लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

तुम याद बहुत आओगी…

आज से लगभग 25 साल पहले एक दिन अश्विनी जी ने मुझे करवाचौथ वाले दिन कहा कि तुम्हें सुषमा जी के यहां जाना है करवाचौथ के लिए तो मैंने उन्हें कहा कि मुझे तो घर में करना है।

आज से लगभग 25 साल पहले एक दिन अश्विनी जी ने मुझे करवाचौथ वाले दिन कहा कि तुम्हें सुषमा जी के यहां जाना है करवाचौथ के लिए तो मैंने उन्हें कहा कि मुझे तो घर में करना है। उस दिन दिन में भी खूब अंधेरा जैसा था तो उन्होंने कहा कि मैंने उनसे वादा किया है कि तुम आओगी तो जाओ। अश्विनी जी हमेशा उन लोगों का ज्यादा ध्यान रखते हैं जो सत्ता में नहीं होते और अपने आपको डाउन महसूस करते हैं। पति ​की आज्ञा और वो दिन, उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से पिछले साल तक मैंने करवाचौथ उनके साथ मनाया। करवाचौथ में 16 शृंगार करना, पूजा किस तरह करते हैं, मैंने उनसे सीखा। यहां तक कि मेरी सहेलियों ने भी और फिर एक दिन वह लोधी एस्टेट हमारे घर आईं, अश्विनी जी को राखी और मुझे लूम्बा बांधकर गईं और अश्विनी जी को कहा कि अब सदा मेरी रक्षा करना। सुषमा जी और शीला दीक्षित दोनों में अपनापन था। इतनी प्यार से जफ्फी डालती थीं कि मां की जफ्फी को भी मात कर देतीं। 
मिनिस्टर बनने के बाद भी कहीं दूर से देखकर खुद पास आकर प्यार से हाथ पकड़तीं, जफ्फी डालतीं और कहतीं ‘भरजाई मेरा भरा किसतरां।’ फिर चाहे मेरे बुजुर्गों का प्रोग्राम या बेटियों का प्रोग्राम हो या जालन्धर ट्रेन में ले जाना होता, एक फोन करतीं तो यही कहतीं भरजाई मैं आऊंगी। न फाॅरमल चिट्ठी न इनवाईट, बस यही बातें याद आएंगी। मृत्यु जीवन की एक सच्चाई है जिसे टाला नहीं जा सकता परन्तु असमय अचानक मृत्यु तोड़कर रख देती है जब हम और हमारा परिवार अपनों और अपने ही लोगों के दर्द से जूझ रहे हैं, अश्विनी जी की बीमारी से जूझ रहे हैं तो ऐसे में उनका जाना और मेरे प्रिय भाई अरुण जेतली का अस्वस्थ होकर अस्पताल में दाखिल होना, मुझे तो तोड़कर रख दिया है। 
कैसे फोन करूं बांसुरी को जो मुझे प्यार से मामी कहकर मेरी प्यार से जान ले लेती है। कैसे उन पलों को भुलाऊं जब अमेरिका में थी जो उन्होंने मेरा साथ दिया, जो ख्याल रखा, खुद देखने आईं। कैसे भूलूं इलेक्शन के दिन जब बार-बार मुझे फोन करती थीं कि कैसे चल रहा है। अश्विनी जी के सिर पर पानी ठंडा कर तौलिया रख दे, उसे थोड़ी-थोड़ी देर बाद खाने को कुछ दे। कैसे भूलूं जब अभी अश्विनी जी मेेदांता में दाखिल हुए और बार-बार फोन कर कहती थीं किरण भरजाई हिम्मत नहीं हारना, तू बहुत बहादुर है। जब उन्हें मैं बताती कि अश्विनी जी की बीमारी के साथ मैं कुछ अपनों का दुःख भी सह रही हूं तो उन्होंने मुझे एक वाक्य बोला-जिन्दगी रामायण और महाभारत पर आधारित है। 
अभी तक तुमने रामायण की पालना करते हुए मर्यादा में अपनी लाइफ जी है, सारी दुनिया जानती है मेरा भाई सीधा-भोला, बस थोड़ा मुंहफट है। तुम दोनों दुनिया को प्रेरित करने वाले पति-पत्नी हो। अब तुम्हें महाभारत की तरह अपनी लड़ाई लड़नी है। दिल छोटा न करो और दिखा दो कि पति बीमार है परन्तु तुम सावित्री का रूप हो, कृष्ण का रूप बनो और लाइफ की इस कठिनाई को पार करो। मैं रोती थी तो कहती थी आंसू नहीं आने चाहिएं। अपने को कमजोर नहीं वीरांगना बनाओ।
वाह! सुषमा जी, कैसे भूलूंगी आपको, बहुत याद आओगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

19 + six =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।