लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

कोरोना मंथन : टेलिकॉम सैक्टर को मिला अमृत

सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेलिकॉम कम्पनियों की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की बकाया रकम पर अपना फैसला सुनाते हुए टेलिकॉम कम्पनियों को बड़ी राहत दी है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेलिकॉम कम्पनियों की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की बकाया रकम पर अपना फैसला सुनाते हुए टेलिकॉम कम्पनियों को बड़ी राहत दी है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने एजीआर की बकाया रकम दस वर्ष में चुकाने की इजाजत दे दी है। एजीआर की बकाया रकम पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला 24 अक्तूबर, 2019 को सुनाया था। इसके बाद वोडाफोन-आइडिया ने खुल कर कहा था कि उन्हें बेलआउट पैकेज नहीं दिया गया तो उसे भारत में अपना कामकाज बंद करना होगा। एजीआर की बकाया रकम चुकाने के लिए दस वर्ष का टाइमलाइन एक अप्रैल 2021 से शुरू होगा। इसका पूरा पैमेंट 31 मार्च 2031 तक हो जाना चाहिए। इस फैसले से एयरटेल को भी काफी राहत मिली है।
एजीआर संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा टेलीकॉम कम्पनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिंग फीस है। इसके दो हिस्से होते हैं। स्पैक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस, जो क्रमशः 3-5 फीसदी और आठ फीसदी होता है। असल में विवाद इसे लेकर था कि दूरसंचार विभाग कहता है कि एजीआर की गणना ​किसी टेलीकॉम कम्पनी को होने  वाली सम्पूर्ण आय या राजस्व के आधार पर होनी चाहिए, जिसमें डिपॉजिट इंट्रस्ट और एमेट बिक्री जैसे गैर टेलिकॉम स्रोत से आय भी शामिल है। दूसरी तरफ टेलिकॉम कम्पनियों का कहना था कि एजीआर की गणना सिर्फ टेलिकॉम सेवाओं से होने वाली आय के आधार पर होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन पहलुओं पर फैसला सुनाया है। पहले तो केन्द्र की याचिका में एजीआर के भुगतान के लिए 20 वर्ष का समय देने की मांग की गई थी। भारती एयरटेल और वोडा-आइडिया ने 15 वर्ष में भुगतान की इजाजत मांगी थी, दूसरा क्या स्पैक्ट्रम का उपयोग करने का अधिकार आईबीसी के तहत हस्तांतरित, सौंपा या बेचा जा सकता है और तीसरा आर कॉम का स्पैक्ट्रम इस्तेमाल करने पर जियो और वीडियोकॉन और एयरसेल का स्पैक्ट्रम इस्तेमाल करने पर एयरटेल उनकी देयता के आधार पर अतिरिक्त देयता के तहत आएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल किया था कि लम्बित बकाये बेइमानी से व्यवहार करने वाले टेलिकॉम क्षेत्र को राहत क्यों देनी चाहिए। तब वोडाफोन का जवाब था कि पिछले दस वर्षों में भारत के व्यवसायों में पूरे निवेश में घाटा हुआ है। एक करोड़ इक्वटी का सफाया हो चुका है। सुनवाई के दौरान जस्टिम एमआर शाह ने कहा था कि कोरोना महामारी के दौरान दूरसंचार एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जो पैसा कमा रहा है, इसलिए उसे कुछ धनराशि जमा करनी होगी, क्योंकि सरकार को महामारी के इस दौर में पैसे की जरूरत है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टेलिकॉम कम्पनियों को राहत के साथ-साथ ऐसा लग रहा है कि यह राहत उनके लिए अमृत के समान है। बाजार में गला काट प्रतिस्पर्धा शुरू हो चुकी थी, इस प्रतिस्पर्धा में एक-दो टेलिकॉम कम्पनियों को छोड़ कर बाकी सबका राजस्व घटने लगा था।
कोरोना काल से पहले रिलायंस जियो ने इस क्षेत्र में टिके कई दिग्गजों को उखाड़ फैंका था। अपनी रक्षा के लिए वोडाफोन, आइडिया जैसी कम्पनियों ने आपस में हाथ मिला लिए थे। एयरटेल भी बाजार में टिक नहीं पा रही थी। सरकारी उपक्रम बीएसएनएल और एमटीएनएल तो कब की मैदान छोड़ कर दर्शक दीर्घा में जा बैठी थीं। तभी कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया। सबके कामधंधे ठप्प हो गए। लॉकडाउन के दौरान दुकानें, बाजार और वितरकों का धंधा बंद हो गया। कोरोना काल में दुनिया की अर्थव्यवस्था के​ लिए सागर मंथन जैसा ही रहा है। कुछ सैक्टर मालामाल हो गए। 
कोरोना काल में टेलिकॉम सैक्टर के हाथ लगा इस सागर मंथन का अमृत। कोरोना काल के दौरान सब कुछ आनलाइन हो गया। ग्रॉसरी समेत सारी खरीदारी आनलाइन हो गई। पढ़ाई भी आनलाइन हो गई। कोरोना काल के दौरान ओ.टी.टी. प्लेटफार्म लोकप्रिय हो गए। रिचार्ज बिजनेस भी आनलाइन हो गया। आने वाले दिनों में आनलाइन का विस्तार हो गया, इसके चलते टेलिकाॅम कम्पनियों की चांदी हो गई। भारत में लाभ की सम्भावनाओं को देखते हुए फेसबुक मोबाइल सर्विस में एंट्री मारने की इच्छुक हो गई। रिलायंस जियो ने अपनी दस फीसदी ​हिस्सेदारी फेसबुक को 43,574 करोड़ में बेची। फेसबुक को भारत में डाटा का विशाल मार्किट नजर आया। गूगल भी वोडाफोन-आइडिया के कुछ स्टॉक्स खरीदने की इच्छुक है। फाइव जी आने पर क्लाउड कम्यूटरिंग भी जोर पकड़ेगी। साफ्टवेयर कम्पनियों के पास एक टेलिकॉम प्लेटफार्म भी होना  बहुत फायदेमंद होगा। एमेजॉन भी एंट्री की प्लानिंग कर रहा है। दुनिया की बड़ी कम्पनियों के लिए भारत आकर्षण का केन्द्र बन चुका है। टेलिकॉम सैक्टर में बहार आने वाली है। उम्मीद की जानी चाहिए टेलिकॉम सैक्टर में खुशगवार माहौल देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सकारात्मक होगा।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 − 14 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।