पिछले दिनों दिल को हिला देने वाली बेटियों के साथ घटनाएं सामने आईं जिन घटनाओं को सुनकर शायद हैवानियत भी शर्मिंदा होगी। दिल्ली की एक लड़की जिसने एक लड़के से प्रेम संबंध बनाने से इंकार किया उसे गोली मार दी और ऐसा ही कांड झारखंड के दुमका में हुआ। यही नहीं कल हरियाणा में 30 साल की महिला जो अपने 9 वर्षीय बेटे के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी। उसने जब एक शराबी की छेड़छाड़ का विरोध किया तो उसने उसे गाड़ी से धक्का दे दिया, उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना से उसके बेटे पर क्या असर होगा और सारी उम्र उसकी आंखों के सामने वो मंजर रहेगा। उसकी मां गई उसका बचपन गया। अभी एक घटना और सामने आई एक प्रसिद्ध मठाधीश ने नाबालिग लड़कियों का रेप किया।
हे परमात्मा ऐसी गंदी सोच और मानसिकता वाले व्यक्तियों का क्या किया जाए। आज जब बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उस समय ऐसी घटनाएं सामने आए तो बहुत ही दिल दुखी और पीड़ित होता है। क्या किया जाए? जबकि सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने, पढ़ाने के लिए बहुत सी स्कीम ला रही है। बेटियां आगे भी बढ़ रही हैं, हर क्षेत्र में बेटियां आगे हैं, परन्तु फिर भी शारीरिक रूप से मार खा जाती हैं, पीछे हो जाती हैं। जिसके लिए उसका महिला होना ही अभिशाप हो जाता है।
महिलाओं की, बेटियों की सुरक्षा की बात करें इसका क्या हल होना चाहिए। मेरी समझ से यह तो हो नहीं सकता कि हर बेटी और महिला के पीछे एक सुरक्षा कर्मी हो। अगर हो तो भी रेप नहीं हो सकता, तो मेरा मानना है। परन्तु यह सम्भव (नामुमकिन है) नहीं है।
1. समाज और देश के हर व्यक्ति को बेटियों की सुरक्षा को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, कहीं भी कोई गलत होता दिखे तो विरोध हो और उस व्यक्ति के प्रति सभी वहां उपस्थित इकट्ठे हों, उस व्यक्ति का कड़ा विरोध और मुकाबला करें, क्योंकि ऐसी गंदी हरकतें करने वाले व्यक्ति मर्द हो ही नहीं सकते। वो अन्दर से कमजोर होंगे, जो एक थप्पड़ और पिटाई से ही डर जाएंगे। ऐसे व्यक्ति का मुंह काला कर उसे बाजारों में घुमा कर उसकी मां, बेटी, बहन के सामने उसे शर्मिंदा करना चाहिए।
2. कानून में कड़ी से कड़ी सजा ऐसे व्यक्ति के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा मिलनी चाहिए कि आगे से ऐसा ख्याल भी उसके मन में आए तो उसकी रूह कांप जाए।
3. अगर कोई पुलिस को शिकायत करता है तो उस लड़की का नाम सबके सामने नहीं आना चाहिए और पुलिस का डर अवश्य होना चाहिए।
4. बेटियों को अपनी सुरक्षा का खुद जिम्मेदार भी होना चाहिए वो ऐसी जगह या अकेली जगह न जाएं जहां कोई उनसे दुर्व्यवहार कर सके। गलत इंसानों से दूरी बनाई रखनी चाहिए। मेरे हिसाब से बेटियों और महिलाओं में हमेशा किसी की बुरी नजर भांपने की क्षमता होती है। इसलिए उन्हें अपना व्यवहार रहन-सहन, आना-जाना सुरक्षित रखना चाहिए।
5. जब तक देश का हर युवा, हर व्यक्ति अपनी मानसिकता में यह नहीं लाएगा कि हर बेटी महिला का सम्मान अावश्यक है। अगर एक बेटी की तरफ कोई बुरी नजर डाले तो सबको डट कर मुकाबला करना है।
देश में ऐसे अपराध की ओर अपराधियों का कुछ भी करने को इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। भारत की संस्कृति, संस्कार, सभ्यता देश-विदेशों में मशहूर है। आओ सब मिलकर संस्कार और संस्कृति को मजबूत करें और महिलाओं को सुरक्षा का अहसास कराएं।