मुझे मालूम है हम सबने कोरोना का समय कैसे बिताया। बहुत से अपनों को खोया, बहुत कुछ इस समय ने हमें सिखाया। सच पूछो तो रामायण की पंक्तियां यर्थात होती दिखीं-जीवन, मरण, लाभ, हानि, यश, अपयश सब विधि हाथ।
यही नहीं गीता का उपदेश भी सामने आया कि क्या लेकर आए थे, क्या लेकर जाओगे। खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाएंगे, जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है। भविष्य की चिंता मत करो, अच्छे कर्म करो। कर्मण्ये वाधिका रस्ते मा फलेषु कदाचन:परिणाम की चिंता छोडक़र कर्तव्य पथ की ओर अग्रसर रहना, यह गीता का प्रमुख संदेशों में है। हम सभी को एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना है आदि।
मैं आपको सबके सहयोग के लिए बहुत आभारी हूं, जिस तरह आपने सहनशीलता दिखाई, आनलाइन कम्पीटिशन में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया वह बहुत ही प्रशंसनीय है। सच पूछो तो यह जिन्दगी का मेरे लिए सबसे कठिन समय था जो शायद मैंने भी आपके सहयोग से काटा। आपकी खुशियां मुझे और काम करने के लिए उत्साहित करती हैं। मुझे मालूम है कि अब आप धैर्य खो रहे हो। आप सबका दिल करता है कि जल्दी से सारी शाखाएं खुलें। हम सब आपस में मिलें और आप सब अपने सहयोगियों से, ब्रांच हैड से मिलें। बस थोड़ा सा और इंतजार की घडिय़ां समाप्त होने वाली हैं। दीवाली के बाद हम सभी शाखाएं खोल रहे हैं। पहले महीने में एक-एक बार मीटिंग होगी फिर सबका स्वास्थ्य और नियम देखते हुए आगे बढ़ेंगे परन्तु एक बात ध्यान रखें यह त्यौहारों का समय है, जरा सम्भल कर। असली परीक्षा है अगर आप सब चाहते हो कि हम सब नार्मल जिन्दगी में वापिस लौटें तो आप सबको अपना ध्यान रखना होगा। सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन नहीं करना, मास्क, दूरी, सैनेटाइज, आपका लाइफ स्टाइल होना चाहिए। आप सबको स्वास्थ्य देखकर मैं खुश रहूंगी। आप स्वस्थ रहेंगे तो मैं भी स्वस्थ रहूंगी।
त्यौहारों को खूब एंज्वाय करो परन्तु सम्भल कर। कोई भी अनहोनी नहीं होनी चाहिए। आपको अपने साथ अपने बच्चों, परिवार के बाकी सदस्यों का भी ध्यान रखना होगा।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि हम सब फिर नार्मल लाइफ जियें। कोरोना बीमारी हमारे देश से ही नहीं सारे विश्व से दूर हो जाए। क्योंकि हम वसुधैव कुटम्बकम में विश्वास रखते हैं और हमारी संस्कृति सर्वे भवन्तु सुिखन: सर्वे संतु निरामया की कामना
करती है।