आज के दिन वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की सभी शाखाओं में खुशियां ही खुशियां हैं। बड़े दिनों के बाद शाखाएं खुली हैं। सभी ब्रांच हैड में बहुत ही उत्साह और जोश है। हो भी क्यों न जिन्दगी के इस पड़ाव पर जब आप बहुत एक्टिव होते हो, हर एक्टिविटी में हिस्सा लेते हो और आप किसी से कम नहीं कि अच्छी भावना से आगे बढ़ते हो तो खुशियां जाहिर हैं। सबके ब्रांच हैड का तो जोश देखते ही बनता है। अभी सभी वीएनकेसी के सदस्यों का ब्लेसिंग्स लंच रखा है और इसे भी एक इवेंट का रूप दिया है क्योंकि कोरोना के कारण कोई भी बड़ा इवेंट नहीं हुआ, तो सबके प्रयास से यह एक इवेंट बनने जा रहा है। सबके चेहरे पर खुशियां ही खुशियां हैं। एक आत्मविश्वास है कि हम किसी से कम नहीं और हमसे है जमाना।
कहते हैं जिन्दगी के हमेशा दो पहलू साथ-साथ चलते हैं। कभी खुशी, कभी गम, कभी पीड़ा, कभी खुशी, कभी दर्द। ऐसे ही हमारे वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सदस्यों के साथ भी है। यह एक बहुत ही बड़ा परिवार है और सबका एक-दूसरे से लगाव, स्नेह एक परिवार के सदस्यों की तरह है। कोरोना में हमने बहुत से सदस्य खोये। अभी उनके बिछडऩे का दर्द भी बहुत है कि अभी हमारे और बहुत से सदस्य बिस्तर पर हैं। कुछ आईसीयू में हैं, जिनके साथ मेरी लगातार बात होती है या उनके घरवालों से होती रहती है और मैं उनमें बहुत उत्साह भरती हूं, परन्तु अन्दर से दिल डरता है, क्योंकि बहुत लगाव है। हमारे ब्रांड एम्बैसडर अभ्भी जी 80+ जो आईसीयू में हैं, जिनके लिए बहुत दुआओं की जरूरत है। वो हमारे क्लब के एवर ग्रीन टैलेंटिड सिंगर हैं, उनके बच्चे उनकी बहुत सेवा कर रहे हैं, परन्तु मन बहुत परेशान है उनके लिए ऐसे ही नोएडा ब्रांच की शारदा सुशील जो 80+ हैं, सुबह बहुत सुन्दर-सुन्दर मैसेज और आशीर्वाद भेजती हैं, वो भी बहुत बीमार हैं। उनकी बेटी उनकी बहुत सेवा कर रही है, वो भी आईसीयू से लौटी हैं। ऐसे ही हमारी पंजाबी बाग की ब्यूटी क्वीन आशा चौधरी और उनके पति दोनों बहुत बीमार हैं, उनकी दोनों बेटियां अमेरिका, लंदन से आ गई हैं, बहुत सेवा कर रही हैं। ऐसे समय में जब ब्लेसिंग्स लंच हो रहा है और फैशन शो भी हो रहा है, वो हमेशा शो सटोपर रही हैं, उन्हें हम बहुत मिस कर रहे हैं। भगवान उन्हें जल्दी स्वस्थ करें। ऐसा ही शांति वोहरा 92+ हैं जो हमेशा फैशन शो, रैम्प वॉक में हिस्सा लेती हैं, उनके बेटे, पोते उनकी बहुत सेवा करते हैं। अभी उनके बेटे से मेरी बात हुई तो वो सो रही थीं, उसने कहा कि वो तो अब भी आ जाएंगी, वो इतनी खुश होंगी कि आप सोच ही नहीं सकते। वाह क्या बात है। मैं शांति वोहरा आंटी और उनके बेटे-बहुएं, पोते-पोतियों को सैल्यूट करती हूं, जो इस उम्र में उनको खुशियां दे रहे हैं। 20 सालों से यही देख रही हूं।
मैं सोच रही हूं क्यों न एक ऐसी स्कीम चलाई जाए जिसमें पोते-पोतियां, नातिन अपने दादा-दादी, नाना-नानी की सेवा कर रहे हैं, और उनको खुशियां दे रहे हैं। उनकी फोटो के साथ उनके विचार दोनों तरफ से छापें (पब्लिश) किये जाएं, तो आओ सभी दादा-दादी, नाना-नानी तैयार हो जाएं, खुशियां बांटे क्योंकि जिन्दगी के कई रंग हैं, कभी यह रुलाती है, कभी यह हंसाती है, कभी खुशी है, कभी गम।
”किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो लें उधार
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है।”