आज वरिष्ठ नागरिक क्लब की एक्टिविटी को बंद हुए लगभग 3 महीने होने जा रहे हैं। मुझे और सारी ब्रांच हैड्स को आप सबकी बहुत याद आती है क्योंकि हमारा जीवन आप सबके इर्दगिर्द घूमता है। आपका नाता हम सबके खून के रिश्तों से बढक़र है। बात-बात पर आशीर्वाद देना, मुस्कराना, अपने आंसू छुपाना, अपना दर्द छुपाना, हंसते-हंसते एक्टिविटी में हिस्सा लेना, अपने आप को किसी हीरो-हीरोइन से कम न समझना, एक बार माइक हाथ में आ जाए तो उसको न छोडऩा, कभी गाने की जिद करना, कभी कविता सुनाने की जिद करना, कभी भाषण देने की जिद करना, चांस न मिलने पर बच्चों की तरह रूठ जाना और कभी लंदन, मुम्बई, सिंगापुर जाने की जिद करना, कभी किसी गायककार को बुलाने की जिद करना और कभी बड़ी सलाहें देना। सच में बहुत याद आते हो। हर महीने की 6 तारीख को वो जरूरतमंद बुजुर्ग या एडोप्ट किए हुए बुजुर्ग भी याद आते हैं जो वित्तीय सहायता और जरूरत का सामान लेने आते हैं उनकी भीगी आंखें और आशीर्वादों से भरे हाथ याद आते हैं। काश! मेरे पास जादू की छड़ी आ जाए, मैं आपके पास उडक़र पहुंच जाऊं या आपको बुला पाऊं, परन्तु लॉकडाऊन है। हमें इसका पालना करना है और मेरे लिए एवं ब्रांच हैड्स के लिए एक-एक सदस्य की लाइफ बहुत जरूरी है, कीमती है।
आपके साथ जूम के साथ संपर्क करने की कोशिश की परन्तु कुछ लोगों के साथ हो सकती है, बाकियों के साथ नहीं, तो छोड़ दिया। फिर कोशिश करूंगी परन्तु जिनके साथ नहीं हो सकती उनके रूठने या आहत होने का डर सताता है। आपके व्हाट्सऐप पर प्यार भरे और वायस मैसेज मिलते हैं। दिल आपके आशीर्वाद और प्यार भरे मैसेज से विभोर हो उठता है। इस समय मुझे आप सबके प्यार और आशीर्वाद की बहुत जरूरत है क्योंकि मेरी जिन्दगी की सबसे बड़ी स्पोर्ट अश्विनी जी फिजीकली मेरे साथ नहीं हैं, परन्तु उनकी मुझे दी गई काम करते रहने की प्रेरणा हमेशा मेरे साथ है। जो वरिष्ठ नागरिक अकेले रह जाते हैं उनका दर्द मैं पहले ही बहुत समझती थी, परन्तु अब तो और भी समझ आता है। पंजाबी बाग के सदस्य मि.सिंघला जो हमेशा कहते हैं, मेरा नाम है सिंघला परन्तु मैं हूं भी सिंगल। उनकी दर्द भरी मुस्कान हमेशा याद आती है, परन्तु सबको हंसाने वाला रामू का रोल उनका नाटकों में काम करना तो बहुत ही याद आता है। गुडग़ांव के क्वात्रा जी की बात-बात पर कविता लिखने एवं अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए कुछ न कुछ सुनाते रहना याद आते हैं। नोएडा के रवीन्द्र अभ्भी जी एक सफल सिंगर है। उनकी गायिका के सभी कायल है। वह हीरो है और वह अपनी ब्रांच हेड का बहुत सहयोग करते हैं। उनके गीत कानों में गुंजते हैं।
उन्होंने फरीदाबाद डी. एन. कथूरिया जी और टी.डी. जटवानी जी को जोड़ा जो अकेलेपन को दूर करने के लिए अपना समय समाजसेवा में लगाते हैं। नरेला के रूपचंद दहिया जी भी ऐसे ही प्रेरणा स्रोत हैं। प्रभा मारवाह जो अपने पति और बेटा खोने के बाद पत्थर की मृर्ति की तरह हमारे क्लब में आई थी। अब मुस्कुराना सीख गई है और फैशन शो में सबसे आगे रहती है। उनकी मुस्कुराहट याद आती है। यही नहीं प्रसिद्घ स्किन स्पैशलिस्ट डॉ.सूद की पत्नी प्रेम सूद की क्लब में आने के बाद खुशियां याद आती है।
