पंजाब केसरी के प्रांगण में वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन श्रीमती किरण चोपड़ा द्वारा अमलतास के खिले फूल पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसका लेखन दमनेश कुमार ने किया है। इस दौरान सभी बुजुर्गोको संबोधित करते हुए श्रीमती किरण चोपड़ा ने कहा कि जब मैं और अश्विनी जी अमेरिका गए तो हमने वहां ओल्ड होम देखे। जहां बुजुर्ग अपनी मौत का इंतजार कर रहे थे, हम दोनों के दिल में वह बात ऐसे घर कर गई कि हमने सोचा कि हमें बुजुर्ग के लिए कुछ करना है। और हमने बुजुर्गाे के लिए काम करना शुरू किया।
इस बीच बहुत सी दिक्कतें आई, लोगों ने कहा आप बेटियों के लिए कुछ करो महिलाओं के लिए कुछ करो बुजुर्गो के लिए क्या करना। लेकिन मैंने कहा नहीं मुझे बुजुर्गो के लिए ही कुछ करना है। लोग मुझे बोलते थे हमसे एक बुजुर्ग नहीं संभलता है तुम इतने सारे को कैसे संभालोगी। आज हमारा वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब परिवार देश में ही नहीं विदेशों में भी अपने व्यवहार के लिए जाना जाता है। यह एक परिवार है जहां बुजुर्गों खुलकर जीते है वह कैटवॉक करते है। वह डांस करते है। मैं उनको बोलती हूं अच्छे कपड़े पहनों सजों संवरों लेकिन मर्यादा में रहकर। मुझे ऐसा लगता है कि मैं इनकी मां हूं ये सारे मेरे बच्चे हैं। वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब बुजुर्गो को मदद ही नहीं करता है उनको खुलकर जीने की चाह जगाता है। मैने अभी तक सात किताबें लिखी है। जिसमें बोलचाल की भाषा प्रयोग किया जिसे सब समझ सकें। वरिष्ठ नागरिक आज परिवार को जोडऩे का काम कर रहा है। वही लेखक दमनेश कुमार ने कहा कि जब किसी की इच्छा पूरी हो जाती है तो उसकी खुशियों का ठिकाना नहीं होता है, उस एहसास को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। आज किरण जी ने मेरी पुस्तक का विमोचन करके मुझे बहुत खुशी दी है जिसका एहसास मुझे जीवन के अंतिम क्षण तक याद रहेगा। मैं पंजाब केसरी से 31 सालों से जुड़ा हुआ है हर दिन में यहां से कुछ नया सीखता हूं।
कार्यक्रम में आए सभी बुजुर्गो ने वरिष्ठ नगरिक केसरी क्लब के साथ जुड़े अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में संविता शर्मा, चंपा कक्कड़, बी.एस सचदेवा, सी.एस विष्ट, डी.पी गुप्ता, उमेश गुप्ता, दिनेश वर्मा, सूरज पांडे व अन्य वरिष्ठ लोग उपस्थित रहे।