यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं। दोनों ही एक-दूसरे को धमकियां दे रहे हैं। यूक्रेन में संकट के बीच अमेरिकी सैन्य साजो-सामान वहां पहुंच गया है। 200 मिलियन डालर की पहली रक्षा खेप यूक्रेन की मदद के लिए कीव पहुंचा दी गई है। उधर रूस के एक लाख सैनिक यूक्रेन सीमा पर पूरी तरह तैयार हैं। एक तरफ अमेरिका ने यूक्रेन को रूसी आक्रमण के खिलाफ अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बचाने में खुलेआम मदद की घोषणा की है तो उधर बाल्टिक देशों इस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया ने भी एंटी टैंक और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल यूक्रेन भेजने का फैसला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लगता है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में हस्तक्षेप करेंगे लेकिन एक मुक्कमल जंग से बचना चाहेंगे। ब्रिटेन भी आरोप लगा रहा है कि रूस यूक्रेन में ऐसा नेता चाहता है जो उसका समर्थन करता हो। दरअसल रूस बहुत पहले से ही यूरोपीय संस्थाओं खासकर नाटो के साथ यूक्रेन के संबंधों का विरोध करता आ रहा है। यूक्रेन की सीमा पश्चिम में यूरोपीय देशों और पूर्व में रूस के साथ लगती है। हालांकि पूर्व सोवियत संघ के सदस्य और आबादी का करीब छठा हिस्सा रूसी मूल के चलते यूक्रेन का रूस के साथ गहरा सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव है।