समाज से सरोकार सबका होता है परन्तु समाज के उत्थान के लिए निःस्वार्थ काम करने वाले लोग विरले होते हैं जिनकी दूरगामी सोच आने वाली पीढ़ियों के जीवन को संवारने का काम करती है। ऐसी ही एक सामाजिक संस्था है ‘चौपाल’ (Center for Holistic Advancement & upliftment of the poor and landless) यानी एक ऐसी संस्था जो समाज के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले निर्धन लोगों के संपूर्ण विकास और उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम करती है। चौपाल विशेष रूप से गरीब एवं जरूरतमंद ऐसी महिलाओं को ऋण देकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती है जो धन के अभाव में स्वावलंबी नहीं बन पातीं।
गत कई वर्षों से सेवारत इस संस्था की बुनियाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह सरकार्यवाह श्री मदन दास देवी ने रखी थी। कालांतर में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं दिल्ली के पूर्व मेयर श्री केदारनाथ साहनी ने इस संस्था के पालन का बीड़ा उठाया। कहने की आवश्यकता नहीं है कि आज यह संस्था लाखों जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें स्वावलंबी बना चुकी है। ऐसा करके चौपाल एक महिला का जीवन नहीं बल्कि एक परिवार का जीवन संवारती है क्योंकि महिलाएं हर परिवार की धुरी होती हैं।
कृषि, कुटीर उद्योग, पारम्परिक व्यवसाय, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय जैसे कार्यों से महिलाओं ने अपने हुनर को तराशा है। यह सब देश की अर्थव्यवस्था की बेहतरी में जुड़ता है। चौपाल के साथ किरण जी का विशेष जुड़ाव है और वर्तमान में वह इसकी मुख्य संरक्षिका हैं। इसके पीछे एक बेहद दिलचस्प कहानी है। बात जुलाई 2012 की है। वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता डा. हर्षवर्धन के सौजन्य से उनके चुनाव क्षेत्र कृष्ण नगर में चौपाल के ऋण वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें मुझे (अश्विनी जी) भाग लेने का साैभाग्य प्राप्त हुआ। विदित हो कि स्वर्गीय केदारनाथ साहनी जी का मुझसे बेहद लगाव था। वह मुझे पुत्रवत मानते थे।
इसी कार्यक्रम में उन्होंने मुझे चौपाल की बागडोर संभालने काे कहा। तब मैंने उनसे कहा कि इस कार्य के लिए किरण जी से बेहतर कोई दूसरा नहीं हो सकता, क्योंकि वह बेहद संवेदनशील, सहनशील और करुणामयी हैं, वह इस कार्य को बहुत मन से आगे ले जाएंगी। वस्तुतः किरण जी को इस संबंध में कुछ ज्ञात ही नहीं था। इस तरह से साहनी जी ने उन्हें चौपाल की मुख्य संरक्षिका नियुक्त कर दिया था। ऐसी संस्था को किरण जी एक उम्मीद की नई किरण के रूप में नजर आईं जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से इस संस्था को जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बना दिया। विदित हो कि चौपाल अब तक 93 ऋण वितरण कार्यक्रमों का आयोजन कर चुकी है जिन सभी में किरण जी की विशेष भूमिका रहती है। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि आज ‘चौपाल’ और ‘किरण’ एक-दूसरे के पर्यायवाची बन चुके हैं।
