‘‘है प्रीत जहां की रीत सदा
मैं गीत वहां के गाता हूं,
भारत का रहने वाला हूं,
भारत की बात सुनाता हूं।’’
वाक्य आज कुछ बातें ऐसे सामने आ रही हैं कि यह गीत गुनगुनाने को मन करता है, क्योंकि इस गीत के मायने ऐसे हैं जो भारत के लिए अपने देश के लिए जब भी गाया जाए तब ही सार्थक लगता है। हमारे देश में 70 सालों से 370 का इंतजार था वो पूरा हुआ, फिर मुस्लिम बहनें 3 तलाक के शब्दं से पीड़ित थीं, उनसे उन्हें निजात मिली। कई सौ सालों से राम मंदिर का सपना पूरा होने जा रहा है। यह सबसे ज्यादा हिन्दुस्तानियों के लिए फक्र की बात है। राम मंदिर को राष्ट्र मंदिर बनाने में सिख, हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई सभी अपना सहयोग दे रहे हैं। क्योंकि यह मंदिर किसी विशेष जाति, पार्टी या समुदाय का नहीं है। क्योंकि श्रीराम सबके हैं। श्रीराम सिख गुरुओं की वाणी में हैं, श्री राम रहीम के हैं, इसलिए यह मंदिर रुहानियत का संदेश देगा। हमारे देश की सभ्यता है, संस्कृति है कि सब कार्य बड़े अच्छे ढंग आैर प्रेम से हो रहे हैं।
यही नहीं जब कोरोना ने देश और दुनिया पर हमला किया। इस महामारी की चपेट में सारी दुनिया आ रही थी तो लग रहा था कि भारत में जनसंख्या बहुत है कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा आैर यहां लाशों के ढेर बिछेंगे। हां बहुत से अपनों को हमने और सारे देश ने खोया, परन्तु हमारे सफल नेतृत्व की सूझबूझ और सही दिशा पर आते हुए पहले लाकडाउन, फिर सोशल डिस्टैंसिंग और पूरे एक वर्ष तक भारत ने रोकथाम को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। वर्ष 2020 खत्म होते-होते 2021 के आते वैक्सीन लाकर कमाल कर दिया। आज केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा अब तक 50 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई है और भारत को दुनिया के 22 देशों से कोविड -19 टीके की मांग प्राप्त हुई है। इन देशों में अफगानिस्तान, अल्जीरिया, बंगलादेश, बेहरीन, मिश्र, म्यांमार, मंगोलिया, मालदीव, नेपाल, भूटान, निकारागुआ, ओमान, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं और 15 देशों को पहले ही टीका भेजा जा चुका है।
जहां इतनी मोदी सरकार की उपलिब्धयां है वहां भारत की जनता मोदी से बहुत खुश है, परन्तु जैसे कहते हैं हर इंसान पूर्ण नहीं होता अगर हो तो वह भगवान न बन जाए। वैसे ही सारे बच्चे अपनी मां से खुश नहीं होतेे परन्तु मां तो हमेशा बच्चों का भला चाहती है। ऐसे ही अगर कुछ किसान मोदी जी से खुश नहीं हैं तो किसान और मोदी जी का या सरकार का आपसी मामला है। मैं समझती हूं कि मोदी जी कभी नहीं चाहेंगे कि किसान नाराज हों या उनका नुक्सान हो। वो अन्नदाता हैं और असली किसान बहुत ही मेहनती और भोले-भाले लोग होते हैं या तो सरकारी मंत्री उन्हें समझाने में असमर्थ हैं या वो समझ नहीं पा रहे हैं। मुझे आशा है, पूरा विश्वास है जल्दी कोई न कोई हल निकलेगा।
परन्तु इस समय जो विदेशी ताकतें जो नहीं चाहतीं भारत में स्थिर सरकार हो भारत के कई सालों से रुके काम हो रहे हैं, भारत आगे बढ़ रहा है, वो किसानों के सच्चे-सुच्चे आंदोलन की दिशा बदल रहा है, जो बहुत खतरनाक लग रहा है। क्योंकि विदेशों में कई रिश्तेदार, दोस्त रहते हैं जो बता रहे हैं कि कैसे इसको वहां के भारतीयों में और विदेशी ताकतें जो मोदी जैसे उभरते सफल शक्तिशाली पीएम को नहीं देखना चाहती, काम कर रहे हैं।
यह हुबहू वैसे ही है जैसे मेरे पास दो भाइयों और उनके भतीजों की लड़ाई सामने आई। एक भाई बहुत ही बुद्धिमान आलराऊंडर, अपनी कम्पनी और विरासत को आगे ले जाने वाला था जब उसके भतीजे उसकी हर सफलता से चिढ़ते थे और वह किसी न किसी तरह उसको नीचे गिरना चाहते थे तो पहले उन्होंने उसके छोटे भाई को लालच में पकड़ा, फिर उनकी भोली-भाली मां को शिल्ड बनाकर उस भाई से लड़ाई लड़ी। यहां किसान भोली-भाली मां है, जिनको आगे रखकर अपने देश के कई लोग (भाई) और विदेशी ताकतें (भतीजे) एक आलराऊंडर प्रधानमंत्री (बड़ा भाई) को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। सो मैं सभी भारतीयों का अपने देश के भाई-बहनों, किसानों को, देश के प्रधानमंत्री और सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को, देश की सभी पार्टियों के नेताओं को कहना चाहूंगी यह सम्भालो भाइयो चैन-अमन न खोयें। सबसे पहले देश है फिर राजनीति, पार्टी कुछ और। किसानों की आड़ में विदेशी ताकतें न देश को खराब कर दें। वैसे तो मुझे अपने भारतवासियों पर, मोदी जी पर और सभी मुख्यमंत्रियों पर कि वह सब मिलकर इसका हल निकालेंगे और जो विदेशी ताकतें इस समय मोदी सरकार के सफल 370, राम मंदिर, तीन तलाक, वैक्सीन से चिढ़ रहे हैं उन्हें हावी नहीं होने देंगे। देश को कमजोर नहीं होने देंगे।
‘‘हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
ऐ वतन तू हमारा अभिमान।’’