केरल में सोने की तस्करी का मामला पिछले कुछ दिन से राज्य की सियासत में गर्माया हुआ है। राजनीतिक आरोपों और प्रत्यारोपों का तूफान उठ खड़ा हुआ है। इस मामले का सबसे सीधा असर मुख्यमंत्री के विजयन और उनके कार्यालय पर पड़ रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजैंसी (एनआईए) की जांच कराने के आदेश दे दिए हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि यह एक संगठित तस्करी का अभियान है। जिसके राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। भारत में सोने को लेकर लोगों की दीवानगी किसी से छिपी हुई नहीं है। हर कोई ज्यादा से ज्यादा सोना खरीद कर रखना चाहता है। यह एक बड़ी प्रबल धारणा है कि सुख-दुख के वक्त सोना ही काम आता है। सोने के प्रति केरल वासियों को अथाह प्रेम है। केरल में लोग चाहे किसी भी धर्म के हों सोना उन्हें सबसे प्यारा है। सोने की खपत के मामले में केरल पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के बाद दूसरे नम्बर पर है।
सोने की बढ़ती तस्करी का एक कारण अधिक टैक्स भी है। खाड़ी देशों में सोने की कीमत कम होती है इसलिए तस्करों की ये सबसे पसंदीदा चीज है। इसलिए तस्कर सोने को लाने के लिए अनैतिक तरीके अपनाते हैं। कभी किसी चीज में सोना छिपा कर लाया जाता है कोई अपने शरीर के भीतर सोना छिपा कर लाते हैं। हवाई अड्डों पर लगातार सोना पकड़ा जा रहा है।
केरल में सोने की तस्करी का मामला इसलिए ज्यादा चर्चित हो गया क्योंकि यह एक रहस्यमयी लेकिन शक्तिशाली महिला से जुड़ चुका है, जिसके तार सत्ता के गलियारों से जुड़े हुए बताये जा रहे हैं। हुआ यूं कि तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे पर कस्टम अधिकारियों ने करीब 30 किलो सोना बरामद किया था, जिसकी कीमत 13.5 करोड़ के लगभग है। यह सोना डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए राजनयिक बैग में लाया जा रहा था। जो व्यक्ति सोना लेने गया था उससे पूछताछ के दौरान एक महिला का नाम सामने आया। उस महिला के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एम. शिवशंकर से करीबी संबंध बताये जाते हैं। यह मामला इतना उछला कि लोग कोरोना संक्रमण को भूल इस मामले की चर्चा कर रहे हैं।
यह मामला इसलिए भी अहम हो गया कि मुख्यमंत्री विजयन ने प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को पद से हटा दिया है। कस्टम अधिकारियों को बैग में खास सामान होने की खुफिया सूचना मिल चुकी थी। कस्टम अधिकारियों ने बैग खोलने की अनुमति भारतीय विदेश मंत्रालय से ली तो बैग खोला गया। बैग में शौचालय में इस्तेमाल होने वाले सामान में सोना मिला। सोने को पिघला कर रखा गया था कि वो शौचालय के सामान में पूरी तरह फिट हो जाए।
ये राजनयिक बैग संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पते पर जाने वाला था। मामले से जुड़ी महिला पहले वाणिज्य दूतावास में काम करती थी। बाद में केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की पहल पर एक कंपनी में मार्केटिंग और लाइजन आफिसर नियुक्त कर दिया गया था। इससे पहले वो एयर इंडिया एसटीएस में ह्यूमन रिसोर्सेज आफिसर के तौर पर काम कर चुकी थी जो कि एयर इंडिया और सिंगापुर एयरपोर्ट टर्मिनल सर्विसेज का संयुक्त उद्यम है। यहां भी इस महिला के खिलाफ जालसाजी की शिकायत की थी लेकिन सबूत न मिलने के कारण मामला बंद कर दिया गया था। तस्करी के मुख्य अभियुक्त सरिथ कुमार ने अब सारे राज खोल दिए हैं। सरिथ कुमार भी एक वाणिज्यक दूतावास में जनसम्पर्क अधिकारी हैं। उसका काम यूएई से पैकेज को वाणिज्यिक दूतावास तक पहुंचाने का है। पिछले दो वर्षों में कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही यूडीएफ ने मुख्यमंत्री विजयन के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे एम. शिवशंकर से महिला के बीच कथित करीबी रिश्तों के कारण सीबीआई जांच की मांग की थी।
आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच यह सवाल काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सोने की तस्करी का असली मास्टर माइंड कौन है और इसका लाभ किसे होने जा रहा था। सीपीएम मुख्यमंत्री विजयन को बेदाग करार दे रही है। तस्करी का यह मामला उच्च राजनयिक सम्पर्कों के बिना संभव ही नहीं है। न जाने ऐसे कितने बैग पहले ही लाए जा चुके होंगे जो कस्टम अधिकारियों की नजरों से बच गए होंगे। कोरोना काल में सोने के दामों में जोरदार तेजी आई है।
इससे भी तस्करी को प्रोत्साहन मिला है क्योंकि इससे कमाई अच्छी-खासी हो जाती है। सबसे ज्यादा तस्करी दुबई से होती है क्योंकि प्रीमियम क्वालिटी का सोना होने के कारण इसकी री-सेल वैल्यू काफी अच्छी है। विदेशों से सोने की तस्करी बड़े गिरोह करते हैं। केरल से सक्रिय तस्करों के संबंध बड़े गिरोह से हो सकता है। अब एनआईए की जांच ही दूध का दूध और पानी का पानी करेगी। तस्करी में लिप्त लोगों का नैटवर्क कहां-कहां है इसका पर्दाफाश किया जाना बहुत जरूरी है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
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