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समुद्र में रेव पार्टी

महानगरों के फार्म हाउसों और आलीशान कोठिओं में रेव पार्टियों का आयोजन कोई नई बात नहीं। पहले भी रेव पार्टियों का भंडाफोड़ हो चुका है

महानगरों के फार्म हाउसों और आलीशान कोठिओं में रेव पार्टियों का आयोजन कोई नई बात नहीं। पहले भी रेव पार्टियों का भंडाफोड़ हो चुका है लेकिन बीच समुद्र में एक क्रूज पर चल रही रेव पार्टी मना रहे लोगों की गिरफ्तारी इसलिए सनसनी पैदा करती है क्योंकि गिरफ्तार लोगों में बालीवुड के किंग खान माने गए शाहरुख खान का बेटा आर्यन खान भी शा​मिल है।   दिल्ली की तीन लड़कियां भी पकड़ी गई हैं। क्रूज पर चल रही रेव पार्टी पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के छापे में काफी मात्रा में हशीश, कोकीन और एमडी मिली है। बालीवुड अभिनेताओं और अभिनेत्रियोें के नशे की लत का शिकार होने के कई वीडियो सामने आ चुके हैं। बालीवुड के प्रमुख अभिनेताओं के बच्चों के शामिल होने की खबरें भी आती रहती हैं। पहले तो सीमांत राज्य पंजाब को ‘उड़ता पंजाब’ कहकर प्रचारित किया गया लेकिन अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या केस के बाद जांच ने ऐसा मोड़ लिया कि महानगर मुम्बई ‘नशे में उड़ती’ नजर आई। अनेक ड्रग पैडलर पकड़े गए। कई नामी-गिरामी अभिनेत्रियों और अभिनेताओं का नाम सामने आया। नशे की लत का शिकार कई टीवी अभिनेता और अभिनेत्रियां भी पकड़ी गई। फिल्म इंडस्ट्री में तूफान मच गया। जिन लोगों को ​फिल्मों में देखकर दर्शक अपना ‘आदर्श’ मान बैठे थे, उन सबके असली चेहरे सामने आ गए। क्रूज पर रेव पार्टी का अपना ही रोमांच होता है। 2 से 4 अक्तूबर के बीच लोगों को सैर के लिए ले जाया गया था जिसके लिए प्रति व्यक्ति 80 हजार से चार लाख तक रुपए लिए गए थे। तीन दिन बाद लोगों को वापिस मुम्बई लाकर छोड़ना था। 
एनसीबी का एक्शन एक बड़ी सफलता तो है लेकिन सवाल यह है की मुम्बई में भारी मात्रा में ड्रग्स की सप्लाई अब भी जारी है। इस कार्रवाई से एक दिन पहले एनसीबी ने गद्दे में छिपा कर आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ड्रग्स भेजने के एक रैकेट का पर्दाफाश किया था और 5 करोड़ की कीमत की इफीड्रिन ड्रग्स बरामद की। गद्दे का पैकेट हैदराबाद से आया था। पिछले सप्ताह अफगानिस्तान से तस्करी के लिए भारत आई करीब तीन टन हेरोइन को गुजरात के मुंदड़ा बंदरगाह से जब्त किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 20 हजार करोड़ के करीब है। हेरोइन को दो कंटेनरों में रखा गया था।
​मुम्बई में ‘नशे की गुडि़या करोड़ों की पुडि़या का’ मादक खेल चल रहा है। एनसीबी ने ऐसी महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है जिन्हें मादक पदार्थों के विक्रेता डान मानते हैं। इन्होंने इस व्यवसाय से करोड़ों का बैंक बैलेंस और सम्पत्तियां खड़ी की हैं लेकिन दिखाने के​ लिए वह गुजरात में झुग्गी  में रह रही थी। मादक पदार्थों पर एक्शन की झड़ी लगी हुई है फिर भी तस्कर सक्रिय हैं। नेटवर्क इतना बड़ा है की अब तक कोई इसे पूरी तरह भेद नहीं सका है। 
भारत की रगों में ड्रग्स घुलती जा रही है। युवा पीढ़ी नशे की लत का शिकार होकर जीवन बर्बाद कर रही है। कई राज्य ड्रग्स की चपेट में हैं। हिमाचल, उत्तराखंड से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक ड्रग्स का नेटवर्क फैला हुआ है। भारत दुनिया के दो प्रमुख अवैध अफीम उत्पादक देशों के बीच स्थित है। एक तरफ इसके पश्चिम में गोल्डन क्रीसेंट यानी ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान मौजूद हैं तो दूसरी तरफ इसके पूर्व में गोल्डन ट्रायंगल यानी दक्षिण पूर्व एशिया मौजूद है। भारत की यह दोनों सीमाएं ड्रग्स तस्करी के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद तस्करी बढ़ने की आशंका है। भारत युवाओं का देश है। कहा जा रहा है कि युवाओं के दम पर भारत दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन सकता है लेकिन जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर दौड़ने का दम भरता है, वह दुर्भाग्य से नशे की गिरफ्त में आ रही है। नशाखोरी किसी एक राज्य की समस्या नहीं रही। पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, मणिपुर, मिजोरम, दिल्ली, बिहार, केरल आदि राज्यों में ड्रग्स का सेवन बढ़ रहा है।
देश में नशे का गोरखधंधा 15 लाख करोड़ का होने का अनुमान है। परिस्थितियां बहुत खतरनाक हैं। आज के दौर में कोई पानवाला ड्रग्स की सप्लाई कर सकता है तो कोई आइसक्रीम विक्रेता भी ऐसा कर सकता है। ऐसे में इस पर अंकुश लगाना आसान नहीं है। नशे का बड़े पैमाने पर धंधा तभी चल सकता है जब एजैंसियों के भ्रष्ट अधिकारी,तस्कर और पैडलर्स आपस में मिले हुए हों। हकीकत यह है कि इस धंधे में बेशुमार पैसा है और इसमें शामिल सभी की मोटी कमाई होती है। छोटी मछलियों को पकड़ लिया जाता है, बड़ी मछलियां समंदर में बैखोफ तैरती रहती हैं। एक तरफ जहां नशीले पदार्थों के इस्तेमाल से परिवारों में बिखराव और सामाजिक ताने-बाने के टूटने का खतरा पैदा हो गया है दूसरी तरफ इससे इंसान की कार्य क्षमता में गिरावट आ रही है। इससे अपराध भी बढ़ रहे हैं। सवाल यह नहीं कि किसी फिल्म स्टार का बेटा पकड़ा गया, सवाल तो यह है की हम नशे के आ​दी हो रहे युवाओं की मानसिकता कैसे बदले? यह सोचना समाज का काम है और अभिभावक का भी।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

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