जीत,जज्बा और जश्न

जीत,जज्बा और जश्न

टीम इं​डिया ने टी-20 वर्ल्ड का खिताब अपने नाम कर लिया। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराकर दूसरी बार टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास बनाया, बल्कि वनडे कप में 7 महीने पहले आस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार के गम को भी धो डाला। इस जीत से कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, हार्दिक पांड्या समेत हर खिलाड़ी भावुक हो उठा। उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे। इधर पूरा देश आधी रात को जश्न में डूब गया। देशवासियों ने जमकर पटाखे फोड़े। ऐसा लगा जैसे पूरा देश दिवाली मना रहा हो। भारतीय टीम की जीत और जज्बे से पूरे देश को गर्व का अहसास हुआ। क्रिकेट अमेरिका में इतना लोकप्रिय नहीं है। इसके बावजूद वहां वर्ल्ड कप के आयोजन पर सवाल खड़े किए गए थे। फाइनल मैच शुरू होने के पूर्व खेल विशेषज्ञों ने भी भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल दो खिलाडि़यों को लेकर नकारात्मक रुख अपना रखा था। भारत की जीत ने क्रिकेट विशेषज्ञों के सभी सवालों का जवाब दे दिया है। पिछले 17 साल में भारत ने चार बड़े आईसीसी टूर्नामेंट जीते हैं जबकि आईसीसी ट्राफी जीतने का सिक्सर भी टीम इंडिया ने पूरा कर लिया है।

विराट कोहली ने अभी तक टी-20 वर्ल्ड कप नहीं जीता था लेकिन करियर के आखिरी पड़ाव पर उन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। वे भारतीय टीम के साथ वनडे विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुके थे लेकिन टी-20 विश्व कप की ट्रॉफी उनसे दूर थी लेकिन अब वह भी उनके हाथों में है। इसके अलावा रोहित शर्मा के लिए भी ये विश्व कप की ट्रॉफी किसी सपने से कम नहीं थी, क्योंकि वे कई सालों तक इस ट्रॉफी के लिए एक खिलाड़ी के तौर पर लड़े और फिर कप्तान के तौर पर भी उन्होंने इसके लिए काफी जद्दोजहद की और आखिर में ट्रॉफी हाथ में आ ही गई।
भारतीय टीम सबसे ज्यादा आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाली दुनिया की दूसरी टीम बन गई है। ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 10 बार अलग-अलग आईसीसी ट्रॉफी (वनडे विश्व कप 6, टी-20 विश्व कप 1, चैंपियंस ट्रॉफी 2 और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 1) जीती हैं, जबकि टीम इंडिया ने छठी आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की है। भारत ने दो वनडे विश्व कप, दो चैंपियंस ट्रॉफी और दो टी-20 वर्ल्ड कप जीते हैं। लिस्ट में तीसरे नंबर पर वेस्टइंडीज है, जिसने आईसीसी के पांच खिताब जीते हैं, जिनमें दो वनडे विश्व, दो टी-20 विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी शामिल है।

भारतीय टीम के प्रदर्शन का श्रेय रोहित शर्मा की कप्तानी, विराट कोहली की विराट पारी, सूर्या की चपलता, हार्दिक की आक्रामक गेंदबाजी काे जाता है। फाइनल में भारत की बैटिंग और बाॅलिंग में एक ऐसा समय भी आया जब लगा कि अब मैच भारत के हाथों से निकल जाएगा। जब बारी गेंदबाजी की आई तो भारत के गेंदबाजों ने गजब की गेंदबाजी की और क्लासेन और दक्षिण अफ्रीका के जबड़े से जीत छीन ली। क्रिकेट खेल ही टीम वर्क का है जिसमें व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं बल्कि जीत में पूरी टीम का योगदान होता है। भारत की जीत में भी हर खिलाड़ी ने अपना योगदान दिया है तभी तो इस टूर्नामेंट में भारत एक भी मैच नहीं हारा। जब भारत की टीम का चयन हुआ तो इसमें चार स्पिनरों का चयन किया गया था। तब भी सवाल उठाए गए थे। भारत ने स्पिनरों का इस्तेमाल किया जिससे रोहित का निर्णय सही साबित हुआ। गेंदबाज अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल सभी ने अपना कमाल दिखाया। जब शीर्ष क्रम टीम की अच्छी शुरूआत दिलाने में विफल रहा तो सूर्य कुमार और मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने मोर्चा संभाला।

भारतीय टीम के बेहतर प्रदर्शन का श्रेय मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को भी जाता है। मुख्य कोच के रूप में राहुल द्रविड़ का यह अंतिम टूर्नामेंट था। इस जीत के साथ ही विराट और रोहित ने टी-20 टूर्नामेंट को अलविदा कह ​दिया है। संन्यास का ऐलान करते हुए रोहित ने कहा कि इससे बेहतर समय कोई और नहीं हो सकता। तेज रफ्तार क्रिकेट में इन दोनों की पारियों को हमेशा याद रखा जाएगा। भारत को नए खिलाडि़यों से बहुत उम्मीदें हैं। क्रिकेट के क्लब संस्करण की 1983 में भारत को विश्व चैम्पियन बनते देखने वाले लोग भले ही आलोचना करे लेकिन इस समय समूचा विश्व टी-20 क्रिकेट का दीवाना हो चुका है। भारतीय टीम को बहुत-बहुत बधाई।

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