उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के स्वास्थ्य को लेकर पिछले लगभग 20 दिनों से दुनिया भर का मीडिया अटकलें लगा रहा था। मीडिया समय-समय पर किम जोंग के बारे में कुछ न कुछ लिखता रहा है। टीवी चैनल धड़ाधड़ कहानियां चलाते हैं लेकिन किम जोंग फिर जीवित हो जाते हैं। पूरी दुनिया में उत्तर कोरिया के बारे में ज्ञान हासिल करने की जिज्ञासा है और इस जिज्ञासा में भारत भी पीछे नहीं। अब की बार तो किम की मौत की खबरें बड़े ही रोचक ढंग से पेश की गईं और उनकी बहन को उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया गया। उत्तर कोरिया में उनके खिलाफ जनविद्रोह की खबरें उछाली गईं। तमाम अटकलों को झूठा साबित करते हुए किम जोंग एक बार फिर सामने आए। उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के निकट सुनचोन में वह फर्टिलाइजर फैक्टरी का उद्घाटन करते नजर आए। किम 15 अप्रैल को अपने दादा के जन्मदिन के समारोह में शामिल नहीं हुए। यह देश के लिए साल के सबसे बड़े आयोजनों में से एक होता है। किम जोंग के दादा उत्तर कोरिया के संस्थापक थे। इसके बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। यह पहली बार नहीं था कि जब किम जोंग के गायब होने की खबरें आई थीं। वर्ष 2014 में भी वह 40 दिनों तक गायब रहे थे और ऐसी ही अफवाहें तब भी उड़ी थीं।
तानाशाह कोई भी हो, वह हमेशा अपने इर्दगिर्द तिलिस्मी संसार की रचना कर लेता है। इंटरनेट और सोशल मीडिया की इस दुनिया में हैरानी इस बात की भी है कि रहस्यमयी देश उत्तर कोरिया की कोई खबर बाहर नहीं आती। सारी दुनिया सवाल कर रही थी कि किम जोंग कहां है और किस हाल में है लेकिन इसका सही जवाब देने की स्थिति में कोई नहीं था। उत्तर कोरिया के बाहर की दुनिया में किम जाेंग उन को एक राक्षस के रूप में पेश किया जाता है या एक मसखरे के रूप में जो लंदन के एक नाई के पास अपने भाड़े के गुंडे भेजता है जो उसके बालों की कटाई का मजाक उड़ाता है। उसे एक मोटे प्लेब्वाय के रूप में देखा जाता है जिसे स्विस चीजें, तेज कारें और तेज-तर्रार महिलाएं पसंद हैं लेकिन वह उत्तर कोरिया का सम्राट है, सर्वोच्च नेता जिसका आभा मंडल देवता जैसा है। हैरानी तो इस बात की है कि किम जोंग ने स्विट्जरलैंड में पढ़ाई की है, फिर वह एक सनकी तानाशाह कैसे बन गया। जिस तरह से किम ने अपने संरक्षक और चाचा चांग सोंग और रक्षा मंत्री की निर्ममता से हत्या की उसके बाद तो उनके आसपास के लोग ही आतंकित हो उठे हैं कि अगला नंबर उनका हो सकता है।
तानाशाहों का इतिहास काफी क्रूर रहा है। दरअसल तानाशाह जितना ताकतवर होता है उतना ही डरपोक भी होता है। हिटलर ने भी अपने खिलाफ षड्यंत्रकारियों को एक-एक करके मार दिया था। स्टालिन ने भी अपने सभी सम्भावित विरोधियों को खत्म कर दिया था। तानाशाह को हर समय लगता है कि कोई न कोई उसके खिलाफ षड्यंत्र रच सकता है, कभी भी उसको मारा जा सकता है। किम कभी विमान में यात्रा नहीं करता, वह चीन भी जाता है तो अपनी विशेष ट्रेन से।
किम जोंग ने बहुत कुछ अप्रत्याशित भी किया। टकराव के बावजूद उत्तर कोिरया और दक्षिण कोरिया नजदीक आए। 27 अप्रैल, 2018 को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेइन की किम जोंग से मुलाकात उसी गांव में हुई जहां कोरिया युद्ध का संघर्ष हुआ था। दक्षिण कोरिया ने अपने रक्षा दस्तावेज में उत्तर कोरिया के लिए दुश्मन शब्द हटा दिया था। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा था, अमेरिका उसे तबाह करने की धमकियां दे रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम की मुलाकात हुई तो उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध का खतरा टला। अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय हमेशा उनके खिलाफ रहा है और उत्तर कोरिया के लोग किस तरह का जीवन जीते हैं यह भी दुनिया जानती है। उनका हेयर कट कैसा होगा, उन्हें कौन से कपड़े पहनने हैं यह भी तानाशाह का प्रशासन बताता है। अब सवाल यह है कि दुनिया भर के देशों में तानाशाहों के खिलाफ जनता विद्रोह करती आई है लेकिन उत्तर कोरिया की जनता किम की तानाशाही को क्यों सहन कर रही है। क्या उत्तर कोरिया के लोग प्रबुद्ध नहीं हैं या फिर उन्हें तानाशाही में जीवन जीने की आदत हो गई है। हैरानी की बात तो यह भी है कि उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस का कोई भी केस सामने नहीं आया। सरकार ऐसा दावा कर रही है लेकिन ऐसी खबरें भी आईं कि वहां दस हजार से अधिक नागरिकों को आइसोलेशन में रखा गया है। हो सकता है कि डरपोक किम कोरोना वायरस से बचने के लिए अलग रहे हों। उत्तर कोरिया में संक्रमित लोगों की गोली मार कर हत्याओं की खबरें भी आती रही हैं। जिस किम ने अपने जनरल को दुनिया की सबसे खतरनाक मछली पिरान्हा से भरे तालाब में फैंक कर मरवा दिया हो तो संक्रमित व्यक्ति की हत्या की खबर भी सच हो सकती है। फिलहाल तानाशाह जीवित है और वह क्या करता है क्या नहीं, यह रहस्य बना ही हुआ है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
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