कई मुश्किलें हो रही हैं आसान…

कई मुश्किलें हो रही हैं आसान…
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परिवर्तन समय की मांग है और देश के हर क्षेत्र में विकास देशवासियों की जरूरत और हर काम को आसान करना देशवासियों की सुविधा के लिए बहुत जरूरी है। आज देश विकास की ओर है। सड़कें, रेलवे स्टेशन व अस्पताल पहले से बेहतर हो रहे हैं।
मुझे अचानक लंदन जाना पड़ा। मेरे बहनोई ईश्वर को प्यारे हो गए। रिश्ता बहुत नजदीक का और मेरे लिए वो बहुत ही आदरणीय थे, मेरी बहन मां के समान। परन्तु जब पासपोर्ट देखा तो लंदन का वीजा नहीं था। पता चला कि सामान्व तरीके (नार्मल वे) से अप्लाई करो तो 10-15 दिन लग जाएंगे। मुझे हर हालत में वहां शनिवार तक पहुंचना था, तो वीएफएस आफिस में मिलने का समय (अपाइंटमैंट) तय किया गया। वहां जब अपने बेटे आकाश के साथ पहुंची तो बहुत ही हैरान और प्रभावित हुई।
बहुत ही सिस्टममैटिक था। स्टाफ बहुत हैल्पफुल था। मुझे ऐसे लग रहा था। जैसे यह विदेश का कोई आफिस हो या उससे भी बढ़कर मालूम पड़ा कि अगर एक ​दिन में वीजा चाहिए तो एक लाख पहले पे करने पड़ेंगे एम्बैंसी को) पहले तो कुछ अटपटा लगा कि कई लोग ऐसे भी होंगे जिनको मेरे से भी ज्यादा इमरजैंसी हो और वो पे न कर सकते हों परन्तु फिर सोचा चलो पैसे देकर लग तो ठीक ही रहा है। पहले सालों में तो झूठे एजैंट पैसे ठग ले जाते थे। यह सब अब नहीं है। आखिरकार पैसे देकर काम तो हो रहा और वो भी पैसे सीधे एम्बैंसी को जाते हैं। बस मुझे यह जरूरत महसूस हुई जो पे नहीं कर सकते और उनको इमरजैंसी है तो उनके लिए इंतजाम होना चाहिए।
वीजा फार्म भरने से लेकर वीजा लगवाने तक पहले अलग-अलग चरणों से गुजरना पड़ता था लेकिन अब सरकार ने अच्छी सुविधाएं दे रखी हैं। आपको फार्म पर अपना कारण ​लिखना है और विदेश में जहां जाना है उससे सम्बद्ध जगह का नाम लिखना है तो आपको ​वीजा उसी वक्त मिल जाता है तो आपको तसल्ली होने लगती है कि अब आपकाे दूतावासों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस सुविधा के लिए विदेश मंत्रालय के तहत सचमुच सरकार के मौजूदा सिस्टम की प्रशंसा ​की जानी चाहिए। जब यूक्रेन और इजराइल से अनेक भारतीय जिसमें स्टूडैंट्स ज्यादा थे जब वतन वापस आए तो ज्यादातर ने मौजूदा सरकार के उन प्रयासों की प्रशंसा की थी जो सरकार ने उनकी भारत वापसी के लिए किए थे। हालांकि आजकल बहुत कुछ आनलाइन हो रहा है। आपको आनलाइन से फार्म भरने से लेकर वीजा अप्लाई करने तक सब कुछ आसानी से उपलब्ध हो रहा है। हकीकत बात तो यह है पहले ऐसा नहीं था। अब तो विदेश जाने से लेकर ​विदेश वापसी तक इमीग्रेशन और वीजा डिपार्टमैंट के लोग बड़ी तेजी से काम कर रहे हैं। एयरपोर्टों पर विदेश जाने और विदेश से वापसी के लिए अब यात्रियों को बहुत ज्यादा लम्बे इंतजार से नहीं गुजरना पड़ता। उनकी जांच और पासपोर्ट संबंधी अन्य जांच अब पहले की तुलना में तेज हो चुकी है क्योंकि स्टाफ बढ़ा दिया गया है। मेरे कई जानकार विदेश आते-जाते रहते हैं ​वे अक्सर ढाई घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचने को लेकर बातचीत जरूर करते हैं परन्तु मेरा मानना है कि सरकार के हर विभाग के सिस्टम सही हैं क्योंकि हर रोज लाखों लोग एयरपोर्ट पर आते-जाते हैं, इसलिए यात्रियों से ढाई घंटे पहले पहुंचने की अपील की जाती है, ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो। एक ​चीज अच्छी है कि सरकार लाेगों को अगर वीजा को लेकर अच्छी सुविधाएं प्रदान कर रही है तो उसकी ​संवेदनशीलता का पता चलता है जो लोगों के दुख-दर्द को समझती है। मुझे वीजा लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई। हर मामले में जो सहयोग मिला वह हर यात्री को मिलता है तो यह स्वागत योग्य कदम है कि लोगों के दुख-दर्द की घड़ी में उनके काम जल्दी हो रहे हैं।
पासपोर्ट बनवाने से लेकर इसकी जांच और इसके इशू होने तक अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग पासपोर्ट कार्यालय हैं। अब सब कुछ आनलाइन है,​ जिसका परिणाम यह है कि पासपोर्ट 10-15 दिन में आपके घर बन कर आ जाता है। कभी विदेश मंत्री ​सुषमा स्वराज जिनसे हमारे पारिवारिक संबंध रहे हैं अक्सर कहा करती थी कि विदेश जाने वाले लोगों को पासपोर्ट से लेकर वीजा तक सब सुविधा तुरन्त मिलनी चाहिए। उनकी नीयत साफ थी तभी आज सरकार की नीति सही दिशा में है। पासपोर्ट दफ्तर से लेकर वीजा प्रदान करने वाले और एम्बैसी तथा विदेश विभाग से जुड़ा पूरा स्टाफ इसके लिए बधाई का पात्र है।

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