जब से मोदी सरकार आई है महिलाओं के लिए कुछ न कुछ या यू कह लें कि महिलाओं के लिए बहुत कुछ हो रहा है। सबसे पहले शौचालय, फिर गैस चूल्हे (धुआंमुक्त हो रही हैं महिलाएं) और मुस्लिम बहनों को बहुत बड़ा तोहफा। मैं बहुत सी मुस्लिम बहनों से मिलती हूं जो इससे पीड़ित थीं और कई बहनें ऐसी भी हैं जिनके परिवारों में यह प्रथा होते हुए भी अपनाई नहीं जाती थी।
मेरा मानना है कि 90 प्रतिशत महिलाएं बहुत खुश और सुकून से हैं और 10 प्रतिशत ऐसी भी हैं जो बुजुर्ग हैं और इसे धर्म मानती हैं (वो भी शायद अन्दर से खुश ही हैं)। मोदी सरकार की यह मुस्लिम महिलाओं के दर्द को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने की एक शानदार पहल है और इसीलिए महिलाएं अब पुरुषों की उस विकृत मानसिकता की पीड़ा झेलने से बच जाएंगी।
मोदी जी मेरी हाथ जोड़कर विनम्र प्रार्थना है कि समाज की अन्य महिलाओं की पीड़ा को समझ कर जो तलाक जैसे केसों का सामना कर रही हैं, अदालतों में लगभग 37 लाख से ज्यादा केस दहेज, महिला उत्पीड़न, यौन हिंसा, घरेलू हिंसा के चल रहे हैं। मैं पिछले 15 सालों से बुजुर्गों और बेटियों के लिए काम कर रही हूं। अक्सर यह भी देखती हूं कि 50 प्रतिशत लड़कियां दुःखी हैं और 50 प्रतिशत लड़कियां झूठे केस बनाकर बुजुर्ग सास, ससुर या पति को फंसाती हैं। ऐसे लोगों के लिए भी कोई कानून बने, निर्दोष लोगों को सुरक्षित करें और गलत लोगों को सजा दें।
आज हम महिलाएं कोई भी क्षेत्र, अंतरिक्ष हो, कला हो, विज्ञान हो, पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। मोदी जी के इन सफल प्रयासों से आज गांव और बस्ती में रहने वाली महिला भी ऊपर उठ रही है, आगे बढ़ रही है परन्तु कहीं न कहीं पुरुषों की गन्दी सोच और मानसिकता उन पर हावी होती है और मुझे लगता है कि बस और नहीं… जैसे 2 दिन पहले लोकसभा की पीठासीन स्पीकर रमा देवी पर एक सदस्य ने भद्दी और गन्दी टिप्पणी की (जो हमेशा अपनी आदत से मजबूर है) तो लोकसभा की सभी महिलाएं चाहें वो किसी भी पार्टी की थीं, ने जमकर विरोध किया आैर बता दिया-बस अब और नहीं…. मैं श्रीमती रमा देवी जी को पर्सनली जानती हूं।
वो बहुत ही मेहनती, जमीन से जुड़ी महिला हैं जो अपनी मेहनत के बलबूते पर लोकसभा पहुंची हैं। अगर कोई उनकी हिस्ट्री जाने तो स्वयं उनके आगे नतमस्तक हो जाए। वो मेरी ‘बेटियां’ ‘कॉफीटेबल बुक’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जिस देश में महिलाएं राष्ट्रपति पद तक पहुंची हों तो वहां महिलाओं का सम्मान होना ही चाहिए और आज समय आ गया है जब पुरुष नारी शक्ति को पहचानें।
वो देवी का रूप भी है, महाकाली का रूप भी है, तभी तो केन्द्रीय मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, मीनाक्षी लेखी, पूनम महाजन, मिमी चक्रवर्ती, सुप्रिया सूले, अनुप्रिया पटेल ने संसद के अन्दर एकजुट होकर आजम खां को रमा देवी से माफी मांगने को कहा है। अभी मुझे मोदी जी से पूरी उम्मीद है कि महिलाओं को 33 प्रतिशत वाला बिल भी पास होगा।
मैं कहती हूं हर वो आंख बन्द हो जाए जो महिला को गन्दी नजर से देखे, हर वो जुबान कट जाए जो महिला के प्रति गन्दी भाषा बोले, हर हाथ टूट जाए जो महिला को भोग की वस्तु समझ कर उसकी तरफ बढ़े। अब नारी अबला नहीं सबला है। अब महिला हंसती है तो फूल खिलते हैं और रोये तो ज्वालामुखी फटते हैं। मोदी जी आप महिलाओं को मजबूत समाज का पिलर बना रहे हैं, इसलिए मुबारक हो, मुबारक हो।