कोरोना महामारी पूरी दुनिया को बदल देगी। लोगों की कार्यशैली में बदलाव आना तय है और लॉकडाउन के बाद नए बिजनेस मॉडल भी सामने आएंगे। विश्व बदलेगा तो भारत भी बदलेगा। उम्मीद है कि हर विध्वंस के बाद नवसृजन होता है और नए भारत का उदय होगा। इस बात का विश्वास पुख्ता किया है फेसबुक और रिलायंस जियो में हुई बड़ी डील ने। फेसबुक ने रिलायंस जियो में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान कर दिया है। फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग मुकेश अम्बानी के स्वामित्व वाली कम्पनी में इस डील के लिए 43,574 करोड़ लगाएंगे। यह भारत के तकनीकी कारोबार क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।
मार्क जुकरबर्ग द्वारा की गई बड़ी डील का सकारात्मक संदेश है। संदेश यह है कि फेसबुक को कोरोना वायरस के संकट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के कम से कम समय में उबरने का विश्वास है। भारत पहले ही फेसबुक का सबसे बड़ा बाजार है जहां 32 करोड़ से भी ज्यादा लोग उसकी सेवा का इस्तेमाल करते हैं। 2016 में शुरू हुई रिलायंस जियो ग्राहकों की संख्या के लिहाज से भारत की सबसे दूसरी बड़ी दूरसंचार कम्पनी बन चुकी है। इस डील के बाद फेसबुक अपने मैसेजिंग प्लेटफार्म वाट्सऐप और रिलायंस के ई-कामर्स वेंचर जियो मार्ट के बीच तालमेल पर ध्यान केन्द्रित करेगी। इस कवायद का मकसद छोटे-छोटे कारोबारियों को इससे जोड़ना है। इस डील से भारत में खुदरा दुकानदारी का तरीका ही बदल जाएगा। भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लाखों छोटे दुकानदार इससे जुड़ेंगे। वाट्सऐप के द्वारा लोग अपने घरों तक पास की किराना दुकानों की सेवाएं ले सकेंगे। यह सौदा ऐसे समय में हुआ है जब वाट्सऐप को भारत में डिजीटल पेमेंट सेवा को मंजूरी मिल गई है। गूगल पे और पेटीएम जैसे दिग्गज खिलाड़ी पहले से ही काफी सक्रिय हैं। वाट्सऐप के भारत में करीब 40 करोड़ यूजर हैं और 80 फीसदी से ज्यादा स्मार्ट फोन यूजर इसका इस्तेमाल करते हैं। रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने पिछले साल ही जियो मार्ट की सॉफ्ट लांचिंग कर दी थी। जियो मार्ट में रजिस्ट्रेशन के लिए कम्पनी ने मुम्बई के कुछ क्षेत्रोें में जियो टेलीकॉम यूजर्स को आमंत्रण भी भेजना शुरू कर दिया था। जियो मार्ट की कम्पनी ने इसे देश की नई दुकान कहा है। जियो मार्ट के जरिये यूजर्स को 50 हजार से अधिक ग्रोसरी प्राडक्ट और फ्री होम डिलीवरी मिलेगी। फेसबुक और जियो डील से बाजार में प्रतिस्पर्धा और कड़ी हो जाएगी। करोड़ों दुकानदारों के वाट्सऐप से जुड़ने के बाद इस कारोबार में लगे एमेजॉन और फिल्पकोर्ट को कड़ी टक्कर मिलेगी। वाट्सऐप के खुदरा बाजार से जुड़ने के भी सकारात्मक परिणाम आएंगे। वाट्सऐप इस समय फेक न्यूज और साम्प्रदायिकता फैलाने का हथियार बन चुका है। दुकानदारी बढ़ने से इसका इस्तेमाल कामकाज के लिए अधिक होने लगेगा। इससे छोटे दुकानदारों को तो फायदा होगा ही साथ ही उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। रिटेल शापिंग का तरीका ही बदल जाएगा।
जियो के साथ शार्ट फारमेट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म टिकटॉक पर बड़ा असर डाल सकती है। भारत में 2018 में टिकटाॅक ने काफी सफलता प्राप्त कर ली है। इस प्लेटफार्म पर डाउनलोड और यूजर्स 1.2 करोड़ से भी ज्यादा हैं। फेसबुक अब शार्टफार्म वीडियो ऐप लस्सो लाने की तैयारी में है। जियो की किफायती डाटा योजनाएं काफी असरदार रही हैं। लस्सो भारत में इंटरनेट पर धूम मचा सकती है। इसी डील से रिलायंस अपने बही-खाते दुरुस्त करने के लिए कारोबार में निवेशकों की तलाश कर रही थी। कम्पनी इससे 2021 तक कर्ज मुक्त होने का ऐलान कर सकेगी। वाट्सऐप भारत में एक पेमेंट ऐप भी लांच करने की तैयारी कर रहा है। रिलायंस जैसा लोकल पार्टनर मिलने से उसके लिए सभी नियामक मामलों से निपटना आसान हो जाएगा। दोनों ही मिलकर डिजीटल इंडिया का सपना साकार करेंगे। वाट्सऐप के लिए सबसे बड़ी चुनौती देश के अनिवार्य डाटा लोकलाइजेशन थे, जिनका पालन नहीं हो रहा था, यह सौदा जियो पेमेंट्स बैंक को भी मदद कर सकता है जो अभी तक उपभोक्ताओं तक बड़े पैमाने पर नहीं पहुंचा है। अब जबकि आनलाइन शापिंग ने पांव पसार लिए हैं। कोरोना की महामारी के बीच आनलाइन शापिंग से ही लोग जरूरी सामान मंगा रहे हैं।
जिस तरह से नए बिजनेस मॉडल सामने आ रहे हैं उससे लोगों की खरीददारी की शैली काफी बदल चुकी है। यह सही है कि यह सौदा एक तरह से कार्पोरेट युद्ध की तरह है लेकिन आज के दौर में यह बात सही है जिससे उपभोक्ताओं को समय की बचत होगी और उन्हें सामान सस्ता और सहज ढंग से घर पर ही मिलेगा।
आदित्य नारायण चोपड़ा
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