सलाम-सलाम, आज इस दौर में मोदी जी, पुलिस, डॉक्टर और सभी राज्यों के सीएम को सलाम। यह बात सच है कि भारत के लोग बुरे वक्त के दौरान एक होकर लड़ना जानते हैं। यह तब संभव है जब आप सकारात्मक सोच के साथ जीते हैं। यह भारत की एक बहुत बड़ी ताकत है जो कोरोना वायरस के हमले के बावजूद एकजुट होकर इंसानियत का संकल्प लेकर मैदान में डटे हुए हैं। जिन पुलिस वालों को लोग डंडे वाली खाकी और कितने ही गलत उपनामों से संबोधित करते हैं, वही पुलिस आज दिल्ली के अनेक इलाकों में गरीब बस्तियों में रहने वाले लोगों तक खाने-पीने की चीजें पहुंचा रहे हैं। कोरोना का असर दिल्ली में भी फैल रहा है। हमारे पीएम मोदी जी ने राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन किया है और लोग इसका पालन कर भी रहे हैं लेकिन अचानक अगर लाखों लोग दिल्ली की सड़कों पर आ जाएं और अपने घर पहंुचने के लिए पैदल ही निकल पड़ें तो उनकी मदद के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों की जितनी तारीफ की जाए वह कम है।
हालांकि झुग्गी बस्तियों में जो खाने-पीने का सामान बंट रहा है वो कई सामाजिक संगठन और इलाके के अन्य धार्मिक संगठन तथा गणमान्य नागरिक तैयार करवा रहे हैं। इसमें पुलिस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है जो हलवाइयों और लांगरियों को अपनी जीपों में लाकर सामान तैयार करने के बाद जरूरतमंदों तक पंहुचा रहे हैं। मानवता के इस काम के लिए हमारी कर्त्तव्य परायण दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को सलाम। रिंग रोड पर शालीमार बाग तिराहा, प्रेम बाड़ी पुल चौराहा और अशोक विहार मोड़ के पास सैंकड़ों दिल्ली पुलिस के जवानों ने लाॅकडाउन के दौरान सड़कों पर पैदल जा रहे हजारों लोगों की मदद इंसानियत के रिश्ते को सामने रखकर की है। दिल्ली पुलिस के अलावा, पंजाब पुलिस, यूपी पुलिस और हरियाणा पुलिस तथा सीआरपीएफ के जवानों की तारीफ की जानी चाहिए जो आज भी सड़क पर चलने वाले लोगों की मदद कर रहे हैं। शालीमार बाग में श्रीराम मंदिर बीटी-ब्लाक के लोग पिछले दस दिन से हर रोज स्वच्छ भोजन जरूरतमंदाें के लिए बनवा रहे हैं। झंडेवाला मंदिर में रोजाना 40,000 लोगों के लिए खाना बनवा रहे उसके प्रधान कुलभूषण आहूजा जी खुद सेवा कर रहे हैं। चौपाल संस्था विशेषकर पूर्वी दिल्ली के जितेन्द्र महाजन जी लोगों की सेवा कर रहे हैं। कहने का भाव है कि मंदिर हो या गुरुद्वारा या कोई अन्य धार्मिक संस्था या सामाजिक संस्थाएं सब अपनी-अपनी तरफ से सेवाभाव से लगे हुए हैं और पुलिस के जवान अपनी गाड़ियों में यह खाने-पीने का सामान रखकर झुग्गियों में बंटवा रहे हैं। दिल्ली पुलिस को सौ-सौ बार सलाम है जिसके जवान अपने परिवार के लोगों से दूर रहकर न केवल ड्यूटी कर रहे हैं बल्कि कोरोना के खिलाफ अपनी जान जोखिम में डालकर देश के लिए डटे हुए हैं।
पंजाब पुलिस के जवानों ने कई वीडियो बनवाकर कोरोना के खिलाफ गा-गाकर और नाच-नाच कर लोगों को सामाजिक दूरी का पाठ पढ़ाया है। हरियाणा पुलिस के जवान भी लोगों को सामाजिक दूरी बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पुलिस मारती-पीटती है, ऐसा कहने वाले अब इस मिलनसार, दयालू और इंसानियत की कद्र करने वाले पुलिस के लोगों का कामकाज देखें और उनसे प्रेरणा लेकर कोरोना के खिलाफ देश के यज्ञ में सामाजिक दूरी निभाकर आहुति दें। एक बात और स्पष्ट करना चाहूंगी वो यह कि हर नेता, अभिनेता, हर मजहब और हर राज्य सरकार के प्रतिनिधि सब एक हो जाएं तो कोरोना जैसी महामारी पर विजय पाई जा सकती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने साफ कहा है कि जो डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान मारे गए तो उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवारों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। यह सचमुुच एक अनुकरणीय कदम है क्योंकि जो सेवा इस समय डॉक्टर, नर्स और पुलिस दे रही है उसकी मिसाल है। ये लोग भी इंसान हैं, इनके परिवार हैं, परन्तु जिस तरह से ये लोग अपने फर्ज से भी बढ़कर ड्यूटी निभा रहे हैं मुझे तो यह ईश्वर से कम नहीं लगते लेकिन दुखदायी बात यह है कि दो दिन पहले इंदौर और बैंगलुरु की दो बस्तियों में जब डॉक्टर लोग वहां पहुंचे तो उन पर पत्थर बरसाए गए। हम इस घटना की निंदा करते हैं और मध्य प्रदेश सरकार तथा कर्नाटक सरकार से अनुरोध करते हैं कि मानवता मिशन के कोरोना योद्धाओं पर पत्थर फैंकने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाए।
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की भी बात करना चाहूंगी और हर कोई इसके बारे में जानता है। गाजियाबाद में दुनिया के दु:ख-दर्द को अपने दामन में समेटने वाली देश की नर्स बेटियों से जिन लोगों ने बतमीजी की है उन लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए यह जवाब मरकज वाले ही दें तो अच्छा रहेगा। दिल्ली से मरकज वाले जो 19 राज्याें में गए हैं उन्होंने भी कोरोना फैलाया है परंतु हमारे स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने बहुत प्यारी बात कही कि जो हुआ उसे भूल जाओ। यह गलती ढूंढ़ने का नहीं बल्कि मिलकर महामारी पर विजय पाने का समय है। इस मामले में हमारे एनएसए अजित डोभाल जी, गृहमंत्री अमित शाह जी की भी तारीफ की जानी चाहिए जिन्होंने नाजुक मौके पर हालात को संभाल लिया और मरकज के लोगों को क्वारंटीन करवाया। हालात बहुत नाजुक और खराब हैं लेकिन इंसान और इंसानियत की परीक्षा भी नाजुक मौके पर ही होती है। पीएम मोदी जी की अपील का लोग पालन कर रहे हैं और हम सब एक हैं। हमारी एकजुटता ही हमारी संस्कृति है और कहा भी गया है-
बरसों रहा है दुश्मन दौर-ए- जमां हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।
सूचना : देशभर में डॉक्टर-नर्स व अन्य पुलिस कर्मचारी जान पर खेल कर अपनी ड्यूटी कोरोना वायरस तथा इससे बचाव के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए निभा रहे हैं। यदि आपके पास कोई ऐसी जानकारी है तो 9899324534 पर वाट्सएप करें या pnjkesri@gmail.com पर भेजें, हम इसे प्रकाशित करेंगे।