2019 का चुनावी महारण जीतने के बाद मोदी की टीम इंडिया अपने मिशन में जुट गई है। मकसद एक ही है कि सबका साथ, सबका विकास और इसके साथ एक नई चीज जोड़ दी गई है वह है सबका विश्वास। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 की तुलना में 2019 में अगले महारण के लिए जो टीम चुनी है वह थोड़ी आक्रामक है। टीम में जाने- माने दिग्गज अगर इस बार हैल्थ बैकग्राउंड के कारण शामिल नहीं हो सके तो विकल्प के तौर पर जो खिलाड़ी शामिल किए गए हैं वे बहुप्रतिभा मुखी हैं।
अमित शाह देश के नए गृह मंत्री हैं तो वहीं राजनाथ अब डिफेंस मंत्री बना दिए गए हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमण को वित्त महकमे की कमान सौंप दी गई है तो वहीं एस.जयशंकर ऐसे पहले ब्यूरोक्रेट हैं जो बहुत ही आक्रामक और तेज तर्रार लेकिन सभ्य, श्रीमती सुषमा स्वराज का स्थान लेकर विदेश मंत्री नियुक्त किए गए हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि मोदी सरकार पर देश तो क्या दुनिया के किसी कोने से भी उंगली नहीं उठाई जा सकती। हालांकि विपक्ष का काम आलोचना करना है तो भारतीय लोकतंत्र की यह विशेषता है कि आलोचना को भी स्वीकार किया जाना चाहिए।
मोदी जी ने जो टीम चुनी है वह पूरी तरह से संतुलित है,आक्रामक है और रक्षात्मक भी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि पिछली बार की तरह मोदी जी की टीम 2019 में भी शानदार परफार्म करेंगी और इस सिलसिले को 2024 तक के लिए शानदार तरीके से तैयार कर देगी कि अगले चुनावों के लिए अच्छी बल्लेबाजी की जा सके। पहली बात चुनौतियों की है जब अमित शाह गृहमंत्री है और उनके नंबर नवन जोड़ीदार के रूप में खुद पीएम मोदी उनके साथ हैं तो स्वीकार करना होगा कि धारा 370 भाजपा के एजेंडे पर रहा है। कश्मीर में आतंकवाद का खात्मा करने के लिए पिछली टीम ने कोई कसर नहीं छोड़ी और पत्थरबाजों पर नकेल कसी गई।
आतंकवादियों का घाटी के लोकल लोगों द्वारा समर्थन अब आसान नहीं रहेगा। पाकिस्तान पर नकेल कसने के लिए विदेश मंत्री के रूप में एस. जयशंकर अपने दमदार अनुभव के दम पर आक्रामक ही रहेंगे। सवाल यह है कि 370 को लेकर घाटी के लोगों को विश्वास में कैसे लिया जाये। क्या इस मामले पर सरकार सर्वेक्षण करायेगी या सड़क पर होने वाली प्रतिक्रिया से बचने के लिए संसद में ही जमीनी आधार बनाकर आगे बढ़ेगी, इन सवालों को लेकर राजनीतिक पंडित रोज डीबेट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा चल रही है। अगर सोशल मीडिया ही पैमाना है तो लोग साफ कह रहे हैं कि पूरे देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में कहीं भी रहते हुए वहां जमीन खरीदे और उसे वहां कारोबार करने की इजाजत दी जाए।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देकर कब तक आतंकवादियों को वहां के राजनेता इस्तेमाल करते रहेंगे। सोशल मीडिया ऐसे गंभीर सवाल उठाकर अपनी भावनाएं शेयर कर रहा है लेकिन श्री अमित शाह का जो वर्किंग स्टाइल रहा है, भाजपा को 303 के आंकड़े पर पहुंचाने में जो उनकी भूमिका रही है वह कमाल की है और अब वह देश के मंच पर भी ऐसी ही फरफार्मेंस देकर भारत को नंबर वन बनायेंगे। हमारी सेनाओं के तीनों अंगों का आधुनिकीकरण समय की मांग है और श्री राजनाथ डिफेंस मंत्री के रूप में सबकुछ जानते हैं। आने वाले दिनों में सुपर शक्तियों से हमारे रिश्ते भी मजबूत होंगे और बड़ी डिफेंस डील भी होगी। वित्त मंत्री के रूप में श्री अरुण जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था को न केवल मजबूत किया बल्कि देश को एक नई दिशा भी दी है और अब निर्मला सीतारमण को यह भूमिका निभानी है।
देश की जीडीपी को ऊंचा रखना अगर परम कर्त्तव्य है तो महंगाई पर नियंत्रण के साथ-साथ देश के मजदूर, कामगार और छोटे तथा बड़े व्यापारियों के साथ-साथ बड़े उद्योग जगत को अपने साथ जोड़कर चलते हुए अर्थव्यवस्था की मजबूती चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि रियल स्टेट पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। आधारपूर्ण ढांचे की मजबूती और अनेक पायलट योजनाएं एक वित्तमंत्री के पास रहती हैं। आपको यह भी ध्यान रखना है कि 5 जुलाई को आपको पहला बजट रखना है। चुनौतियां ज्यादा और समय कम लेकिन निर्मला सीतारमण में काबिलियत है। अहम बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही आश्वस्त है और उनकी नीति तथा नियत स्पष्ट है। ऐसे में देशवासियों को उम्मीद नहीं विश्वास है कि अपनी 58 सदस्यीय टीम को वह बराबर अच्छा नेतृत्व देते हुए देश का मार्गदर्शन भी सही तरीके से करेंगे।
सड़क परिवहन हो या शिक्षा का मामला, पर्यावरण हो या रेल चुनौतियां, पैट्रोलियम हो या उद्योग जगत, अल्पसंख्यक मामले हो या शहरी विकास मंत्रालय मोदी जी ने सर्वश्री नीतिन गडकरी, नरेंद्र तोमर, रवि शंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, प्रकाश जावड़ेकर और डा. हर्षवर्धन के रूप में पूरी पहचान करने के बाद उन्हें अपनी टीम में उतारा है। कैबिनेट दर्जे के मंत्रियों के अलावा स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्रियों की भी उन्होंने बड़ी टीम बनाई है। लगता है कि जो लोग मंत्री नहीं बनाए गए हो सकता है उन्हें संगठन में एडजेस्ट किया जाये। क्योंकि वे प्रतिभावान तो हैं लेकिन मोदी जी हर चीज का सदुपयोग सही समय पर करते हैं।
आने वाला समय देश के विकास और विश्वास के साथ-साथ दुनिया के नक्शे पर भारत की पहचान का होगा। उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि भारत अब सुपर पावर राष्ट्रों के साथ सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता लेकर खड़ा होगा। भारत लगातार विकास करता रहा है। अपनी पहचान बनाता रहा है। सचमुच पीएम मोदी के रहते सबकुछ मुमकिन है बस थोड़ा सा इंतजार करें, यह सरकार हर आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरी थी। प्योर रही है और आगे भी यह प्योर रहेगी यह श्योर है।