अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद से ही मुम्बई फिल्म उद्योग की पर्तें खुलने लगी हैं और सोशल मीडिया से लेकर घरों में भी हकीकत को लेकर एक सार्वभौमिक बहस शुरू हो चुकी है। बहस भी ऐसी कि जिसे शब्दों की परिधि में समेटा नहीं जा सकता। ऐसी कौन सी मजबूरी या दबाव था कि फिल्मी करियर और स्वर्णिम भविष्य का दामन छोड़ सुशांत ने आत्महत्या कर ली। यह एक ऐसा केस है जो रोजाना लोगों को अशांत करता है। सुशांत के मौत काे गले लगाने के बाद से ही फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद, गुटबाजी, व्यावसायिक ईर्ष्या, आउटसाइर्ड्स और इनसाइर्ड्स में भेदभाव जैसे कई शब्द सुनने को मिल रहे हैं। यह मुद्दा ऐसा है कि हकीकत सामने आने से बड़े स्टार्स और बड़े प्रोडक्शन हाउस के मालिकों की नींद हराम कर रहा है। जहां तक भाई-भतीजावाद का सवाल है। देश में हर क्षेत्र में सियासत से लेकर फिल्म उद्योग तक हावी है। सियासत हो या फिल्म उद्योग दोनों में हिट वही होता है जिसमें टैलेंट हो अन्यथा दिग्गज अभिनेताओं के बेटों और बेटियों की अच्छी-खासी संख्या है, जिनके पास कोई काम नहीं आता। दिग्गज अभिनेता आज भी अपना सिक्का जमाए हुए हैं लेकिन उनकी अगली पीढ़ी को दर्शकों ने ठुकरा दिया है। सुशांत सिंह किसी फिल्मी परिवार से जुड़े हुए नहीं थे। िबहार से आकर उन्होंने संघर्ष करते-करते अच्छा मुकाम हासिल कर लिया था, लेकिन फिल्म उद्योग की व्यवस्था ने उसके साथ बुरा व्यवहार किया, यह प्रतिभाशाली अभिनेता के साथ अन्याय था।
इस मामले में अब नया ट्विस्ट आ गया है। सुशांत के पिता के.के. सिंह ने पटना में सुशांत की गर्लफ्रैंड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर रिपोर्ट दर्ज कराई है। प्राथमिकी में अभिनेत्री पर 16 गम्भीर आरोप लगाए हैं। रिया पर आरोप लगाया गया है कि उसने सुशांत के एकाउंट से 15 करोड़ रुपए अज्ञात लोगों के खातों में ट्रांसफर किये। सुशांत की मौत से पहले रिया बहुत सारा कीमती सामान, लैपटाप, ज्वैलरी, क्रेडिट कार्ड, डेविट कार्ड और सुशांत की मेडिकल रिपोर्ट ले गई थी। सुशांत को धमकियां दे रही थीं कि वह उसकी मेडिकल रिपोर्ट सार्वजनिक कर देगी। अब सवाल उठता है कि क्या सुशांत को पागल बनाने के लिए किसी रणनीति या सुनियोजित चाल चली गई? क्या सुशांत व्यक्तिगत भावनात्मक संबंधों के चलते उलझते चले गए या वह कई रहस्यमयी किरदारों के चलते जीते जी उलझ गए थे। इसमें कोई संदेह नहीं कि बालीवुड का सबसे बड़ा जहर नेपोरिज्म है। इसका नजारा बार-बार देखने को मिला है। अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के खिलाफ भी गुटबाजी सामने आती रही है।
अभिनेत्री कंगना रणौत ने भी खुलकर इस मुद्दे पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। यह बात साफ हो चुकी है कि फिल्म छिछोरे की सफलता के बाद सुशांत को 7 बड़े ऑफर मिले थे लेकिन बीते 6 माह में यह सारे मौके उनके हाथ से निकल गए क्योंकि प्रोडक्शन हाउस ने सुशांत के साथ काम करने से इंकार कर दिया। फिल्म उद्योग की निष्ठुरता ने एक अलग स्तर पर काम किया। आखिर प्रोडक्शन हाउसों पर किन लोगों का दबाव था, क्या सुशांत के साथ यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया। बालीवुड में ऐसे लोग भी सफल होते रहे हैं। जिनका कोई गाॅडफादर नहीं होता। तब समय कोई और था जब स्टार एक-दूसरे का सम्मान करते थे और कभी एक-दूसरे की आलोचना नहीं करते थे लेकिन जब से पीआर एजैंसियों, टैलेंट एजैंसियों ने अपना धंधा चमकाना शुरू किया तो एक-दूसरे के खिलाफ स्टोरी प्लांट करना, एक-दूसरे की छवि प्रभावित करने की जंग बढ़ती चली गई। हर हथकंडा अपनाया जाने लगा। सवाल तो फिल्म पत्रकारिता पर उठ रहा है। एक फिल्म क्रिटिक पर भी आरोप लगा है कि वह किसी के इशारे पर सुशांत की फिल्मों की जमकर आलोचना करते रहे हैं, ऐसे आर्टीकल प्रकाशित किए गए जिसे पढ़कर सुशांत परेशान हो जाया करते थे।
मुम्बई पुलिस अब तक 40 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। आम धारणा यही है कि पुलिस प्रभावशाली लोगों को पूछताछ के लिए नहीं बुला रही, अगर बुला कर पूछताछ कर भी रही है तो यह आईवाश ही होगा। अब सुशांत केस की सीबीआई जांच की मांग उठ रही है।
सोशल मीडिया पर लोग ऐसे अभिनेताओं के नामों का उल्लेख कर रहे हैं, जो नेपाेरिज्म की आग का शिकार हुए। कितने ही कलाकारों का करियर ऐसे झुलसा कि वे पुनः खड़ा होने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और दुनिया उन्हें भूलती चली गई। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इंडस्ट्री छोटे शहरों से आए प्रतिभा सम्पन्न लोगों का सम्मान नहीं करती बल्कि उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है।
रिया चक्रवर्ती पर लगाए गए आरोपों की निष्पक्षता से जांच होनी ही चाहिए। कई ऐसे पेंच है जिनके अब तक खुलने का इंतजार है। कौन सा ऐसा किरदार है चाहे वह कोई महिला हो या पुरुष, जो सुशांत के आखिरी कदम के पीछे बड़ा कारण बना हो। इस राज का पर्दाफाश तो होना ही चाहिए। सुशांत काफी संवेदनशील इंसान थे, आखिर चंद लम्हों में ऐसा क्या हुआ जिससे वे इस कदर बेचैन हो गए? सच सामने आना जरूरी है, सुशांत की मौत का सच सामने आएगा तो इंडस्ट्री की हकीकत भी सामने आएगी।