मुझे खुशी इस बात की है कि पूरा देश का हर राज्य मोदी सरकार हो या राज्यों की सरकारें सब मिलकर इस आयोजन को सफल बना रहे हैं। शिक्षा, रोजगार के अवसर, आर्थिक मंदी पर कंट्रोल जैसे विषयों के अलावा जलवायु और पर्यावरण नियंत्रण को लेकर अगर कोई साझी रणनीति भारत की अध्यक्षता में बन रही है तो हम इसका स्वागत करते हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक गोवा, चेन्नई, श्रीनगर, बैंगलुर, जयपुर तक इस जी-20 के आयोजन को लेकर विदेशी प्रतिनिधियों के साथ भारतीय पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। शिक्षा और रोजगार के अलावा युद्ध टालने तक की संभावनाओं पर भारत के नेतृत्व में एक बड़ा संदेश शक्तिशाली देशों चाहे वह रूस, अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया ही क्यों न हो जाने-माने प्रतिनिधि और दिग्गज इस जी-20 की शोभा बढ़ा रहे हैं लेकिन एक सबसे बड़ी उपलब्धि भारत के खाते में दर्ज हो चुकी है। पिछले तीन सालों के आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना जैसी महामारी की मार झेलने वाले भारत में पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ा है। इसमें जी-20 का बड़ा योगदान है अगर वर्ष 2023 की पहली छमाही को देखा जाए तो अकेले दिल्ली में 44 लाख टूरिस्ट आए। अब तक जी-20 के 220 आयोजन हो चुके हैं और विदेशी मेहमानों की संख्या बढ़ती जा रही है। कुल मिलाकर जहां 2019 तक अलग-अलग पर्यटन स्थलों पर देश में 53 लाख टूरिस्ट पहुंचे तो 2021 में यह आंकड़ा 68 करोड़ था लेकिन 2022 समाप्त होते-होते यह 174 करोड़ पर पहुंच गया। विदेश टूरिस्टों की संख्या में वृद्धि का एक बड़ा कारण जी-20 आयोजन है। मैंने जो आंकड़े सर्च किए हैं वो भारत की कमाई को लेकर हैं जरा देखिये 2022 और 2023 के बीच विदेशी टूरिस्टों की संख्या 104 प्रतिशत बढ़ चुकी है और आज की तारीख तक हमारे देश में 13,130,14 अरब डालर का मुद्रा भंडार बढ़ चुका है। लोग विशेष रूप से विदेशी टूरिस्ट कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारतीय चीजों को खरीद रहे हैं। भारतीय प्रोडक्ट्स बनाने वाले व्यापारियों को 3-3 साल के ऑर्डर मिल रहे हैं।