लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर भारतीयों का सम्मान बढ़ा

देश ने अनेक प्रधानमंत्री देखे हैं। हर प्रधानमंत्री के सामने घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय चुनौतियां रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने भी पाकिस्तान, चीन, भ्रष्टाचार और कोरोना महामारी की सबसे बड़ी चुनौती रही है।

देश ने अनेक प्रधानमंत्री देखे हैं। हर प्रधानमंत्री के सामने घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय चुनौतियां रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने भी पाकिस्तान, चीन, भ्रष्टाचार और कोरोना महामारी की सबसे बड़ी चुनौती रही है। अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति और संबंधों में किसी भी राष्ट्र की ताकत और स्थान उसकी आर्थिक, सैन्य, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति के अलावा यह भी होती है कि उसके शासक की अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर छवि कैसी है। यदि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हिसाब से देखें तो 2014 के बाद का कालखंड भारत की छवि को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाला रहा। भारत एक तेजी से विकसित होने वाला राष्ट्र बना।
दुनियाभर में नरेन्द्र मोदी की छवि तो चमकदार हुई ही बल्कि भारत और भारतीयों का सम्मान बढ़ा। मेरे कुछ पारिवारिक और विदेशों में रहने वाले मित्रों से बातचीत हुई तो उन सबके चेहरों पर एक आभा दिखाई देती है। पहले अप्रवासी भारतीयों को कोई ज्यादा सम्मान नहीं दिया जाता था। अब वे अगर अपना परिचय देते हैं तो सामने वाले से अच्छी, सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है। यूआरए मैन आफ मोदी कंट्री। प्रवासी भारतीय अब पहले से कहीं अधिक फर्क महसूस करते हैं। चाहे बात अमेरिका से संबंधों की या फ्रांस के संबंधों की या फिर ब्रिटेन का मामला हो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चलते सकारात्मक संबंधों का एक नया युग शुरू हुआ। अमेरिका और भारत के कई हित साझे होते हुए भी वर्षों से दोनों देशों के बीच संबंधों में वह सहजता कभी नहीं दिखाई पड़ी जिसकी जरूरत थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ अमेरिका के साथ रिश्तों को मजबूत बनाया, बल्कि रूस के साथ चले आ रहे मैत्रीपूर्ण संबंधों काे प्रभावित नहीं होने दिया। प्रवासी भारतीय उस दिन को याद करते हैं जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टाइम्स सक्वेयर पर प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया तो तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उनके साथ खड़े थे और जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए थे तो दोेनों की मित्रता की डोर देखने वाली थी।
पहले विश्व के शक्तिशाली देशों के सामने भारत की छवि एक छोटे भाई की रहती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति के बराबर मंच पर खड़े थे। यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है कि प्रधानमंत्री न्यूयार्क से सम्बोधित कर रहे हों और भारत की सड़कों पर उसी तरह का सन्नाटा हो जाए जैसा रामायण और महाभारत सीरियल के समय में होता था। अगर फ्रांस से संबंधों की बात की जाए तो दोनों देशों में सामरिक संबंध काफी मजबूत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहे इस्राइल जाएं, ब्राजील जाएं या आस्ट्रेलिया, उन्होंने सभी के साथ सहज संबंध स्थापित कर लिए। भारत और आस्ट्रेलिया ने तो सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण समझौता सैन्य लोजिस्टिक समझौता शामिल है। ब्राजील ने जब कोरोना वैक्सीन की मदद मांगी तो प्रधानमंत्री ने ब्राजील को कोरोना वैक्सीन की खेप पहुंचाई तब ब्राजील के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री से पत्र लिखकर न केवल धन्यवाद किया बल्कि भारत की सहायता को हनुमान जी द्वारा संजीवनी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाने के प्रसंग से जोड़ा। अब रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं। अमरीकी आपत्तियों काे दरकिनार करते हुए रूस ने हमें 5.400 सुरक्षा कवर की आपूर्ति शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन में कई मुद्दों पर और रक्षा खरीद सौदों पर बातचीत होगी। 
प्रधानमंत्री मोदी को कई अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं और उनकी छवि अन्तर्राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित हो चुकी है। ऐेसा नरेन्द्र मोदी के रहते हुए हुआ कि पूरी दुनिया ने भारतीय सेना का पराक्रम देखा। पाकिस्तान पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिये यह बता दिया कि भारत पारम्परिक लड़ाई के साथ-साथ आधुनिक युद्ध में दुनिया की पेशेवर सेनाओं में से एक है। अगर घरेलू मोर्चे पर देखा जाए तो कोरोना वैक्सीनेशन का महाअभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। इसके अलावा महामारी के दिनों में जनकल्याण की नीतियों को प्राथमिकता दी गई और देश की बड़ी आबादी को अगले वर्ष मार्च तक मुफ्त राशन देने का ऐलान किया गया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर है। दुनिया को प्रधानमंत्री का संदेश यही है कि दुनिया बदलाव के बड़े दौर से गुजर रही है। चुनौती को अवसर के रूप में लेकर आगे बढ़ना होगा। भारत आने वाले दिनों में डिजिटल लीडर के रूप में अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा में भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। कुल मिलाकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मोदी का डंका बज रहा है और विदेशों में भारतीयों का सम्मान काफी बढ़ा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seven + sixteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।