आओ अब भारत में संपन्न हुए जी-20 समिट की सफलता की बात कर लें कि किस तरह से हमने इतिहास रचा है। दुनियाभर के अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और रूस जैसे देशों के साथ पीएम मोदी ने अफ्रीकी देशों को भी जोड़ दिया। अफ्रीकी देशों को इसका सदस्य बनाकर पीएम मोदी ने सिद्ध कर दिया कि दुनिया की सर्वशक्तिमान ताकतों में भारत की एंट्री लगभग तय है। अमरीका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस और कनाडा व आस्ट्रेलिया अब भारत के बिना नहीं चल सकते। चाहे अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन हो या फ्रांस के राष्ट्रपति मेक्रों हो या फिर यूके के प्रधानमंत्री सुनक हो या फिर कनाडा के जस्टिन टूडो हो भारत की मेजबानी में जी-20 के प्रस्तावों को हर किसी ने सराहा। संदेश यही था कि आर्थिक विकास के लिए पूरी दुनिया को एक होना होगा। पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ मूल्य नियंत्रण और आर्थिक मंदी को लेकर सभी प्रस्ताव इसमें रखे थे और पूरा समर्थन मिला। हालांकि सबसे बड़ी बात रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर थी और इस मामले में भी यह बात स्पष्ट की गई कि युद्ध किसी के लिए भी ठीक नहीं है। दुनिया के विकास का मार्ग युद्ध से होकर नहीं गुजरता बल्कि एक-दूसरे के करीब आने से एक धरती, एक विश्व, एक परिवार अर्थात वासुदेव कुटुंबकम के मंत्र पर दुनिया को चलना होगा।