मध्य प्रदेश की जनता के बीच मामा उपनाम से लोकप्रिय हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहोन 2005 में राज्य के सीएम बने थे और अब तक उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए 16 साल पूरे कर लिए हैं। शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं। इससे पहले अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर उन्होंने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकार्ड कायम कर लिया था। पहली बार मुख्यमंत्री बनने से लेकर आज तक शिवराज सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू कीं। इन योजनाओं ने राज्य की जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को बरकरार रखा है। मामा राज में अनेक योजनाओं ने जनता का दिल जीता है। अनेक योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का श्रेय उन्हें दिया जा सकता है। उनके हर कार्यकाल में विकास के नए-नए आयाम स्थापित हुए।
सरल और सौम्य स्वभाव के नेता के रूप में पहचान बनाने वाले बच्चियों के मामा तो बहनों के भाई मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमारू राज्य मध्य प्रदेश को विकसित राज्य की पहचान दिलाई है। सशक्त और समृद्ध मध्य प्रदेश बनाने के सपने को साकार करने के लिए शिवराज सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य सरकारें दोनों ही महिलाओं एवं रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं।
मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां महिलाओं और युवाओं पर देश में सबसे अधिक कार्य किया जा रहा है। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की तमाम योजनाएं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिनों पहले महिलाओं को आर्थिक मदद करने के लिए लाडली बहना योजना का ऐलान किया था। लाडली लक्ष्मी योजना के बाद लाडली बहना योजना ने मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सशक्त कदम उठाए हैं। वहीं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य प्रदेश में युवाओं को रोजगार हासिल करने के काबिल बनाना है। योजना के जरिये युवाओं को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दैरान स्टायपेंड भी मिलेगा। इसके लिए बाकायदा पोर्टल बनाया गया है।
चुनावी साल में शिवराज चौहान एक के बाद एक मास्टर स्ट्रोक खेल रहे हैं। युवाओं के लिए सीखो कमाओ योजना को भी एक मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है। युवाओं को कौशल सीखने के साथ भुगतान भी किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण के लिए कम्पनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा जाएगा। बेरोजगारी भत्ता बेमानी है। नई योजना, युवाओं में क्षमता संवर्धन कर उन्हें पंख देने की योजना है जिससे वे खुले आसमान में ऊंची उड़ान भर सकें और उन्हें रोजगार, प्रगति और विकास के िनत नए अवसर मिलें। योजना में युवाओं को प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों का पंजीयन 7 जून से और काम सीखने के इच्छुक युवाओं का पंजीयन 15 जून से शुरू होगा और प्लेसमेंट 15 जुलाई से आरम्भ होगी। कार्य सीखाने वाले प्रतिष्ठान और राज्य शासन के बीच 31 जुलाई से अनुबंध की कार्यवाही होगी। एक अगस्त से युवा कार्य आरम्भ कर देंगे। यह क्रांतिकारी योजना युवाओं का बैसाखी पर चलना नहीं, अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाएगी। कार्य सीखने की अवधि में युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी। वहीं दूसरे कार्यकाल में सिंचाई बढ़ाने का कार्य प्रमुखता से किया गया और तीसरे कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और उसके सुचारू प्रदाय पर ध्यान दिया गया। चौथे कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल की सुविधाएं बढ़ाने का काम किया। इसके अलावा उन्होंने बेटियों, महिलाओं, मजदूरों समेत समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी नीतियां चलाईं। यही कारण रहा कि उन्होंने अपने हर कार्यकाल में अमिट छाप छोड़ी। अभावग्रस्त परिवारों की सहायता, गरीब परिवार की कन्याओं का विवाह, बच्चों की शिक्षा का प्रबंध, बुजुर्गों की देखभाल और उन्हें तीर्थयात्राएं कराने जैसे कार्यक्रमों ने मुख्यमंत्री का समाज के सभी वर्गों से सीधा संबंध बना दिया। उद्योगों के लिए उन्होंने कई योजनाएं शुरू कीं। मामा एक ऐसा चेहरा बनकर उभरे जिसका मौजूदा हालात में कोई दूसरा विकल्प सामने दिखाई नहीं दे रहा। यही कारण है कि भाजपा एक बार फिर शिवराज चौहान के करिश्माई नेतृत्व पर दांव लगाने जा रही है। बेटियां और महिलाएं उनकी मुरीद हैं ही, ओबीसी वर्ग भी उनसे बहुत खुश है। आदिवासी वर्ग भी शिवराज शासन से काफी संतुष्ट है। शिवराज चौहान की सबसे बड़ी खूबी यह है कि उनकी छवि अब तक बेदाग रही है। भाजपा ने राज्य में उनके चेहरे पर ही हिन्दुत्व का अलग लोक स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने विकास यात्रा करके गांव-गांव तक अपनी पहुंच बनाई है। जीत का पंजा लगाने के लिए भाजपा को शिवराज ही जरूरी लग रहे हैं।
आदित्य नारायण चोपड़ा