वाह क्या नाम रखा जी.के. ब्रांच की प्रतिभाशाली ब्रांच अध्यक्ष अंजू कश्यप ने जो दो ब्रांच सम्भालती हैं। नोएडा ब्रांच और जी.के. ब्रांच, काम में कभी पीछे नहीं हटतीं। अभी-अभी अमेरिका से वापिस आई थीं। अभी उसका कोरेंटाइन चल रहा था परन्तु वह काम से कभी पीछे नहीं हटतीं। फिर भी उसने सभी सदस्यों को उत्साहित किया और प्रोग्राम तैयार किया।
सबसे पहले हमारे बहुत प्रतिभाशाली वीरेन्द्र मेहता जी ने शुरूआत की जो एक प्रसिद्ध समाजसेवी भी हैं और लिखते और गाते बहुत अच्छा है। यही नहीं मेरी प्रार्थना पर रोज पंजाब केसरी में कविता लिखते हैं जो शायद 2 पुस्तकें बनने के लिए तैयार हैं। उसके बाद राजे बिदानी ने बहुत ही अच्छी बात कहते हुए कि इस कोरोना के समय हमें ईश्वर को याद करना चाहिए। यह कहते हुए उन्होंने बड़े अच्छे से क्लब की प्रार्थना गा दी और साथ में ‘हम को मन की शक्ति देना’ भी गाया। पहले राजे बिदानी ने आनलाइन प्रतियोगिता में बहुत ही सुन्दर डांस किया था, जिसे मैं आज तक नहीं भूलती। उसके बाद विजय पूरी जी ने बहुत सुन्दर गाना गया ‘जा उड़ जा रहे पंछी’ बहुत ही अच्छी आवाज है। हमारे क्लब की रौनक अनिता भाटिया ने तो कमाल ही कर दिया और सबको सही बात बताई कि हम भारतीय हमेशा कोई न कोई जुगाड़ ढूंढ लेते हैं तो इसलिए हम अपने छोटे से मोबाइल से सबके घर-घर में जाकर जुड़ रहे हैं। फिर उन्होंने लोहड़ी के गीत गाये, खुद ढोलकी बजाई। क्या जोश था अनिता जी का। हमारे बहुत ही अच्छे कपल ए.पी ठकराल और श्रीमती आर.के ठकराल ने आप ढफली बजाकर देशभक्ति का गीत गाया।
फिर आई बारी पुष्पा आनंद की जिन्होंने बहुत अच्छी शायरी की और साथ ही सबको हौंसला दिया कि यह समय भी गुजर जाएगा। सच में उनके कई शे’रों मुझे भी हौंसला दिया। हमारी नीलम बत्तरा जी बहुत प्यारी हैं, बहुत समार्ट हैं, ने बहुत अच्छे तरीके से गाना गाया ‘तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूंद के प्यासे हम’, नीलम बत्तरा जी जिस झूले पर बैठकर गा रही थीं वह भी बहुत प्यारा था। प्रभा कुमार जी जो कर्नल राजेन्द्र कुमार की पत्नी हैं, जिन्होंने क्लब को आगे बढ़ाने में बहुत मेहनत की थी, अब तो हमारे बीच नहीं हैं, परन्तु हम उन्हें भी प्रभा जी में देखते हैं। उन्होंने बहुत सुन्दर गीत सुनाया। मुझे तो लग रहा था कि जी.के. ब्रांच के सभी सदस्य बहुत अच्छा गाते हैं। फिर आई हमारे सदाबहार कपल सरला गुप्ता और गुप्ता जी बहुत ही अच्छे गाने पर डांस किया। ‘जब कोई बात बिगड़ जाए….. तुम देना साथ मेरा’। सबसे अच्छी बात थी उनके ग्रेट बच्चे भी उनके साथ आए। दर्शना नारंग ने अपनी बारी में जिन्दगी की बहुत ही जिन्दगी की सच्चाई पर कविता गाई, सेल्यूट है दर्शना नारंग जी। आखिर में मोहिन्द्र कुमार जी ने अपने पूरे साजो-सामान से माता रानी की भेंट गाई। अंत में फिर बारी आई हमारे बहुप्रतिभावान वीरेन्द्र मेहता जी जो लिखते हैं, गाते हैं, कविता बोलते हैं। वाह मेहता जी हम कितने भाग्यवान हैं, पूरा केसरी क्लब कितना भाग्यवान जिसे आप जैसा हीरा मिला है। आपने अपने प्रोग्राम के नाम यह शाम मस्तानी को सार्थक कर दिया। फिर ए.पी. ठकराल अपने पोते के साथ ड्रम बजाकर ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं धरती हिन्दोस्तान की’, वाह! ठकराल जी आप तो टैलेंटेड हो ही आपका पोता तो आपसे भी आगे जा रहा है। ठकराल जी ने देशभक्ति का गीत गाकर न केवल अपने पोते का मार्गदर्शन किया, सभी बच्चों का मार्गदर्शन किया। कुल मिलाकर जी.के. की शाम मस्तानी ने सबको मस्ताना कर दिया। स्टे होम-स्टे सेफ।