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हरियाणा सीएम की मनोहर योजनाएं

सरकार वही जो मतदाताओं के मन भाए। यूं तो लोगों के वोट से चुनी गई सरकारें जनहित में योजनाएं बनाती हैं लेकिन देखना यह होता है कि क्या कल्याणकारी योजनाओं से जनता को लाभ हो रहा है।

दुल्हन वही जो पिया मन भाए, सरकार वही जो मतदाताओं के मन भाए। यूं तो लोगों के वोट से चुनी गई सरकारें जनहित में योजनाएं बनाती हैं लेकिन देखना यह होता है कि क्या कल्याणकारी योजनाओं से जनता को लाभ हो रहा है। लोकतंत्र में विपक्ष को सरकारों की आलोचना, उनकी नीतियों की विफलता की आलोचना करने का अधिकार है। लेकिन इस बात का फैसला जनता करती है कि राज्य सरकार की योजनाएं कितनी सफल हुई और कितनी विफल। बतौर संपादक मेरा यह नैतिक कर्त्तव्य है कि मैं सही को सही और गलत को गलत लिखूं। सबका साथ, सबका विकास और हरियाणा एक हरियाणवी एक के सिद्धांत पर हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने पिछले 8 वर्षों में कई ऐसे फैसले लिए जो भाजपा शासित राज्य सरकारों के लिए उदाहरण बन गए हैं। सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता, गांव में लाल डोरा समाप्त करना, अधिग्रहण की बजाय किसानों से भूमि खरीदना, एमएसपी पर फसल खरीद आदि योजनाएं सरकार की उपलब्धियों का उदाहरण हैं।
कई फैसले ऐसे थे ​​जिसे डबल इंजन सरकार फैसले कहा जा सकता है। जब मनोहर लाल ने हरियाणा में सत्ता संभाली थी तब लिंगानुपात सबसे बड़ा मसला था। उनकी सरकार के खाते में सबसे बड़ी उपलब्धि यह आई कि राज्य के लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ। जिस साल 2014 में मनोहर सरकार ने इस दिशा में कामकाज शुरू किया तो लिंगानुपात 871 से बढ़कर 876 हो गया। 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़कर 920 प्रति हजार हो गया। एक समय में हरियाणा का नाम भ्रूण हत्या के लिए बदनाम हो चुका था। लेकिन अब हालात में काफी सुधार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना का सही दिशा में लागू करने का श्रेय मनोहर सरकार को ही जाता है। देशभर में हरियाणा की पहली पहचान कृषि प्रधान राज्य के तौर पर है। वैसे तो देश के कई अन्य राज्य भी कृषि प्रधान हैं लेकिन हरित क्रांति और पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा एक सफल कृषि प्रधान राज्य के तौर पर पहचान बना पाया है। कृषि एक ऐसा मुद्दा है जिस के इर्द-गिर्द राज्य की राजनीति घूमती रहती है। हरियाणा को भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा इंडिया एग्री बिजनैस अवार्ड 2022 के तहत कृषि क्षेत्र में नीतियों, कार्यक्रमों, उत्पादन, इनपुट, प्रोद्यौगिकियों, मार्किटिंग, बुनियादी ढांचे और निर्यात के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए बेहतर राज्य की श्रेणी में पुरस्कार मिला है। हरियाणा राष्ट्रीय खाद्यान्न पूल में सबसे बड़ा योगदान देने वाले राज्यों में से एक है। बागवानी और कृषि व्यवसायों को बढ़ावा देने की दिशा में विविधता के लिए  राज्य सरकार ने कई नीतिगत पहल की हैं। हरियाणा ने लगभग 400 बागवानी फसल समूहों की मैपिंग की है और 700 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है।
इसके अलावा ​िकसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। किसानों को कई फसलों के लिए 7000 प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मनोहर सरकार के दौरान सरकारी व निजी ​नौकरियां बिना सिफारिश आैर बिना पैसे के लोगों को मिली। राज्य सरकार ने 98000 सरकारी नौकरियां दी हैं जो किसी भी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सबसे अधिक हैं। बिना पर्ची और बिना खर्ची के नाैकरियां मिलना सरकार की बड़ी उपलब्धि रही और सरकार ने नौकरी माफिया को बेनकाब करने में कामयाबी हासिल की है। यही कारण रहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में मनोहर लाल सरकार की दिल खोल कर सराहना की। गृहमंत्री अमित शाह ने भी हरियाणा सरकार की पीठ थपथपाई। गृहमंत्री  ​ने हाल ही में हरियाणा के लिए विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए उनकी जमकर सराहना की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के तहत वंदे भारत ट्रेन का निर्माण भी अब सोनीपत में होने जा रहा है। सोनीपत में 590 करोड़ की लागत से रेल कोच नवीनीकरण कारखाने का उद्घाटन किया जा चुका है। रोहतक में सबसे लंबे एलीवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण विकास के क्षेत्र में नया मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कर्मचारियों की तबादला नीति का कड़ा अनुभव रहा है। उन्होंने वह दौर भी देखा जब सरकारी कर्मचारी तबादलों के लिए मुख्यमं​त्रियों और मंत्रियों के चक्कर काटते थे। तबादले उद्योग का रूप धारण कर चुके थे। उनकी सरकार ने तबादलों की एक प्रणाली विकसित की। जिसके तहत अध्यापकों को एक फार्म भरना होता है और वरिष्ठता के आधार पर काम हो जाता है। ऑनलाइन तबादला नी​ित को अब अन्य राज्य भी अपना रहे हैं। हरियाणा में 16 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाती है। प्रदेश सरकार ने बाजरा तक एमएसपी पर खरीदा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसानों की बासमती बाजार मूल्य से अधिक रेट पर हैफेड ने खरीदी। राज्य सरकार 2 लाख टन बासमती चावल के निर्यात का लक्ष्य लेकर चल रही है। राज्य के करीब साढ़े पांच हजार गांव में जगमग हरियाणा के तहत 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की जा चुकी है। हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 की सिफारिशों को लागू किया जा चुका है। हरियाणा आत्मनिर्भर रोजगार योजना के तहत गरीब बेरोजगार युवाओं को छोटे काम धंधे शुरू करने के लिए 15000 रुपए का ऋण केवल 2 फीसदी ब्याज दर पर दिया जा रहा है। इसके अलावा श्रमिक कल्याण योजना, हरियाणा कौशल रोजगार योजना, अंत्योदय राशन कार्ड योजना के अलावा महिलाओं, बुजुर्गों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस बार हरियाणा में पराली भी पंजाब के मुकाबले बहुत कम जली है। किसी भी सरकार की सफलता और विफलता में उसकी अफसरशाही का बहुत योगदान होता है। कहते हैं कि अफसरशाही बेलगाम घोड़ा है, जिसे काबू करने के लिए एक मंझे हुए शहसवार की जरूरत पड़ती है। आठ साल के शासन के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है बल्कि नौकरशाही पर लगाम कसने में भी सफलता हासिल की है। लोकतंत्र में सरकार के कामकाज को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं स्वाभाविक है। स्वस्थ लोकतंत्र में सवाल उठते भी रहने चाहिए तभी सत्ता जागरूक रहती है। कुल मिलाकर मैं यह महसूस करता हूं कि हरियाणा सरकार की मनोहर योजनाओं से राज्य की तस्वीर काफी हद तक बदल चुकी है।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।