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​पाकिस्तान : तांडवी तेज फिर से हुंकार उठा है

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिस सतर्कता से सुरक्षा बलों ने हथियारों से भरे ट्रक में सवार जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों को मार गिराया, उससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान लगातार राज्य में हिंसक वारदाताओं का षड्यंत्र रच रहा है।

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिस सतर्कता से सुरक्षा बलों ने हथियारों से भरे ट्रक में सवार जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों को मार गिराया, उससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान लगातार राज्य में हिंसक वारदाताओं का षड्यंत्र रच रहा है। आतंकवादियों का ट्रक ही उनके लिए क​ब्रिस्तान बन गया। आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर निकलने की फिराक में थे। अगर सुरक्षा बल चौकस नहीं होते और आतंकवादी घुसपैठ करने में सफल हो जाते तो डीडीसी चुनावों में खूनी वारदातें कर सकते थे।
दूसरी तरफ भारतीय सेना लगातार सीमाओं पर पाकिस्तान की गोलाबारी का मुंह तोड़ जवाब दे रही है। पाकिस्तान सर्दियों से पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए सीमाओं पर फायरिंग कर उन्हें कवर प्रदान करता है। पाकिस्तान की फायरिंग से पिछले कुछ दिनों से हमारे जवान और आम नागरिक मारे जा रहे हैं। भारतीय सेना ने भी प्रतिकार की नीति अपनाई हुई है। सीमा पार आतंकवा​िदयों के ठिकाने और पाक सेना की चौकियों को तबाह किया जा रहा है।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी आक्रामकता तथा कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम के उल्लंघन की घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यदि भारत को उकसाने का प्रयास किया गया या ​िफर हमें आजमाया गया तो उसका जमकर प्रतिकार होगा। इससे स्पष्ट है कि रक्षा नी​ित को लेकर भारत किसी असमंजस या असहजता की स्थिति में नहीं है। भारत ने हमेशा ही सैनिक, कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर ​िववादों को सुलझाने की को​िशश की है। भारत की नीति कभी भी आक्रामक या बदले की भावना की परिचायक नहीं रही। लेकिन जब भी आत्मरक्षा की बात हुई तो भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक भी की और एयर स्ट्राइक कर दुश्मन को घर में घुस कर मारा।
-यह सत्य है कि युद्ध अंतिम विकल्प होता है
-यह भी सत्य है कि युद्ध तो स्वयं एक समस्या है, इससे समस्याओं का निदान कैसा?
-यह सत्य है कि अहिंसा अपने आप में बड़ी ऊंची चीज है, परन्तु इन सत्यों के बीच यह भी ख्याल आता है कि ः-
-राम-रावण युद्ध क्यों नहीं रोका जा सका?
-भगवान कृष्ण ने तो बहुत प्रयास किए, परन्तु महाभारत क्यों रचना पड़ा।
-गुरु गो​िवन्द सिंह, बंदा बहादुर, महाराणा प्रताप, शिवाजी मराठा की तलवारें मध्य युग में बराबर खनखनाती ही रहीं।
-क्या भारत को पाकिस्तान से तीन युद्ध लड़ने पड़े?
जब हम इन बातों पर विचार करते हैं तो एक ही निष्कर्ष पर पहुंचते हैं-‘‘शांति के सारे उपाय जब असफल हो जाते हैं तो तलवार उठाना धर्म है, क्योंकि तब शांति के पौधों को सींचने के लिए रक्त की जरूरत होती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार पाकिस्तान और चीन को चेतावनी दे रहे हैं और राष्ट्र को विश्वास दिला रहे हैं कि देश के सम्मान को कोई ठेस पहुंचने नहीं दी जाएगी। उनके शब्दों में ललकार निहित है।
क्यों निर्दोषों की हत्या करते हो?
क्यों विश्वासघात का मार्ग अपनाते हो?
निहत्थों पर कहर बरपाने का क्या औचित्य है?
आओ, एक जंग और करके देख लो’’
निर्जर पिनाक शिव का टंकार उठा है,
हिमवंत हाथ में ले अंगार उठा है,
तांडवी तेज फिर से हुंकार उठा है,
लोहित में था जो गिरा, कुठार उठा है
संसार धर्म की नई आग देखेगा,
मानव करतब पुनः नागा देखेगा।
भारत पाकिस्तान की आतंकवादी साजिशों को लगातार वैश्विक मंचों पर बेनकाब करता रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि पाकिस्तान पर भारत का काफी दबाव है तो दूसरी तरफ उसे एफएटीएफ द्वारा काली सूची में डाले जाने का डर। भारत लगातार पाकिस्तान को मुम्बई हमले समेत अन्य आतंकवादी घटनाओं के संबंध में डोजियर सौंपता है लेकिन हमसे एक सवाल किया जाता है कि सबूत दो-सबूत दो। मुम्बई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद को लेकर उसका रवैया सदा ही यही रहा है। हालांकि हाफिज सईद और कुछ अन्य आतंकवादियों को टैरर फंडिंग के दो मामलों में दस साल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान ने एफएटीएफ की कार्रवाई से बचने के लिए यह नौटंकी की। देखना होगा कि हाफिज सईद को अन्य की सजा पर ​िकतना अमल होता है। पाकिस्तान अक्सर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए महज दिखाने की कार्रवाई करता रहता। अनेक बार ऐसा हो चुका है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई तो की जाती है, फिर उन्हें सरकारी संरक्षण में सेना के कड़े पहरे में रखा जाता है। पाकिस्तान पूरे विश्व के ​लिए खतरनाक है। यह बात अमेरिका भी समझ चुका है और रूस भी।
आज भारतीय सेना और देशवासियों का जोश काफी हाई है। अब सवाल यह है ​िक हम हमेशा ही पाक प्रायोजित आतंकवाद का सामना करते रहेंगे। अब विकल्प क्या बचा है। जो आजादी के 73 वर्षों बाद भी नहीं सुधरे, अब क्या सुधरेंगे। जो पाकिस्तान टीवी चैनलों पर पीओके में भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक की भ्रामक खबर से कांपने लगा था, पाकिस्तान के हुकमरानों और लोगों के होश फाख्ता हो गए थे, उस कायर पाकिस्तान की हालत वास्तविक हमले के दौरान क्या होगी, यह सच वह खुद ही जानता है। मुझे लगता है कि अब अगर वहां मरघट की शांति भी देनी पड़ी तो दी जाए। समूचा राष्ट्र किसी भी एक्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा है। पाकिस्तान को इस धरती के नक्शे पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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