पंजाबी बाग की अध्यक्ष किरण मदान जो अभी सिटीजन भी नहीं थी तब हैड बनी थीं। अब 72 वर्ष की हैं। कैसे वह अपने आप को बैलेंस कर पंजाबी बाग ब्रांच को चलाती हैं। अपने पति के जाने के बाद मुझे अब समझ लग रही है कि यह सब इतना आसान नहीं। वह मेरी प्रेरणा है, समय-समय पर मुझे अश्विनी जी के बगैर कैसे जीना है, सिखा रही हैं।
पिछले दिनों पंचकूला के रिटायर्ड कर्नल का वीडियो वायरल हुआ। वह बताते हैं कि मैं सीनियर सिटीजन हूं, यहां अकेला रहता हूं। पीछे से कुत्ते भौंकने की आवाज आती है, तभी पुलिसकर्मी उन्हें हैैपी बर्थडे कहकर केक पेश कर देते हैं, वह बेहद भावुक हो आंसू पोंछते हुए केक काटते हैं। उनके वीडियो ने दिल को तो चीर ही दिया, आप सब की बहुत याद दिला दी।
सरोज सेठी यादी आती है। जो फैशन शो के लिए अपनी बहू की 10 साडिय़ा ले आती और खुशी से बताती है। उनकी बहू ने उनके लिए सिलेक्ट की है।
मैं देश के सभी वरिष्ठ नागरिकों से बताना चाहूंगी कि आप सब बहुत बेहतर हो, विदेशों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों का बहुत बुरा हाल है। इस लॉकडाऊन में डिप्रेशन, बीमारी के शिकार हैं। ओल्ड ऐज होम में मृत्यु दर बढ़ रही है, इसलिए मैं हमेशा होल्ड ऐज होम को ज्यादा महत्व नहीं देती क्योंकि हमारा देश श्रीराम और श्रवण का देश है। हमारी भारतीय संस्कृति में ये मेल नहीं खाते।
आप सबसे प्रार्थना है कि घर पर बैठें, एक्टिव रहें। हल्के-फुल्के व्यायाम करें। अपने मित्रों, रिश्तेदारों से फोन पर बात करें, वीडियो कॉल करें। समय-समय पर आपके फेस बुक पेज पर डाक्टर की वीडियो डाल रहे हैं। पुलिस आपकी बहुत मदद कर रही है। कहीं कोई मुश्किल आए तो हैल्पलाइन पर फोन करें। सबकी हैल्पलाइन चल रही है। वरिष्ठ नागरिक की अपनी दो हैल्पलाइन चलती हैं, जिसे हमारी नोएडा की ब्रांच हैड अंजू कश्यप और हमारी कोर्डीनेटर राधिका जी चला रही हैं। अब मैं कल से रोज 5 से 6 बजे के बीच आपके साथ वीडियो कॉल करूंगी। रोज 10-15 लोगों से बातचीत करूंगी। जो चाहते हैं मैं उनसे बात करूं वे अपने नम्बर, नाम, ब्रांच का नाम हैल्पलाइन पर दे सकते हैं। जिनके स्मार्ट फोन हैं उनको वीडियो कॉल करूंगी, जिनके नहीं हैं उनको नार्मल कॉल करूंगी। मैं किसी को भी कॉल कर सकती हूं। तो आज से आप घर में भी तैयार होकर रहिये। स्मार्ट बनकर रहिये। मुझे आपको देखकर बात कर अच्छा लगेगा। क्लब के अलावा भी कोई वरिष्ठ नागरिक बात करना चाहता है तो वह भी हैल्प लाइन पर नम्बर दे सकता है क्योंकि इस समय घर में सेफ रहना है। लॉकडाउन का पालन करना है। मुझे गुलजार साहब की कविता बहुत याद आती है:
‘‘बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है,
मौत से आंखें मिलाने की जरूरत क्या है,
सब को मालूम है बाहर की हवा है कातिल,
यूं ही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है,
जिन्दगी एक नेमत है इसे सम्भाल कर रखो,
कब्रगाहों को सजाने की जरूरत क्या है।’’