वह स्वयं कहती भी हैं कि कामकाजी महिलाएं अब उन्हें ‘चौपाल वाली’ के रूप में जानती हैं। यह बात निर्विवादित रूप से सत्य है कि उनकी प्रेरणा से हजारों-लाखों महिलाओं ने स्वरोजगार को अपनाया है। करनाल के सांसद रहते हुए हमने मुद्दीनपुर (घरौंडा) में एक गांव गोद लिया जो बेहद पिछड़ा हुआ था। वहां भी चौपाल के कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आज यह गांव भारत के सबसे सर्वोत्तम गांवों में गिना जाता है। उल्लेखनीय है कि चौपाल के इन कार्यक्रमों को संघ- भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन और संरक्षण मिलता रहा है। इस संस्था के उत्थान में संघ प्रचारक श्री प्रेमचंद जी गोयल, श्री बजरंग लाल जी, स्वामी राघवानंद जी महाराज, स्वामी ज्ञानानंद जी तथा स्वामी विजय कौशल जी महाराज का विशेष योगदान रहा है। दीदी मां साध्वी ऋतंभरा का इस संस्था पर विशेष स्नेह है।
गृहमंत्री श्री अमित शाह, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, वयोवृद्ध भाजपा नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण अडवानी, स्वर्गीय सुषमा जी एवं श्री अरुण जेटली जी, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत तमाम वरिष्ठ नेता इस संस्था के कार्यों में शिरकत कर चुके हैं। इतना ही नहीं स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ‘मन की बात कार्यक्रम’ में चौपाल की सफलता और अर्थव्यवस्था में इसके योगदान का उल्लेख कर चुके हैं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रेरणा से चौपाल ने गत कुछ वर्षों से रिक्शा चालकों के जीवन को संवारने का बीड़ा उठाया और ‘चौपाल केसरिया’ के नाम से ई-रिक्शा वितरण के लिए कार्यक्रम चलाया जिसमें जरूरतमंद लोगों को ई-रिक्शा के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है ताकि आदमी आदमी को ढोने जैसे मानवीय कार्य से मुक्त हो सके।
चौपाल एक ऐसी संस्था है जिसके प्रति किरण संवेदनात्मक और भावनात्मक रूप से जुड़ी है। चौपाल की स्थापना स्वदेशी जागरण मंच के अधीन स्व. केदारनाथ साहनी जी ने की थी। मुझे बहुत वर्ष पहले साहनी जी और भोलानाथ विज जी ने चीफ गैस्ट के रूप में बुलाया था। तब मुझे समझ आई थी कि आखिर चौपाल क्या है? मैं हैरान था कैसे गरीब महिलाओं को 10-10 हजार कैश मेरे हाथों दिलाया जा रहा था। मैंने साहनी जी से पूछा कि इतने ढेर सारे पैसे कहां से आते हैं? और बाद में जो ऋण के रूप में 10 हजार रुपया इन महिलाओं को दिया जाता है कैसे मिलता है।
स्व. साहनी जी ने मुझे बताया कि कई दानी सज्जन लाखों रुपये देते हैं और हम 10 हजार रुपये ऋण के रूप में इन गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को देते हैं। इस पैसे से यह गरीब महिलायें छोटा-मोटा कारोबार जैसे टोकरियां बनाना, धूप-अगरबत्ती बनाना, सब्जियों की रेहड़ी लगाना और भी कई छोटे-मोटे काम शुरू करती हैं। हमारी टीम के करीब दो दर्जन लोग इन महिलाओं से सम्पर्क रखते हैं। हर माह या दो माह बाद से किश्तों में यह महिलाएं थोड़ा-थोड़ा करके अपना ऋण चुकाती हैं। हम यह ऋण उन्हें बिना किसी ब्याज के देते हैं।
