लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

एयर इंडिया को जुर्माना

एयर इंडिया की फ्लाइट में वृद्ध महिला के ऊपर पेशाब करने से जुड़ी घटना में डीजीसीए ने बड़ा एक्शन लेते हुए एयर इंडिया पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 30 लाख का जुर्माना लगाया है

एयर इंडिया की फ्लाइट में वृद्ध महिला के ऊपर पेशाब करने से जुड़ी घटना में डीजीसीए ने बड़ा एक्शन लेते हुए एयर इंडिया पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 30 लाख का जुर्माना लगाया है। साथ ही पायलट इन कमांड का पायलट लाइसैंस  तीन महीने के लिए निलम्बित कर दिया है। इससे पहले महिला पर पेशाब करने के आरोप में गिरफ्तार हुए शंकर मिश्रा पर चार महीने का प्रतिबंध लगाया गया था, यानि शंकर मिश्रा को चार महीने तक उड़ान में बैठने की इजाजत नहीं है। शंकर मिश्रा पर अलग से कानूनी कार्रवाई भी हो रही है। एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी भी यह स्वीकार करते हैं कि पायलट और क्रू मैम्बर्स इस मामले को अच्छी तरह से सम्भाल नहीं पाए। एयर इंडिया के इन फ्लाइट सर्विस डायरेक्टर पर भी तीन लाख का जुर्माना लगाया गया है। डीजीसीए यानि नागर विमानन महानिदेशालय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के  अधीन एक सरकारी नियामक संगठन है। डीजीसीए विमानन दुर्घटनाओं एवं घटनाओं की जांच करता है। विनियमन एवं सुरक्षा निगरानी तंत्र द्वारा सुरक्षित एवं दक्ष वायु परिवहन को प्रोत्साहित करने का काम करना इसका मुख्य मिशन है। समय-समय पर विमान यात्रा को सुर​क्षित बनाने के लिए डीजीसीए कदम उठाता रहता है। यद्यपि एयर इंडिया का निजीकरण हो चुका है और इसका स्वामित्व टाटा समूह के पास है। दरअसल विमानन सेवाओं की शुरूआत टाटा समूह ने ही की थी। 70 साल पहले इस कम्पनी का टाटा से लेकर राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था। घाटे में चल रही और करोड़ों के कर्ज तले दबी एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला केन्द्र सरकार ने किया और अंततः पिछले वर्ष टाटा समूह ने 18 हजार करोड़ में बोली लगाकर इसे हासिल कर लिया था। हालांकि अनेक सरकारी कम्पनियों का निजीकरण किया गया, लेकिन इससे सरकार की जिम्मेदारी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती। निजीकरण का इतिहास बहुत पुराना है।
1990 के दशक से भारतीय अर्थव्यवस्था में नया दौर आया क्योंकि उस समय की भारत सरकार ने निजीकरण शुरू किया। उस वक्त कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में छोटे-छोटे स्टेक्स की बिक्री से देश में निजीकरण की शुरूआत हुई। तब से निजीकरण का फार्मूला लोगों के सामने आया। फिर अलग-अलग अर्थशास्त्री इस विषय पर अध्ययन करने लगे और अपनी-अपनी राय देने लगे। दरअसल निजीकरण का अर्थ है कि किसी सरकारी संस्था का नियंत्रण प्राइवेट यानि निजी संगठन के हाथों में जाना। फिर उस संस्था पर सरकार का अधिकार क्षेत्र खत्म हो जाता है। वह सरकारी से निजी संस्था में तब्दील हो जाती है। साधारण शब्दों में कहा जाए तो सरकार के स्वामित्व वाले व्यवसायों को निजी संस्था को बेचना निजीकरण है। प्राचीन काल में भी निजीकरण का अस्तित्व पाया गया है। 20वीं सदी से पूर्व यूनान में वहां की सरकार ने लगभग सभी सरकारी संस्थाओं को निजी क्षेत्र को सौंप दिया था। रोमन साम्राज्य ने भी अधिकतर सरकारी विषयों को निजी संस्थाओं को सौंपा हुआ था। 20वीं सदी के बाद नाजी हुकूमत ने जर्मनी में कई सरकारी फर्मों को निजी संस्थाओं को बेच दिया।
आम धारणा यह है कि निजीकरण से सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है क्योंकि सरकारी संस्थाओं में नौकरशाही का बोलबाला होता है, जिसमें काम की गुणवत्ता बहुत खराब होती है। निजी संस्था में काम की गुणवत्ता अधिक होती है जो कि सरकारी संस्था में कतई सम्भव नहीं है। निजी संस्था में भ्रष्टाचार की बहुत कम गुंजाइश है, जबकि सरकारी कम्पनियों में रिश्वतखोरी की बड़ी समस्या है। जब भी निजी संस्थाओं से सरकार की आंख हट जाती है तो प्राइवेट कम्पनियां फायदा उठाने की कोशिशें करनी शुरू कर देती हैं। इसलिए निजीकरण के बावजूद सरकारी तंत्र की निगरानी बहुत जरूरी है। इससे पहले एयर इंडिया को छोटी सी गलती का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। कोरोना महामारी के चलते अमेरिका ने उड़ानों के रद्द होने या कार्यक्रम में बदलाव से प्रभावित यात्रियों को टिकट के पैसे लौटाने में हुई देरी के लिए एयर इंडिया पर 14 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया था। पिछले वर्ष डीजीसीए ने वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को विमान में चढ़ने से रोकने के कारण एयर इंडिया पर 10 लाख का जुर्माना लगाया था। स्पाइस जैट के विमानों में लगातार आग लगने की घटनाओं के बाद डीजीसीए ने कड़े कदम उठाते हुए कम्पनी की 50 फीसदी से अधिक उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सेफ्टी परफॉर्मेंस के बाद ही यह प्रतिबंध हटाया गया था। निजी संस्थाओं में गुणवत्ता बनाए रखने और विमानन कम्पनियों की उड़ानों को यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए सरकारी तंत्र का गतिशील होना बहुत जरूरी है। अन्यथा निजी संस्थाएं न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि देश के लिए नुक्सानदेह साबित हो सकती हैं। जब भी प्राइवेट कम्पनियां आपस में प्रतिस्पर्धा करती हैं, तो आम लोगों के हितों को नुक्सान पहुंच सकता है। डीजीसीए ने एयर इंडिया पर जुर्माना लगाकर एक अच्छा कदम उठाया है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 + 14 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।