लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

पाकिस्तान फिर ग्रे लिस्ट में

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने (एफएटीएफ) ने इस बार भी कंगाल पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने (एफएटीएफ) ने इस बार भी कंगाल पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों के ​वित्त पोषण और मनी लांड्रिंग को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। एफएटीएफ ने इस बार संयुक्त अरब अमीरात को भी ग्रे लिस्ट में शामिल किया है। यह संस्थान पूरी दुनिया में मनी लांड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और  टैरर फंडिंग पर निगाह रखती है। पाकिस्तान 2018 से ही ग्रे लिस्ट में है। पाकिस्तान में जब से क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान खान सत्ता में आए हैं तब से ही उसे हर वैश्विक मंच पर शर्मसार होना पड़ा है। 
इमरान खान ने ऋण लेने के सभी रिकार्ड तोड़ते हुए पिछले तीन वर्ष में 40 अरब डालर का कर्ज लिया है। इमरान खान सत्ता में आने से पहले कहते रहे हैं कि कोई भी देश तभी कर्ज बहुत ज्यादा लेता है जब खुद उसके नेता भ्रष्ट होते हैं। वह तो ऋण लेने के लिए गिड़गिड़ाने की बजाय अपनी जान देना पसंद करेंगे लेकिन सत्ता में आने के बाद इमरान खान अपने बयानों को भूल गए। अब स्थिति यह है कि इमरान खान आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुके पाकिस्तान काे आर्थिक तबाही से बचा पाएंगे या वर्ष 2023 में होने वाले चुनावों से पहले ही अपनी सरकार गंवा बैठेंगे। इमरान खान भीख का कटोरा लेकर अमेरिका, सऊदी अरब और चीन तक के द्वार पर खड़े होकर मदद की गुहार लगाते रहे हैं। लेकिन किसी  ने उनको मुंह नहीं लगाया। पाकिस्तान की सियासत पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि सेना की मदद से सत्ता में आए इमरान खान से अब सेना की तल्खी बढ़ गई है और इमरान खान सरकार के पतन की शुरूआत हो चुकी है। इमरान खान सरकार ने अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता में बैठाने के लिए जो खतरनाक खेल खेला, उसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ा है। पूरी दुनिया में पाकिस्तान पूरी तरह नंगा हो चुका है। अफगानिस्तान के लोग मानवीय संकट से जूझ रहे हैं, वहां लोगों को रोटी के लाले पड़े हुए हैं। भारत लगातार अफगानिस्तान में गेहूं और दवाइयां भिजवा रहा है। भारत ने 2000 मीट्रिक टन गेहूं की दूसरी खेप पाकिस्तानी जमीनी मार्ग से वहां भेजी है। 
भारत की देखा देखी में अफगानिस्तान में सहायता भेजी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से भेजी गई गेहूं की खेप ने उसकी तारीफ के बजाय जगहंसाई करना ही है। तालिबान के अधिकारी पाकिस्तान की गेहूं बेहद घटिया क्वालिटी की शिकायत कर रहे हैं और भारत के गेहूं की तारीफ कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद व्यापारिक रिश्ते खत्म कर चुके पाकिस्तान को एक बार फिर भारत की याद आने लगी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इमरान खान के रूस दौरे पर जाने से पहले पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार शुरू करने की इच्छा व्यक्त की थी। भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छिन लिया था। पाकिस्तान से व्यापार ठप्प होने से पाकिस्तान के व्यापारियों को रोजाना सौ करोड़ का नुक्सान हो रहा है। पाकिस्तान इस समय ऋण देने वाले देशों का गुलाम बनकर रह गया है। जिस देश ने आतंकवाद की खेती को अपनी राष्ट्रीय नीति बना लिया हो, जिसके सत्ता और सत्ता से जुड़े प्रतिष्ठान अफगानिस्तान से लेकर जम्मू-कश्मीर तक खून बहाने की साजिशें रचते रहते हों, उस देश का भविष्य क्या होगा? पाकिस्तान की पूरी सियासत भारत से घृणा पर आधारित रही है।
‘‘तुम ने बोये थे खेतों में इंसानों के सर
अब जमीन उगलती है तो रंज क्यों है।’’
पाकिस्तान के लोग अपनों का ही खून बहाने में लगे हुए हैं। पेशावर शहर में जुम्मे की नमाज के दौरान किस्सा ख्वानी बाजार की जामिया मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई और अनेक घायल हो गए। इस्लामिक स्टेट खुशमान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। हमलावर की पहचान एक अफगान के तौर पर की गई है। आज तक पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों से दूरी कायम नहीं कर सका है। जितने धन का इस्तेेमाल उसने आतंकवाद को सींचने में किया है उतना धन उसने अशिक्षा और गरीबी दूर करने में लगाया होता तो आज उसकी यह हालत न होती। कभी अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ अपना दोस्त बनाकर उस पर डॉलरों की वर्षा की थी लेकिन पाकिस्तान के हुकुमरानों ने इन डालरों का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ही किया ।
पाकिस्तान का लगभग समूचा विपक्ष अब इमरान खान के ​खिलाफ एकजुट है। इमरान सरकार की गलत नीतियों के चलते हाल ही में देश में आतंकवादी गतिविधियों में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है। अफगानिस्तान की नई सरकार भी अपने समर्थक आतंकी संगठन जो पाकिस्तान के​ लिए खतरा बने हुए हैं उन पर नकेल कसने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। ब्लीचिस्तान में हुए धमाके में भी अनेक लोग जख्मी हुए हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर पाकिस्तान ने भी खामोशी धारण कर ली है। उसने भी तटस्थ रूप अपनाया। इमरान खान ने रूस दौरे के दौरान पुतिन के साथ गेहूं और प्राकृतिक गैस की डील की। इससे पश्चिमी देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण हो चुके हैं। ब्रिटेन ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सलाहकार की यात्रा को बिना कारण बताए रद्द कर दिया  है। पाकिस्तान को इस बात का एहसास होना ही चाहिए कि भारत आज एक वैश्विक शक्ति बन गया है जबकि वह एक विफल राष्ट्र बन चुका है। इमरान के दिन  गिने-चुने रह गए हैं। देखना होगा वह अपनी गद्दी कब  तक बचा के रखते हैं। काश! पाकिस्तान भारत से मैत्रीपूर्ण संबंध रखता तो वह आज कंगाल नहीं होता।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।