डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने घोषणा की कि उसके अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। डीपीएपी के उम्मीदवार के रूप में आजाद का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गज नेता मियां अल्ताफ अहमद से होगा, जो इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार हैं। मियां अल्ताफ की उम्मीदवारी ने वास्तव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना को समाप्त कर दिया है। कांग्रेस, नेशनल कांग्रेस और पीडीपी के बीच चुनावी समझौते पर पहुंचने के लिए कई महीनों से बातचीत चल रही है। लेकिन महबूबा मुफ्ती पीडीपी का गढ़ रहे अनंतनाग को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। पार्टी इस सीट के लिए उम्मीदवार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकती है। इस बीच, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को बताया कि उनकी पार्टी घाटी की सभी तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बदायूं में सपा से कौन, अब भी असमंजस
समाजवादी पार्टी में लगातार प्रत्याशियों के फेरबदल से पैदा हुई असमंजस की स्थिति अब चरम पर पहुंच गई है। बदायूँ लोकसभा सीट से सपा का उम्मीदवार कौन होगा, इस बात को लेकर शिवपाल यादव और बेटे आदित्य पर माथापच्ची जारी है। संभल में आयोजित एक सपा कार्यकर्ता सम्मेलन में आदित्य को बदायूँ (जहां 7 मई को मतदान है) से उम्मीदवार बनाने का सुझाव दिया गया। हालांकि, शिवपाल ने कहा था कि प्रस्ताव राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा और राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा इस पर सहमति दिए जाने की संभावना है। वहीं, आदित्य, जो कि शिवपाल के लिए प्रचार कर रहे हैं, ने साझा किया कि लोग चाहते हैं कि उनके पिता चुनाव लड़ें। लेकिन इस बात पर असमंजस अभी भी बना हुआ है कि क्या अखिलेश यादव के चाचा और सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव चुनाव लड़ेंगे या उनके बेटे आदित्य यादव मैदान में उतरेंगे?
कांग्रेस की गारंटी, कितना होगा असर
लोकसभा चुनाव से पहले, 3 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की 'घर-घर गारंटी' पहल शुरू की। इसके तहत कांग्रेस का लक्ष्य देश भर के करोड़ों परिवारों तक पहुंचना और उन्हें पार्टी की गारंटी से परिचित कराना है। खड़गे ने उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के उस्मानपुर, कैथवाड़ा से पहल शुरू की और पार्टी की 'पांच न्याय पचीस गारंटी' पर पर्चे वितरित किए। कांग्रेस की चुनावी पिच 'पांच न्याय' या न्याय के पांच स्तंभों, अर्थात् 'युवा न्याय', 'नारी न्याय', 'किसान न्याय', 'श्रमिक न्याय' और 'हिस्सेदारी न्याय' के साथ-साथ की गई गारंटी पर केंद्रित है। पार्टी ने पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना नया नारा 'हाथ बदलेगा हलात' लॉन्च कर दिया है।
सीपीआई (एमएल) का पूर्व-मौजूदा विधायकों पर भरोसा
इंडिया ब्लॉक में शामिल सीपीआई (एमएल) ने आरा, नालंदा और काराकाट सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने पालीगंज विधायक संदीप सौरव को तीन बार के जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार के सामने नालंदा से मैदान में उतारा है। संदीप सौरव (36) वर्ष 2013 के दौरान जेएनयू छात्र संघ के महासचिव थे और उन्होंने महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में पालीगंज से 2020 का विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा था। सौरव ओबीसी परिवार से हैं और उनके पिता एक सीमांत किसान थे। वहीं, तरारी विधायक सुदामा प्रसाद आरा से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री आर के सिंह को टक्कर देंगे। इसी तरह, पूर्व विधायक राजाराम सिंह काराकाट से एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
– राहिल नोरा चोपड़ा