटर द्वारा​ किए जा रहे हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साल 2022 के आंकड़ों की माने तो नए साल में साइबर क्राइम के केस में 35 फीसदी उछाल देखा गया है। देशभर के राज्यों की पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस वक्त साइबर फ्रॉड के मामले ही हैं। कई राज्य इससे निपटने की दिशा में ठोस काम कर रहे हैं। इनमें दिल्ली और मुंबई पुलिस सबसे आगे है। नया नाम हरियाणा पुलिस का जुड़ गया है। हरियाणा पुलिस ने देश के सात राज्यों में 50 “हॉटस्पॉट” की पहचान की है जहां से साइबर धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान से सामने आए हैं, जहां 21 हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में भी इसी तरह के हॉटस्पॉट की पहचान की गई है।”
भारत में भी साइबर अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाए हैं। कानूनों की भूमिका महत्वपूर्ण है लेकिन इनके बारे में लोगों को भी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
साइबर अपराध कानून सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उपयोगकर्ताओं के लिए स्वीकार्य व्यवहार के मानकों की पहचान करता है, साइबर अपराध के लिए सामाजिक-कानूनी प्रतिबंध स्थापित करता है, सामान्य तौर पर आईसीटी उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा करता है और विशेष रूप से लोगों, डेटा, सिस्टम, सेवाओं और बुनियादी ढांचे को होने वाले नुक्सान को कम करता है या रोकता है, मानवाधिकारों की रक्षा करता है, ऑनलाइन (पारंपरिक वास्तविक दुनिया सेटिंग्स के बाहर) किए गए अपराधों की जांच और अभियोजन को सक्षम बनाता है और साइबर अपराध मामलों पर देशों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करता है। साइबर अपराध कानून इंटरनेट, कंप्यूटर और संबंधित डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग और सार्वजनिक, सरकार और निजी संगठनों के कार्यों के लिए आचरण के नियम और व्यवहार के मानक प्रदान करता है साक्ष्य और आपराधिक प्रक्रिया के नियम और साइबरस्पेस में अन्य आपराधिक न्याय मामले और साइबर अपराध होने पर जोखिम को कम करने या व्यक्तियों, संगठनों और बुनियादी ढांचे को होने वाले नुक्सान को कम करने के लिए विनियमन तद्नुसार, साइबर अपराध कानून में मूल, प्रक्रियात्मक और निवारक कानून शामिल हैं।
साइबर अपराधों से बचने के लिए खुद को जागरूक बनाएं और सभी निर्देशों का पालन करें जो समय-समय पर सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। लोगों को एक मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करना चाहिए और समय-समय पर उसे बदलना चाहिए। किसी को भी फोन पर अपने पासवर्ड या ओटीपी की जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बहुत ही सावधानीपूर्वक करनी चाहिए। अपने डॉटा को सीमित रखें और किसी भी ईमेल या मैसेज के माध्यम से स्पैम लिंक पर क्लीक नहीं करना चाहिए। साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करके ही अपराधों से बचा जा सकता है।

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