अभी दो दिन पहले की बात है कि हमारी पंजाब केसरी के अंतर्गत कार्यरत जे.आर. मीडिया इंस्टीट्यूट जो हमारे संस्थापक अमर शहीद लाला जगत नारायण और शहीद शिरोमणि सम्पादक श्री रमेश जी के नाम पर जगत नारायण, रमेश चन्द्र सोसाइटी के रूप में गठित है और पत्रकारिता को समर्पित है, के ओरिएंटेशन के मौके पर मैं भी उपस्थित थी। स्टूडेंट्स की पहले ही दिन हमारे इंस्टीट्यूट में एक-दूसरे से और स्टाफ से इंट्रोडक्शन हो जाए इसलिए यह समारोह आयोजित किया गया था। मेरे पुत्र अर्जुन चोपड़ा जो पंजाब केसरी के डायरेक्टर होने के साथ-साथ जे.आर. मीडिया इंस्टीट्यूट को भी संचालित करने की जिम्मेवारी निभा रहे हैं, भी उपस्थित थे। उन्होंने स्टूडेंट्स से सवाल किया और बातों ही बातों में पूछा कि आखिर वह क्या बात है जिसने उन्हें पत्रकारिता के इस कॉलेज में आने के लिए प्रेरित किया। उनकी सहजता भरे अंदाज पर और सवाल पर कई छात्र-छात्राओं ने बड़े भावुक होकर जवाब दिए लेकिन एक छात्र ने पूरे माहौल को भावुक बना दिया। उसने कहा कि वह यूपी से आया है और सिर्फ पत्रकार बनने के लिए ही आया है। उसकी आवाज, अंदाज और तेवर में पत्रकार बनने की ललक थी। उसने जवाब दिया कि मेेरे पिताजी बहुत बीमार थे, अस्पताल में उनका ऑपरेशन होना था। डाक्टर इंकार कर रहे थे तो एक पत्रकार ने ही उनकाे अस्पताल में एडमिट करवाया और ऑपरेशन करवाया। इस छात्र के दिलो दिमाग में बैठ गया कि एक पत्रकार में वह ताकत है कि वह सब कुछ कर सकता है और कलम के दम पर सब कुछ करवा सकता है। हालांकि मैं जे.आर. मीडिया इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन हूं फिर भी मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि पत्रकारिता कोई ग्लैमर नहीं बल्कि कुछ कर दिखाने का जज्बा है।
हमारे यहां हर नए स्टूडैंट्स का स्वागत है क्योंकि हमारा अपना यूट्यूब चैनल सक्रिय है, जिसमें सैकड़ों युवा एंकरिंग व एडिटिंग तथा रिपोिर्टंग कर रहे हैं। हमारा तो पत्रकारिता के मिशन में बलिदानों से भरा इतिहास रहा है। निष्काम पत्रकारिता करना एक ऐसा पेशा है जिसे चलाना बहुत कठिन है। बच्चों के अपने सपने हैं। पत्रकारिता के प्रति अपना-अपना दृष्टिकोण है। सब स्टूडेंट्स का अपना-अपना नजरिया था। कईयों का मस्ती भरा अंदाज भी था लेकिन मेरा यह मानना है कि पत्रकारिता के लिए, पत्रकार बनने के लिए एक जज्बा होना चाहिए और मुझे खुद उसकी यह बात बड़ी प्रेरणादायी लगी। क्योंकि मैं वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब जो बुजुर्गों के सम्मान के लिए गठित है तथा मैं स्वयं इसकी चेयरपर्सन हूं, इसलिए हम उनकी सेवा करते हैं। यह परोपकार है। स्टूडेंट्स में संस्कार देना व सेवा भाव बनाए रखना यह भी जरूरी है, इसिलए भी जेआर मीडिया एक आधुनिक इंस्टीट्यूट तथा संस्कार समर्पित मिशन भी है।
दरअसल हमारा जे.आर. मीडिया इंस्टीट्यूट इसलिए स्थापित हुआ कि हम अपने समाचार पत्र को चलाने के लिए एक ऐसी पीढ़ी तैयार करें जो पहले जर्नलिज्म की तकनीकी और बेसिक चीजें सीख लें इसीलिए इस इंस्टीट्यूट से जुड़े सभी लोग न सिर्फ प्रोफेशनल हैं बल्कि पंजाब केसरी की मजबूत कड़ी भी हैं। मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि अर्जुन चोपड़ा ने बच्चों को इस मस्ती भरे माहौल के बीच उनके अंदर के जज्बात को बाहर निकालने के लिए प्रेरित किया। यह बात अलग है कि हमारी पंजाब केसरी और जे. आर. मीडिया इंस्टीट्यूट की टीम में नया और पुराना खून एक साथ मिलकर काम करता है। फिर भी मैं बारहवीं और ग्रेजुएशन पास करने वाले अगले कदम में कौन सी स्ट्रीम लें इसे लेकर हमारे पास बीजेएमसी, बीबीए जैसे डिग्री कोर्स हैं तो वहीं रिपोर्टिंग, एंकरिंग, एडीटिंग, फोटोग्राफी, डीजिटल मार्केटिंग जैसे अनेकों कोर्स हैं जो बेहद प्रोफेशनल हैं और करियर संवारने की दिशा में अग्रसर हैं। करियर को लेकर मेरा दावा है कि नए स्टूडेंट्स बेफिक्र रहें क्योंकि अनेक छात्र-छात्राएं डिग्री कोर्स पास करने के बाद देश के नामी-गिरामी चैनलों व मीडिया हाऊस में कार्यरत हैं। ये स्टूडेंट्स गाइड बनकर नई पीढ़ी का मार्गदर्शन कर रहे हैं तो यह देखकर अच्छा लगता है।
एडमिशन को लेकर बच्चे बहुत तनाव महसूस करते हैं। मेरा खुद का मानना है कि प्रोफेशनल कोर्स जो आगे चलकर करियर बनाते हों उन्हें प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। बच्चों को भी इस मामले में अच्छा मार्गदर्शन लेना चाहिए जो आगे चलकर उनका करियर संवारें। सच बात यह है कि आज की तारीख में लोग इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रति बहुत आकर्षण रखते हैं। उनमें पत्रकार बनने का क्रेज है। स्टूडेंट्स याद रखें वे जो भी बनना चाहते हों लेकिन उनमें कुछ कर दिखाने की ललक तो होनी ही चाहिए। इस स्टूडेंट्स जिसने पत्रकार बनने की राह चुनी उसको मैं बहुत बधाई देती हूं, अशीर्वाद देती हूं और सभी स्टूडेंट्स से उम्मीद रखती हूं कि दसवीं-बारहवीं या ग्रेजुएशन के बाद उनकी सिलेक्शन सही होनी चाहिए। हम सबको सही दिशा दिखाने की राह पर हैं और उनका मार्गदर्शन करने को तैयार हैं।