हमारा देश एक महान देश है, जहां अनेकता में एकता है। कई जातियां, कई भाषाएं बोली जाती हैं। कई तरह के पहनावे हैं। सबसे खास बात है कि लोकतंत्र है, जहां एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बनकर दुनिया में छा जाता है। एक आम व्यक्ति सीएम बन सकता है। एक जमीन से जुड़ा व्यक्ति इंटैलीजेंट प्रोफेसर गणेशी लाल जी महामहिम बन जाता है और जिसमें अहं नाम की कोई चीज नहीं, महिलाओं को सम्मान देना जानते हैं। हमने अपने भारत देश में या अपनी मां-दादी से बहुत सी कहानियां सुनी होंगी, परियों की कहानी, हरिश्चन्द्र की कहानी, कृष्ण-सुदामा की कहानी, अम्बानी की कहानी। कुल मिलाकर यही लगता है कि कुछ भी सम्भव है अगर आप मेहनत करते हो या आपकी किस्मत का सितारा तेज है कहते हैं।
कि डर तो लगता है फासला देखकर
पर मंजिल आती है हौंसला देखकर।
कल भी हमारा चौपाल का प्रोग्राम था, जहां सेवा बस्ती या जरूरतमंद महिलाओं को जो मेहनत करके अपने पांवों पर खड़ा होना चाहती हैं उन्हें एक साल के लिए धनराशि दी जाती है और एक साल के बाद उन्हें वह राशि वापस लौटानी होती है ताकि वह दूसरी महिलाओं के काम आ सके। इन्हीं महिलाओं में से बहुत सी महिलाएं आगे बढ़ कर स्वयं आत्मनिर्भर, फिर परिवार को और फिर समाज में बड़ी-बड़ी बिजनेस टायकून बन रही क्योंकि एक तो वो मेहनत कर रही हैं, दूसरा चौपाल उनका हाथ पकड़ कर जिन्दगी में चलना सिखा रहा है। सच में अगर आपकी जिन्दगी में कोई सही रास्ता दिखाने वाला और थोड़ा साथ देने वाला मिल जाए और आप मेहनती हो और आपकी किस्मत साथ दे दे तो फिर यही बात मन से निकलती-
यह मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बड़ी हैं
यह मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है।
यही बात साबित की कोलकाता की 59 वर्षीय रानो मंडल ने जो कोलकाता के राना घाट स्टेशन पर गाना गाकर पैसे कमाती और अपना पेट भरती थी। उसे भी चौपाल की तरह एक यूट्यूब लड़के अतिन्द्र चक्रवर्ती ने सहारा दिया। उसकी वीडियो बनाई और अपने फेसबुक एकाउंट पर अपलोड की। देखते ही देखते उसके कई लाइक और कई शेयर मिल गए। यहां तक कि उसे एक टीवी रियल्टी शो पर इन्वाइट किया गया, जहां उसे हिमेश रेशमिया ने सुना और अपनी पिक्चर ‘हैपी हार्डी एंड हीर’ में उसे एक गाना तेरी मेरी-तेरी मेरी कहानी गवाया, जिस रानो मंडल के पास खाने को पैसे नहीं थे, रिश्तेदार नहीं पूछते थे, उसकी अपनी सगी बेटी 10 सालों से छोड़ कर जा चुकी थी, वो रानो मंडल एक व्यक्ति अतिन्द्र चक्रवर्ती की वजह से और अपनी गॉड गिफ्ट आवाज, अपनी मेहनत, अपनी लगन से आज सैलिब्रिटी बन गई है।
सभी संबंधी उसको पूछ रहे हैं, बेटी वापस आ गई, उसका रहन-सहन बदल गया, परन्तु वो रानो मंडल अपने सारथी यानी अतिन्द्र चक्रवर्ती को नहीं भूली, उसे बेटा मान कर उसके द्वारा कांट्रैक्ट साइन कर रही है। वाह! रानो मंडल आप जैसी स्त्रियां आज के समाज के लिए एक रोल माडल हैं और उन लोगोें के लिए स्पैशली सीनियर सिटीजन के लिए भी रोल माडल हैं, जो इस उम्र में सोचना शुरू कर देते हैं कि अब क्या अब तो उम्र गई। वैसे तो हमारे वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब सबको यही प्रेरणा देता है कि उम्र की कोई सीमा नहीं, आप हर पल हर काम कर सकते हो, मर्यादा में रहकर।
यही नहीं मुझे चौपाल के प्रोग्राम में अपनी वरिष्ठ नागरिक की सदस्या ऊषा साही मिली जो हमारी पंजाबी बाग ब्रांच की सदस्य हैं, उसका बेटा अमेरिका में सैट है। बहुत स्मार्ट लेडी हैं, शिक्षित हैं। दिखाई बहुत नाम मात्र दे रहा है, परन्तु क्लब में लगातार आती हैं, वो कहती हैं कि क्लब ने उन्हें नई जिन्दगी दी है। उसे ब्रांच अध्यक्ष किरण मदान पर बहुत नाज है। साथ ही वह हमारी कोर्डिनेटर राधिका की बहुत तारीफ कर रही थीं। मुझे प्यार से बार-बार छू रहीं थीं। उसकी यह बातें मुझे आत्मिक शांति दे रही थी और किरण मदान और राधिका यहां तक सभी ब्रांच हैड पर नाज फील करती हूं कि एक-एक की मेहनत है जो इस समय बुजुर्गों को खुशी देती है।
परन्तु रानो मंडल ने एक उदाहरण पेश किया है और उससे भी ज्यादा अतिन्द्र चक्रवर्ती ने जिसने उसको रास्ता दिखाया। फिर हिमेश जी ने जिसने उसे मंजिल पर पहुंचाया। वाह कितनी खुशी होती है अगर किसी का हाथ दो तो वह आगे बढ़ जाए। इससे ज्यादा आत्मिक शांति नहीं मिल सकती। अक्सर हमारा वरिष्ठ नागरिक क्लब बहुत से जरूरतमंदों को हाथ देता और चौपाल जरूरतमंद महिलाओं को। दोनों कामों में मुझे जो मन की शांति मिलती है, सच्चा सुख मिलता है उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। फिर रानो जी का और हिमेश जी का गाना गुनगुनाने को मन करता है।
तेरी मेरी…तेरी मेरी…मेरी कहानी