ब्रिटेन ने भारत पर 200 वर्षों तक राज किया था। भारतीयों ने स्वतंत्रता संग्राम लड़कर भारत काे अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई थी। गोरों का दुनियाभर में अनेक देशों का कब्जा था और तब कहा जाता था कि ब्रिटिश शासन का सूर्य कभी नहीं डूबता लेकिन जैसे-जैसे ब्रिटिश शासन से उपनिवेश देश मुक्त होते गए गोरों का वर्चस्व भी खत्म हो गया।
भारत और ब्रिटेन के बीच सम्बन्धों का इतिहास तो काफी पुराना है। दोनों देशों के आपसी सम्बन्धों को मजबूत करने में ब्रिटेन में रहने वाले करीब 15 लाख भारतीयों की भूमिका अहम है। प्रवासी भारतीय ब्रिटेन के हर क्षेत्र में मौजूद हैं चाहे वो राजनीति, व्यापार, उद्योग, मैडिकल हो या स्पोर्ट्स। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में भारत की कम्पनियों की अहम भूमिका है। भारतीयों की 900 से ज्यादा कम्पनियों ने ब्रिटेन में एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया हुआ है।
भारत के लिए यह गर्व की बात है कि ब्रिटेन में भारतीय मूल के सांसद ऋषि सूनक को नया वित्त मंत्री बनाया गया है। उन्हें पाकिस्तानी मूल के साजिद जावेद को हटाकर वित्त मंत्री का पदभार दिया गया है। ब्रिटेन की बोरिस जानसन सरकार में गृहमंत्री पद पर प्रीति पटेल बरकरार है।
प्रधानमंत्री जानसन मंत्रिमण्डल में भारतीय मूल के आलोक शर्मा को भी पदोन्नति मिली है।ऋषि सूनक दिग्गज भारतीय इन्फोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद हैं। ऋषि सूनक पहले वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री थे और उन्हें ब्रिटिश खजाने का मुख्य सचिव का दर्जा प्राप्त था। उन्हें ब्रिटिश सरकार के उभरते सितारे के तौर पर देखा जा रहा है।
ब्रिटिश सरकार में वित्त मंत्री भारतीय मूल का, गृहमंत्री भारतीय मूल का और दो अन्य महत्वपूर्ण विभाग भी भारतीय मूल के लोगों के पास हैं तो यह स्वीकार करना ही होगा कि प्रवासी भारतीयों ने विदेश में रहकर कितनी प्रगति की है। यूराेपीय यूनियन से अलग हुए ब्रिटेन के लिए वित्त मंत्रालय का पद काफी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि आने वाले दिनों में ब्रिटेन कोे दुनिया के देशों के साथ अपना नया व्यापार ढांचा खड़ा करना है।
ऋषि सूनक प्रधानमंत्री जानसन की ब्रेक्जिट रणनीति को अंजाम दिलाने में विश्वस्तरीय व्यक्ति बनकर उभरे हैं। उनका मूल पेशा इन्वेस्टमेंट बैंक का है। उन्हें बड़े स्तर पर व्यापार करने का अनुमान प्राप्त है। उम्मीद है कि वह ब्रिटेन के शानदार भविष्य की रूपरेखा तैयार करेंगे। जानसन सरकार में भारतीय मूल के मंत्रियों की चुनौतियां कम नहीं हैं। प्रीति पटेल अब ब्रिटेन की सुरक्षा, आव्रजन और वीज़ा नीतियों की प्रभारी होंगी। आलोक शर्मा को अन्तर्राष्ट्रीय विकास सचिव का पदभार दिया गया है।
प्रीति पटेल ने अपराध और देश पर आए हर संकट से लड़ने की कसम खाई है। यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद नए सिरे से वीजा को जारी करने का काम काफी निष्पक्षता से करना होगा। अन्तर्राष्ट्रीय विकास मंत्री आलोक शर्मा के सामने वैश्विक चुनौती काफी बड़ी है। उनके लिए जलवायु परिवर्तन, बीमारी और प्राकृतिक आपदायें सबसे अहम हैं। ब्रेक्जिट के बाद भारत-ब्रिटेन सम्बन्धों में काफी तेजी आई है और यह सम्बन्ध अब और प्रगाढ़ होने की उम्मीद है।
ब्रिटेन में परिचालन करने वाली भारतीय कम्पनियों तथा भारतीय बाजार के विस्तार की इच्छुक ब्रिटिश कम्पनियों के लिए बहुत से अवसर उपलब्ध होंगे। ब्रिटेन के लिए भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार होगा। यह ब्रिटेन और भारत के सम्बन्धों के लिए रोमांचक समय है। दोनों देशों के पास मुक्त व्यापार करार की व्यापक सम्भावनाएं हैं।
पिछले वर्ष ब्रिटिश संसदीय जांच रिपोर्ट में चेताया गया था कि ब्रिटेन न सिर्फ भारत के साथ बेहतर सम्बन्धों की दौड़ में पिछड़ गया है बल्कि वह दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत और प्रभाव के मुताबिक अपनी रणनीतियों में बदलाव करने में भी असफल रहा है। इस रिपोर्ट से भारतीय पर्यटकों, छात्रों और पेशेवराें के लिए बेहतर वीजा और आव्रजन नीति बना कर सम्बन्धों में सुधार लाने को कहा गया था। संसदीय रिपोर्ट में कहा गया था कि उभरते भारत के साथ बेहतर सम्बन्धों की वैश्विक दौड़ में ब्रिटेन का पिछड़ना गंवाए हुए अवसर की गाथा है। भारत अब ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब जबकि जानसन मंत्रिमण्डल में भारतीय मूल के लोगों का जलवा है तो दोनों देश व्यापारिक, सांस्कृतिक सम्बन्धों को ठोस आयाम दे सकते हैं।
आदित्य नारायण चोपड़ा