न जाने कब से हम पूर्वजों की मार्फत यह कहावत सुनते आए हैं कि पाप का घड़ा भर कर डूब जाता है। मैं मूलतः पंजाब का हूं। गुरुवाणी में मेरी बड़ी आस्था है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में लिखित पंक्तियां प्रस्तुत कर रहा हूं-
‘पापी को मारने को पाप महाबली है’
असल में हमारे मापदंड और नियति के मापदंडों में बड़ा फर्क है। हमारा वश चलता तो कब का पाकिस्तान के हाथों से कश्मीर हम वापिस ले चुके होते, परन्तु पाकिस्तान अभी भी विश्व के नक्शे पर है और बेशर्मी से पीओके को अपना हिस्सा दर्शाता है जिस पर 1947 से उसने कब्जा कर रखा है। आखिर कारण क्या है? आप इस शे’र को देखें आैर समझने की कोशिश करें।
‘‘ये जुग है कारोबारी, हर शै है इश्तेहारी
राजा हो या भिखारी
शोहरत हो जितनी जिसकी, उतना ही मर्तबा हो, ये
बात तो गलत है।’’
सचमुच इश्तेहार का युग है। रद्दी से रद्दी, कुत्ते के नहाने के साबुन का भी इतना बेहतरीन प्रचार किया जा सकता है कि जिसके पास कुत्ता न हो वह भी कुत्ता खरीद ले। अमेरिका के साथ भी ऐसी ही घटना घटी। उसने कुत्ता तो नहीं खरीदा मगर एक भेड़िए को पट्टा पहना कर पालतू बना लिया था। दोनों ही गलत फहमी में थे। अमेरिका सोचता रहा कि उसने जंगली जानवर को पालतू बना लिया पर पट्टे में बंधा वह जंगली जानवर मन ही मन मुस्करा रहा था कि ‘‘वक्त आने पर बता देंगे, तुझे ए आसमां।’’ अमेरिका अहंकार के साथ फन फैलाए इसलिए खड़ा है कि वह विश्व की सबसे बड़ी ताकत है। 11 सितम्बर के हमले ने इस अहंकार को चुनौती दे दी। इसका जवाब अफगानिस्तान को मिल गया। इसी आक्रोश में अमेरिका ने कालांतर में ईराक भी नहीं छोड़ा, हालांकि वहां आक्रमण का कोई कारण नहीं था, अगर कोई कारण था तो बकौल रामचरित मानस बस एक ही था कि ‘‘समरथ को नहिं दोष गुसाईं’’ अब जाकर अमेरिका को अपनी भूल का अहसास हाे रहा है। अब जाकर अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी तरह की सहायता पर रोक लगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान यदि दोहरी चालों से बाज नहीं आता तो उसे गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा। पाकिस्तान की ट्रंप के फैसले पर प्रतिक्रिया तो आनी ही थी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने कहा है कि आतंकवाद विरोधी सहयोगी होने केे नाते पाकिस्तान पिछले 16 वर्षों से अमेरिका को मुफ्त में जमीनी और हवाई संचार, सैन्य ठिकाने और खुफिया सहयोग उपलब्ध कराया, जिसकी वजह से अलकायदा का विनाश किया जा सका और अमेरिका ने उन्हें आक्षेप और अविश्वास दिया। कुछ भी हो आज बदलती हुई भू-राजनीतिक परिस्थितियों में अमेरिका और पाकिस्तान काफी दूर जाते दिखाई पड़ते हैं। पाकिस्तान के झूठ आैर धोखे पर आधारित पाक-अमेरिका के रिश्तों की प्रकृति को बदल दिया लेकिन सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान के पाप का घड़ा भर चुका है? पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है। पाक के हुक्मरानों की साख धूल में मिल चुकी है। अमेरिकी मदद रुकने से पाकिस्तान बौखला चुका है, उसे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा लेकिन इससे पाक की भारत के प्रति नीति नहीं बदलने वाली क्योंकि उसका राष्ट्रीय कथानक भारत विरोध पर केन्द्रित है और वहां सेना और आईएसआई की सत्ता पर पकड़ बहुत मजबूत है।
भारत ने नववर्ष के चौथे दिन ही पाकिस्तान की फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसके कई रेंजर्स ढेर कर अपने जवानों की शहादत का बदला ले लिया, पाकिस्तान में खलबली मची हुई है, लेिकन वह अपने कुकृत्य से बाज नहीं आ रहा। कुलभूषण जाधव का जो नया वीडियो जारी किया है उससे उसने अपनी जग हंसाई ही कराई है। कौन विश्वास करेगा इस वीडियो पर कुलभूषण की मां और पत्नी की बिंदी और चूड़ियां उतरवाने वाले पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के माध्यम से जो मनगढ़ंत आरोप लगवाए हैं, आखिर इससे उसे क्या हासिल हुआ। पाकिस्तान केवल दुनिया को गुमराह करना चाहता है। कुलभूषण जाधव की अपने परिवार से मुलाकात के बाद जो विवाद सामने आए पाकिस्तान शायद उसका जवाब ही देना चाहता था लेकिन इस वीडियो ने उसकी साख ही खत्म करके रख दी है। क्या अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के स्थापित मूल्यों के आधार पर पाकिस्तान को एक आतंकवादी देश घोषित कर देना हमारा नैतिक कर्त्तव्य नहीं? क्या यह एक अनिवार्यता नहीं?
मुझे याद आता है कि जब अटल जी प्रधानमंत्री थे तो अमरीकी दौरे के दौरान मैंने उनसे प्रश्न पूछा था कि जब राष्ट्रपति क्लिंटन से आपने बात की तो क्या आपने पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए उन्हें प्रेरित नहीं किया? तो अटल जी का उत्तर था-मैं चाहता तो था पर अभी समय नहीं आया। लेकिन अब लगता है कि समय आ गया है कि अमरीका इस ढीठ पाकिस्तान को दुनिया का सबसे बड़ा और दुर्दांत आतंकवादी देश घोषित करे।
भेड़िया अगर नहीं सुधरा तो उसके अस्तित्व को मिटाने का संकल्प लेना ही होगा। अमेरिका के पट्टे से मुक्त होकर खूनी भेड़िया अब भारत की सीमाओं पर लगातार नापाक हरकतें कर रहा है, भेड़ियों आैर इंसानों में आज तक इतिहास में किसी संधि का जिक्र नहीं मिलता। अमेरिका का पालतू भेडि़या अब ज्यादा उछल-कूद मचाएगा। हमें रचित वेदों की ऋचाओं, उपनिषदों के मंत्र और सनातन मूल्यों की रक्षा करनी है तो भेड़िए पर अंतिम प्रहार करना ही होगा। अब वो दिन भी दूर नहीं जब पाकिस्तान अपने आका चीन का महज एक मोहल्ला बनकर रह जाएगा। पंजाब, सिंध, ब्लूचिस्तान और बाल्टिस्तान जैसे जितने भी फिते हैं सब के सब टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। पाकिस्तान का अंत बहुत नजदीक है।