लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

‘आधार’ अब जीवन का आधार

NULL

आधार कार्ड को लेकर बहुत बवाल मचा था। कभी इसके डेटा चोरी होने की आशंकाएं जताई गईं तो कभी निजता का सवाल उठा। लोग सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचे। अदालती कवायद अभी भी जारी है। बहुत बड़े-बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं। निजता मौलिक अधिकार है या नहीं? इस सवाल पर भी संविधान पीठ को स्पष्ट निर्णय देना है। इस सबके बावजूद आधार कार्ड आज जीवन की जरूरत बन गया है। इसे तकरीबन हर सरकारी योजना से जोड़ दिया गया है। देशभर में अब तक 110 करोड़ से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। उठाए जा रहे बड़े-बड़े सवालों में आम आदमी की कोई रुचि नहीं। बड़े सवाल बड़े लोगों और बुद्धिजीवियों के लिए हैं।

जीवन के साथ और जीवन के बाद भी चलने का वादा देश की पुरानी बीमा कम्पनी जीवन बीमा निगम ही किया करती थी लेकिन अब आधार कार्ड भी हमारे जीवन के साथ-साथ काम कर रहा है। अब तो अक्तूबर माह से डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी आधार नम्बर दर्ज कराना होगा। सरकार का दावा है कि इससे पहचान सम्बन्धी फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। बैंक खाते खोलने और पुराने खाते जारी रखने के लिए आधार कार्ड जरूरी है। भविष्यनिधि खातों के लिए आधार संख्या जरूरी है। आपका रिटर्न भरने के लिए आधार नम्बर जरूरी है। पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना जरूरी है। सोशल मीडिया पर आधार की अनिवार्यता पर मजाक भी उड़ाया जा रहा है और आलोचना भी की जा रही है। एक आदमी का जीवनचक्र पूरा हो गया। यमदूत उसे ले गए।

जब यमदूत चित्रगुप्त के पास पहुंचे तो चित्रगुप्त ने उनसे कहा कि तुमने भयंकर गलती की। तुम इसे बिना आधार नम्बर के ले आए। केवल मौलिक रूप से मरने से ही काम नहीं चलता। अब यहां लाने के लिए जरूरी कागजात भी चाहिएं। ऐसे रोचक प्रसंग पढऩे को मिल रहे हैं। एक यूजर ने यहां तक टिप्पणी कर दी-”आधार कार्ड न होने के कारण भीष्म पितामह को कई दिन वाणों की शैय्या पर गुजारने पड़े खैर ऐसी टिप्पणियां तो आती रहेंगी और उस पर लोग प्रतिक्रियाएं भी व्यक्त करते रहेंगे। सवाल यह है कि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए समाज के लिए नियम और कायदे-कानून भी होने ही चाहिएं। इनके बिना व्यवस्थाएं अराजक हो जाती हैं। अब खबर यह है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 81 लाख आधार नम्बरों को डिएक्टिवेट कर दिया है। पहले 11 लाख पैन कार्डों को ब्लॉक किया गया था क्योंकि यह शंका जताई जा रही थी कि ये नकली हैं।

ये पैन कार्ड गलत सूचनाएं देकर बनवाए गए थे और लोगों के पास एक से अधिक पैन कार्ड पाए गए थे। आधार पंजीकरण केन्द्रों के मुताबिक यदि पिछले तीन वर्षों में आपने आधार नम्बर का इस्तेमाल नहीं किया यानी आपने इसे किसी बैंक खाते या पैन से ङ्क्षलक नहीं किया है या ईपीएफओ को आधार डिटेल्स देने से लेकर पेंशन क्लेम करने जैसे दूसरे लेन-देन में इसका इस्तेमाल नहीं किया है तो आधार को डिएक्टिवेट किया जा सकता है। भारत में हड़कम्प तो हर छोटी-बड़ी चीज पर मच जाता है। इसलिए लोग यही देखने में जुट गए कि कहीं उनका आधार नम्बर ब्लॉक तो नहीं हो गया। धंधा करने वालों ने यहां भी बस नहीं की। आधार कार्ड बनवाने की सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है लेकिन कई सेंटर सुविधा शुल्क वसूल रहे हैं। आधार कार्ड अपडेट कराने को लेकर जानकारी मांगे जाने पर भी धंधेबाज अपनी फीस लेने लगे हैं। वैसे आधार अपडेट कराने का चार्ज 25 रुपए है लेकिन तय मानकों के अनुसार काम नहीं होता। प्राइवेट सेंटर्स ने भी आधार कार्ड बनवाने में धंधेबाजी शुरू कर रखी है।

आधार कार्डों से सब्सिडी में गोलमाल काफी हद तक बन्द हो चुका है। फर्जी आधार कार्डों से करोड़ों की सब्सिडी का गोलमाल होता रहा है। सरकारी राहत या मदद सही लोगों के पास पहुंचे इसलिए आधार कार्ड जरूरी है। डुप्लीकेट पैन कार्ड रद्द होने से टैक्स चोरों की मुसीबत पहले ही बढ़ चुकी है। इन पैन कार्डों का इस्तेमाल शेयर मार्केट में ट्रेङ्क्षडग के लिए होता था। इतना ही नहीं, फर्जी कम्पनियों के लेन-देन में इन कार्डों का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा था। आयकर विभाग को एक-एक आदमी के पास 5 से 7 पैन कार्ड मिले थे और हर कार्ड में नाम की स्पेङ्क्षलग थोड़ी सी अलग होती थी। एक कार्ड से वह रिटर्न भरते थे तो दूसरे से वह बड़ी रकम का लेन-देन करते थे। आधार कार्डों का हाल भी ऐसा ही था। कई पाक और बंगलादेशी नागरिकों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। अब सुधार की प्रक्रिया जारी है तो देश को हर पक्ष से मजबूत बनाने के लिए नियम, कायदे-कानूनों की जरूरत है। बवाल मचाने या परेशान होने की जरूरत नहीं। संभ्रांत भारतीय नागरिक की तरह हमें इन सब चीजों का पालन करना होगा। ‘आधार’ अब जीवन का आधार बन चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × one =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।