जो अगली बात साहनी जी ने मुझे बताई वो हैरान करने वाली थी। उन्होंने बताया कि ‘‘अश्विनी जी अभी तक के हमारे दस प्रोग्रामों में बांटे गए ऋण में से हमें वापसी 100% है।’’ मैं सुनकर हैरान रह गया और मैंने साहनी जी से कहा कि इस भारत देश में तो अमीर व्यक्ति बैंकों से ऋण लेकर करोड़ों-अरबों का गबन कर जाते हैं और पैसा खा जाते हैं, अपना ऋण नहीं चुकाते चाहे उन्हें जेल जाना पड़े लेकिन क्या कमाल है जो यह गरीब औरतें अपना पूरा ऋण उतार देती हैं और इसकी मदद से आर्थिक रूप से समाज में खड़ी भी हो जाती हैं। मैं सचमुच केदारनाथ साहनी, श्री भोलानाथ विज और इस संस्था के सभी कार्यकर्ताओं से बेहद प्रभावित हुआ और मैंने अपने अध्यक्षीय भाषण में साहनी जी और उनकी टीम के इस प्रयास की बेहद सराहना भी की।
मेरे बाद कुछ अर्से के बाद साहनी जी ने किरण को इसी प्रोग्राम में चीफ गैस्ट के रूप में बुलाया। किरण को भी यह प्रोग्राम बेहद पसंद आया। बाद में श्री केदारनाथ साहनी जी ने अपनी मृत्यु से पहले चौपाल का सारा कार्यभार किरण को सौंप दिया और उन्हें चौपाल की मुख्य संरक्षिका बना दिया। चौपाल को प्रगतिशील बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किरण ने दिया है। यह एक ऐसी संस्था है जो गरीब व जरूरतमंद महिलाओं को सूक्ष्म ऋण प्रदान करती है। गरीब महिलाएं इस संस्थान की मदद से अपना छोटा-मोटा काम शुरू करती हैं। किरण का कहना है कि इस ऋण से वे अपना जीवन यापन स्वाभिमान से कर सकती हैं। यह एक स्वतन्त्र सामाजिक संस्था है। जिन महिलाओं को बैंकों से मदद नहीं मिलती उनकी मदद चौपाल करती है। जमीन से लेकर आसमान तक से जुड़े लोग इसमें शामिल हैं।
ऐसी संस्था को किरण एक उम्मीद की किरण के रूप में नजर आईं और उन्हें चौपाल की मुख्य संरक्षिका के पद से नवाजा गया। किरण के जुड़ते ही मानो चौपाल के प्रोग्रामों काे पंख लग गए हों। लोगों तक एक संदेश पहुंचा। आज 30 लाख से अधिक लोग इससे जुड़े हैं। किरण ने इसे रोजगाराेन्मुखी बनाने की दिशा में बहुत काम किया। उन्होंने इस संस्था को नई दिशा दी। अब तक तो चौपाल के माध्यम से केवल महिलाओं को ही छोटे-मोटे काम चलाने के लिए ऋण मिलता था लेकिन किरण ने बेरोजगार युवकों के लिए भी चौपाल के माध्यम से एक नया प्रोग्राम शुरू किया। इस प्रोग्राम के तहत पहले चुने गए बेरोजगारों को ऑटोरिक्शा ऋण दिया जाता था। आजकल किरण के नए प्रोग्राम के मुताबिक बेरोजगार युवकों को ई-रिक्शा भी दी जा रही है।
करनाल के सांसद श्री अश्विनी चोपड़ा की धर्मपत्नी होने के नाते समय-समय पर जरूरतमंद महिलाओं से मिलना और उनकी समस्याओं को समझना तथा उसके लिए काम करना ही किरण जी का मुख्य उद्देश्य रहा है। मेरे सांसद रहते खासतौर पर चौपाल और वरिष्ठ नागरिक केसरी के प्रोग्राम करनाल और पानीपत में रखे गए जहां जरूरतमंद महिलाओं के अलावा बेरोजगार युवकों को ई-रिक्शा भी बांटे गए। इस समय चौपाल के माध्यम से बहुत सी महिलाओं और बेरोजगार युवकों की मदद हो रही है। हम दोनों पति-पत्नी काे बस अब अखबार चलाने के साथ-साथ इन सामाजिक कार्यों में लगे रहने से ही संतोष मिलता है और उम्मीद करते हैं कि हम दोनों के चले जाने के उपरान्त हमारे बच्चे भी ऐसी ही सामाजिक सेवा में हमारे द्वारा चलाई इस परम्परा को जारी रखेंगे।
The Giving of love help and happiness to other’s is also a Form of charity.
मैं किरण को कई बार कहता हूं
That God Makes You a Fragrant Flower. Try to spread sweetness and Fragrance to all.