बैसाखी के इस कम्पीटिशन में बहुत ही प्यारी बातें हमारे सामने आईं। सास-बहू का प्यारा रिलेशन, दादी-पोते और दादी-नानियों का प्यारा रिलेशन, हमारी संस्कृति, संस्कार कि जमाना जितना मर्जी एडवांस हो जाए हमारी कुछ रीतियां वैसी की वैसी हैं जैसे लडक़ी की विदाई, कुआं पूजन (बच्चे के जन्म पर) शादियों में लोकल संगीत का रिवाज और खुशियां मनाना आदि और बहुत सी लाइक हास्पिटल से वीडियो भेजना, घुटने के आपरेशन के बाद भी कम्पीटिशन में हिस्सा लेना, क्या बात है। वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सदस्यों ने कमाल कर दिया है, उन सबके पीछे ब्रांच हैड्स हैं।