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केम छो डोनाल्ड ट्रम्प

महाभियोग की प्रक्रिया खत्म होने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आ रहे हैं। उनके इस दौरे को लेकर सरकार में उत्सुकता भी है।

महाभियोग की प्रक्रिया खत्म होने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आ रहे हैं। उनके इस दौरे को लेकर सरकार में उत्सुकता भी है। ट्रंप की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब उनके दोबारा राष्ट्रपति बनने की सम्भावनाएं काफी बढ़ी हुई हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि ट्रंप शासन काल में भारत और अमरीका के सम्बन्ध काफी मजबूत हुए हैं। हालांकि व्यापार को लेकर असहमति के बिंदु उभरते रहे हैं। 
दोनों देशों में सम्बन्धों को नया आयाम देने की कोशिश जारी है। ट्रंप का दौरा सुनिश्चित हो जाने के साथ ही यह साफ हो गया है कि अमरीका की नज़र में भारत का महत्व काफी बढ़ चुका है। कभी वह समय भी था जब अमरीका पड़ोसी देश पाकिस्तान को पालने में लगा हुआ था। भारत एक अलग खेमे में था। कभी यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि भारत और अमरीका भविष्य में स्वाभाविक सहयोगी बन जाएंगे। जब भी अमरीकी राष्ट्रपति या विदेश मंत्री भारत आए उनके सामने पाकिस्तान यात्रा करने की मजबूरी होती थी मगर समय के साथ-साथ घटनाचक्र बदला। 
भारत अमरीका के करीब होता गया और पाकिस्तान अमरीका से कहीं दूर छिटक गया। पाकिस्तान  प्रायोजित आतंकवाद के मसले पर ट्रंप ने भारत को समर्थन दिया। टप और उसकी पत्नी मेलानिया ट्रंप का दौरा अहमदाबाद केन्द्रित होगा। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अमरीकी शहर ह्यूस्टन में हाऊदी मोदी कार्यक्रम करवाया गया था। ठीक उसी तर्ज पर ट्रंप के लिए भव्य कार्यक्रम ‘केम छो ट्रंप’ का आयोजन किया रहा है। इस कार्यक्रम को अमरीका में रह रहे भारतीयों के समर्थन से जोड़ कर देखा जा रहा है। 
ट्रंप को पुनः राष्ट्रपति बनने के लिए भारतीय मूल के लोगों के समर्थन की जरूरत है। यह कार्यक्रम अहमदाबाद में बने दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में हो रहा है। जहां ट्रंप के स्वागत में एक लाख लोग होंगेे। अमरीका में भारतीय मूल के लोगाें की आबादी 38 फीसदी तक बढ़ चुकी है। भारतीयों ने वहां के सविधान और संस्कृति को आत्मसात कर लिया है और वे अमरीका के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 
अमरीकी प्रशासन में भी भारतीयों की उपस्थिति दिखाई देती है। अमरीका में गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल के लोग बड़ी संख्या में हैं। एक तरफ ट्रंप की नज़रें प्रवासी भारतीयों के वोट बैंक पर हैं, वहीं उनका मकसद भारत को एकीकृत वायु रक्षा हथियार बेचना है। 
1.9 अरब डालर के इस सौदे को इस यात्रा के दौरान अन्तिम रूप दिया जा सकता है। इसके अलावा दो दर्जन सी हॉक हैलिकॉप्टरों की खरीद का समझौता भी होना है। व्यापार समझौते भी होने की उम्मीद है। अमरीका के लिए भारत बड़ा बाजार है। व्यापारिक मुद्दों में पिछले वर्ष उस समय तनाव पैदा हो गया था जब ट्रंप ने भारत के उत्पादों पर आयात शुल्क लगा दिया था। उम्मीद है कि अमरीका ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा जिससे व्यापार में अड़चनें बढ़े। 
ट्रंप की यात्रा से पहले अमरीका प्रशासन ने ऐसा फैसला किया है जिससे भारतीय निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। भारत को विकासशील देशों की सूची से बाहर करने की अमरीका का फैसला प्रथम दृष्टि से अच्छा लगे लेकिन इसका व्यावहारिक अर्थ यह है कि अमरीका से होने वाले भारतीय निर्यात को अब इस जांच से गुजरना होगा कि उसके ​निर्माण और निर्यात में सरकारी स​ब्सिडी का कोई खास योगदान तो नहीं है। अभी तक विकासशील देशों से आई चीजों को वहां न सिर्फ इस जांच से छूट हासिल थी बल्कि दो प्रतिशत सब्सिडी पर भी ऐतराज नहीं था। 
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अमरीकी मीडिया भारत के प्रति दुराग्रह का प्रदर्शन करने लगा हुआ है। अमरीकी राष्ट्रपति का भारत यात्रा के दौरान इन पर क्या रुख रहेगा इसका पता तो यात्रा के दौरान पता चलेगा लेकिन इतना तय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के आतंरिक मामलों को लेकर किसी दबाव में आने वाले नहीं। 
डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मसले पर मध्यस्थता के राग से पीछे हट चुके हैं। ट्रंप अपने कृषि क्षेत्र को उबारने के लिए वहां के कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए नए बजाार की खोज में हैं। अमरीका चीनी व्यापार युद्ध के चलते चीन जैसा बाजार खो चुका है। अगर व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होते हैं तो दूध उत्पादों, अखरोट, सेब, बादाम, गेहूं, मक्का, सोयाबीन आदि उत्पादों का आयात शुल्क पर भारत में किसानों के लिए संकट पैदा हो सकता है। यही कारण है कि किसान संगठन अपनी आशंकाओं से सरकार काे अवगत करा रहे हैं। 
फिलहाल ट्रंप की यात्रा को लेकर अहमदाबाद में भव्य तैयारियां की जा रही हैं। नगर निगम, इंदिरा गांधी ब्रिज से सरदार बल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने वाली सड़क के किनारे बसी झुग्गियों  के आगे दीवार बना रही है ताकि ट्रंप की नज़र इन पर नहीं पड़े। देखना होगा ट्रंप की यात्रा से भारत को क्या हासिल होता है। भारत ‘मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है’ की तर्ज पर ट्रंप का स्वागत करने को तैयार है।
आदित्य नारायण चोपड़ा

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