उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनी दूसरी पारी में भी उत्तर प्रदेश को भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने के प्रयास जारी रखे तथा सेवा, सुरक्षा और सुशासन के अपने नारे को सार्थक करने के लिए दृढ़संकल्प होकर काम किया। योगी सरकार की जनकल्याण की नीतियों और योजनाओं के चलते ही उत्तर प्रदेश में 37 वर्ष बाद पहली बार ऐसा हुआ जब कोई सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दुबारा सत्ता में आई हो। इसमें कोई संदेह नहीं कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त रखने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से निकाल कर आधुनिक प्रदेश बनाने की इबारत लिखी है। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से लौटे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाना उनकी बड़ी उपलब्धियों में से एक रहा। बेरोजगारी की समस्या हर राज्य के लिए बड़ी चुनौती है। बेरोजगारी की चुनौती का योगी सरकार ने बड़े ही अच्छे ढंग से सामना किया।
योगी सरकार ने अब बीए, बीएसई और बी कॉम करने वाले युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अप्रेंटिसशिप के अवसर देने और एक साल तक सात लाख से ज्यादा बेरोजगारों को 9 हजार रुपए प्रति माह भत्ता देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले का युवाओं ने स्वागत किया है। अभी तक अप्रेंटिसशिप का लाभ सिर्फ तकनीकी विषयों से जुड़े युवाओं को ही मिल रहा था। इस योजना के तहत स्नातक हुए युवाओं को कम्पनियों और प्रतिष्ठानों द्वारा अप्रेंटिसशिप के अवसर देने होंगे। इसका फायदा युवा स्नातकों को होगा। एक तो वह प्रशिक्षण हासिल कर कुशल हो जाएंगे, साथ ही साथ उन्हें भत्ता मिलेगा। युवाओं को कौशल हासिल करने के बाद नौकरी और रोजगार के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि राज्य में ही उन्हें काफी अवसर उपलब्ध होंगे। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष की शुरूआत में राज्य के 2 करोड़ श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता देने की नीति के तहत उनके खाते में एक-एक हजार की दो किश्तें ट्रांसफर की थीं। एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों के लिए इंटर्नशिप भत्ते में बढ़ौतरी कर बड़ा तोहफा दिया था। युवाओं को उद्यमी बनाने की राह आसान करते हुए 1.90 लाख उद्यमियों को 16 हजार करोड़ के ऋण वितरित किए गए।
भाजपा सरकार की दूसरी पारी के 100 दिन में 10 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं। राष्ट्रीय स्तर की एजैंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत रह गई है। वर्ष 2017 से पहले भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार होता था। भर्तियों में जमकर वसूली की जाती है। योगी सरकार ने भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के लिए जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाया और भर्ती की हर प्रक्रिया को मिशन रोजगार के तहत बढ़ाया। भर्तियों में भाई-भतीजावाद, जातिवाद और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया। ईमानदारी से भर्ती प्रक्रिया को बढ़ाकर 5 लाख से अधिक युवाओं को सरकार ने नौकरी देने में सफलता प्राप्त की। गौरक्षा पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को जिस ढंग से मजबूत किया है उसे देखकर अर्थशास्त्री भी हैरत में हैं। योगी सरकार भाजपा की रीति-नीति के अनुसार हिन्दुत्व की छवि को प्रतिष्ठित कर रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण इसके उदाहरण हैं। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। सरकार नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल करने पर विशेष बल दे रही है। गंगा का प्रदूषण कम करने के लिए स्मार्ट गंगा सिटी परियोजना पर कार्य चल रहा है। योगी सरकार ने राज्य में पर्यटन विशेषकर धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है। राज्य में गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश सहभागिता योजना प्रारम्भ की गई है। राज्य में बेघरों को आवास देने के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास योजना प्रारम्भ की गई। निर्धन परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान प्रारम्भ किया गया। बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आरम्भ की गई। बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन तथा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी बेहतर हो चुकी है और कारोबारियों का अनुमान भी बेहद उत्साहवर्धक है। निवेशकों की पसंद अब उत्तर प्रदेश बन चुका है। अगले माह निवेशक सम्मेलन लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है। उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश को पहले से कहीं अधिक निवेश हासिल होगा। इसके नए उद्योग और कम्पनियां खुलेंगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। योगी सरकार को जन हितैषी नीतियों से जनता का समर्थन एवं आशीर्वाद प्राप्त है। आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत इसका प्रमाण है। 2024 के होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी भाजपा ने जीत प्राप्त करने के लिए अपनी कमर कस ली है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
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