भारतीय सिनेमा के लिए बीता वर्ष कोरोना महामारी के कारण काफी बुरा रहा। फिल्मों की शूटिंग लगभग सात महीने बंद रही जिससे छोटे कलाकारों और तकनीशियनों की आजीविका पर संकट खड़ा हुआ। सिनेमाघरों की रौनक गायब हो गई थी। फिल्म उत्पादन, वितरण और प्रदर्शन तीनों ही क्षेत्रों में महामारी के चलते हजारों करोड़ों का नुक्सान फिल्म उद्योग को उठाना पड़ा। लाइट, कैमरा, एक्शन सब कुछ ठप्प होकर रह गया था। जो फिल्में बन कर तैयार भी हो गई थी, उन्हें भी वितरक उठाने को तैयार नहीं थे। बीते वर्ष ओटीटी का विकल्प तो मिला। कुछ वैबसीरीज और फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज तो की गई। ओटीटी प्लेटफार्म को मनोरंजन बाजार की मुसीबत की दवा माना गया लेकिन यह विकल्प तो साबित हुआ लेकिन यह कहना अतिश्योक्ति ही होगा कि 28 भाषाओं में 2000 के आसपास हर वर्ष फिल्में बनाने वाले उद्योग को अकेला ओटीटी संजीवनी प्रदान करेगा। कोरोना की मार वैसे तो हर वर्ग पर पड़ी है लेकिन फिल्म उद्योग में लगभग पांच लाख लोगों पर असर पड़ा। 5 में से 2.5 लाख श्रमिक जिनमें जूनियर कलाकार, मेकअप आर्टिस्ट, सैट डिजाइनर, बढ़ई और बैकग्राउंड डांसर आदि शामिल हैं। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए, उनकी मदद के लिए छिटपुट प्रयास हुए जो अपर्याप्त रहे। इस तरह की घटनाएं भी सामने आईं कि कुछ कलाकारों ने आर्थिक संकट के चलते या अवसाद के चलते आत्महत्या कर ली। सपने बेचने वाला उद्योग खुद उदास और हताश दिखाई दिया। अप्रैल से लेकर पूरा साल सिनेमाघरों तक कोई फिल्म नहीं पहुंच सकी। बॉलीवुड में लगभग 50 से ज्यादा बड़ी बजट की हिन्दी फिल्माें के निर्माता प्रभावित हुए। देश में 6327 सिंगल स्क्रीन सिनेमा समेत साढ़े 9 हजार स्क्रीन ठप्प हो गई थी। 68 शहरों में 626 स्क्रीन चलाने वाले आईनाक्स से लेकर 71 शहरों में 845 स्क्रीन चलाने वाले पीवीआर को भारी नुक्सान उठाना पड़ा। एक अनुमान के मुताबिक सिंगल स्क्रीन थिएटरों को एक महीने में करीब 25 से 75 लाख रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा है।
हिन्दी फिल्मों की कमाई हर वर्ष लगभग 3 हजार करोड़ के आसपास रहती है लेकिन इस वर्ष केवल 500-600 करोड़ की कमाई हुई। इसलिये फिल्म निर्माताओं को कम से कम 1700 से 2000 करोड़ का नुक्सान हुआ है। ओटीटी छोटे बजट की फिल्मों के लिए तो ठीक है क्योंकि ओटीटी प्लेटफार्म बड़े बजट की फिल्मों को नहीं ले सकता। बड़े बजट की फिल्मों को तो सिनेमाघर ही चाहिए। कोरोना महामारी के 7 महीने बाद प्रतिबंधों के साथ सिनेमाघर खुलने शुरू हो गए थे लेकिन पुरानी फिल्में ही दिखाई गई क्योंकि दर्शक नदारद रहे। सिनेमाघर 50 फीसदी क्षमता के साथ खोले गए। कोरोना वायरस का खौफ बना रहा। फिर करोना विषाणु के रूप बदल लेने से लोग भयभीत रहे। ऐसे लगता था कि 2021 में भी मनोरंजन उद्योग को कोई राहत नहीं मिलने वाली। भारत ने कोरोना की दूसरी लहर का प्रभावशाली ढंग से सामना किया। भारत तेजी से कोरोना वायरस से मक्ति की ओर अग्रसर है। कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से घट रही है। कोरोना की वैक्सीन आ जाने से भी लोगों का आत्मबल बढ़ा है। स्थितियां सामान्य होने लगी हैं। लोगों में अब पहले जैसा खौफ नहीं रहा। सरकार ने भी अब सिनेमाघरों को सौ प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दे दी है।
इससे सिनेमा उद्योग में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। इसी के साथ ही बड़े सितारों की फिल्मों की रिलीज डेट की घोषणा होनी शुरू हो गई है। हॉलीवुड की हिन्दी में डब फिल्मों की रिलीज भी पिछले वर्ष रोक दी गई थी, क्योंकि करोड़ों की फिल्मों को लेकर वितरक कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते थे। अब इन फिल्मों को होली पर रिलीज करने की तैयारी की जा रही है। सिनेमाघरों के मालिकों और वितरकों ने सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या बढ़ाने के गृह मंत्रालय के फैसले का स्वागत करते हुए इसे फिल्म उद्योग के लिहाज से बड़ा कदम बताया है और कहा है कि इससे मनोरंजन क्षेत्र को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद मिलेगी। फिल्म उद्योग को इस समय मदद की जरूरत है। केरल सरकार ने तो सिनेमाघरों को मार्च तक मनोरंजन कर का भुगतान करने की छूट दी है। दस महीनों के लिए फिक्सड बिजली शुल्क में 50 फीसदी कम कर दिया गया है। इसके अलावा विभिन्न थिएटर्स के लाइसेंसों की वैधता बढ़ाई गई है। सिनेमाघरों के मालिकों के नुक्सान की भरपाई करने के लिए अन्य राज्य सरकारें भी राहत प्रदान करे तो उद्योग के लिये अच्छा होगा। सिनेमाघरों के मालिकों को इस बात का ध्यान भी रखना होगा कि वह कोरोना से बचने के उपायों का सौ प्रतिशत पालन करें और दर्शकों के बीच अपनी साख कायम रखें। दर्शक अभी भी एकदम नहीं आएंगे। दर्शक बड़े सितारों की फिल्मों के लिये ही उमड़ेंगे, इसलिये जरूरी है थिएटरों में सैनेटाइजेशन की व्यवस्था की जाए। जब दर्शकों को खुद के सुरक्षित रहने का अहसास होने लगेेगा, वे स्वयं थियेटर आना शुरू कर देंगे। सिनेमाघरों की रौनक बढ़ेगी, तभी फिल्म उद्योग पटरी पर आएगा।