साहसी पत्रकार जूलियन असांजे

साहसी पत्रकार जूलियन असांजे

पत्रकारिता आज ही नहीं बल्कि हमेशा ही जोखिमपूर्ण रही है। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ मानी जाने वाली प्रैस की स्वतंत्रता के लिए पत्रकारों ने हमेशा ही लम्बा संघर्ष किया है और शहादतें भी दी हैं। आज भी पत्रकार युद्ध कवरेज करते हुए जान गंवा रहे हैं। साहसी पत्रकारिता करना कोई आसान नहीं होता। फिर भी दुनिया में साहसी पत्रकारिता के उदाहरण मिल जाते हैं। साहसी पत्रकारों की सूची में अब विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे का नाम भी जुड़ गया है। जूलियन असांजे ने अमेरिका के गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में अपना दोष तो स्वीकार कर लिया और इसकी एवज में उन्हें रिहाई भी मिल गई लेकिन ब्रिटेन की जेल में पांच साल बिताने और उससे पहले इक्वाडोर दूतावास में गुजारे गए दिनों की पीड़ा का उन्हें अहसास है। शायद कोई दूसरा उनकी पीड़ा को न समझ पाए लेकिन पूरी दुनिया अब उन्हें दिलेर पत्रकार के रूप में स्वीकार करती है।

जूलियन असांजे ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले पत्रकार हैं, जिन्होंने खोजी वेबसाइट विकिलीक्स की साल 2006 में स्थापना की थी और जल्द ही एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे से उन्होंने दुनिया में सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दीं। उनके ज्यादातर खुलासे सरकारों के खिलाफ होते थे, जिसमें मानवाधिकार हनन, युद्ध अपराध जैसे मुद्दे सामने होते थे। साल 2010 में जूलियन असांजे ने उस वक्त सनसनीखेज मचा दी थी जब उनके वेबसाइट विकिलीक्स ने एक के बाद एक पांच लाख अमेरिकी सरकार के गोपनीय दस्तावेज जारी कर दिए और ये दस्तावेज इराक और अमेरिका से संबंधित थे। इन दस्तावेजों ने पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी थी और पूरी दुनिया में अमेरिका की बदनामी हुई थी। इन्हीं दस्तावेजों में से एक में खुलासा किया गया था कि कैसे बगदाद में अमेरिकी हैलीकॉप्टर ने एक हमले में दो पत्रकारों सहित एक दर्जन से ज्यादा लोगों को मार दिया था।

उनके लगातार खुलासे और गोपनीय दस्तावेज हासिल करने को लेकर उनकी सक्रियता ने उन्हें प्रैस स्वतंत्रता के समर्थकों के बीच एक मशहूर व्यक्ति बना दिया और उन्होंने उस वक्त कहा था कि उनका मकसद इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की गतिविधियों की पोल खोलना है और उन्होंने कहा था कि एक पत्रकार के तौर पर ये काम करना कुछ भी अलग नहीं है लेकिन जूलियन असांजे के खुलासों ने अमेरिका को नाराज कर दिया और वो अमेरिका, जो फ्रीडम ऑफ प्रैस का चैंपियन बनने का दावा करता है उसने जूलियन असांजे को कई फर्जी मुकदमों में फंसा दिया। अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने साल 2019 में पहली बार जूलियन असांजे के खिलाफ आरोप जारी किया था जिसमें असांजे पर जो उस समय लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में छिपे हुए थे उनके खिलाफ एक सेना के निजी व्यक्ति के साथ मिलकर संवेदनशील सरकारी रिकॉर्ड को अवैध रूप से प्राप्त करने और प्रकाशित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

उस वक्त जस्टिस डिपार्टमेंट के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी जॉन डेमर्स ने कहा था कि “कोई भी जिम्मेदार अभिनेता, पत्रकार या कोई और जानबूझकर उन व्यक्तियों के नाम प्रकाशित नहीं करेगा जिन्हें वह युद्ध क्षेत्रों में गोपनीय मानव स्रोत के रूप में जानता हो जिससे वे सबसे गंभीर खतरों में पड़ जाएं।”

आस्ट्रेलिया ने अमेरिका से अपील की थी कि जूलियन असांसे की रिहाई का मार्ग परस्त करे और उसे क्षमादान दे। अंततः वैश्विक शक्ति अमेरिका को उन्हें रिहा करना पड़ा और उनसे एक डील की गई। डील के मुता​बिक जूलियन असांजे मारियाना द्वीप समूह की अमेरिकी अदालत में पेश हुए और उन्होंने अपनी आजादी के बदले सैन्य रहस्यों को उजागर करने का दोष स्वीकार कर लिया। इन आरोपों में जितनी उन्हें सजा होनी थी उतनी वह पहले ही ब्रिटेन में भुगत चुके हैं। अब असांजे आस्ट्रेलिया पहुंच गए हैं और स्वतंत्र रूप से जीवन व्य​तीत करेंगे। इसके साथ ही 14 वर्षों से चला आ रहा कानूनी ड्रामा भी समाप्त हो गया। अमेरिका से टक्कर लेकर और उसकी पोल खोलने के लिए जूलियन असांजे को पत्रकारिता जगत हमेशा याद रखेगा।

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