लाइक, व्यूज के चक्कर में कानून तोड़ते युवा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लाइक, व्यूज के चक्कर में कानून तोड़ते युवा

क्या युवा पीढ़ी सोशल मीडिया पर रात ही रात में स्टार बनने के लिए मानसिक तौर पर गुलाम हो चुकी है? क्या युवा गलत और सही की पहचान नहीं कर पा रहे? ज्यादा से ज्यादा लाइक और व्यूज हासिल करने के लिए वे कानून और नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लोकप्रियता हासिल करने के लिए युवा जेल जाने से भी नहीं कतरा रहे। आखिर ऐसी विकृत मानसिकता कहां से पैदा हो रही है। इन सभी सवालों का जवाब ढूंढना कोई मुश्किल बात नहीं है। पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में बाइक सवार स्पाइडर जोड़े के विरुद्ध कार्रवाई की गई जो स्पाइडरमैन जैसी ड्रेस पहने बाइक दौड़ा रहे थे। एक व्यक्ति को सड़क के मध्य कुर्सी पर बैठकर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया। बाइक पर स्टंट करते अनेक युवाओं के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है।
सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए दिल्ली में कुछ लोग अजब-गजब हरकत कर रहे हैं। ऐसे लोग इंस्टाग्राम, यू ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने फॉलोअर्स और वीडियो पर लाइक बढ़ाने के लिए बहुत रिस्की चीजें कर रहे हैं। हाल ही में पुलिस ने ऐसे लोगों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है जो वीडियो बनाने के लिए कानून तोड़ते हैं। पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे दर्जनभर से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया है या उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस की जांच में पता चला है कि हाल की घटनाओं में एक परेशान करने वाला ट्रेंड सामने आया है, जिसमें 20-25 साल के युवा जिनके अक्सर 1-2 लाख फॉलोअर्स होते हैं, वीडियो बनाने के लिए खास तरीकों से सोशल मीडिया के फीचर्स का इस्तेमाल करते हैं ताकि लोगों का ध्यान खींच सकें।
आजकल युवक ही नहीं युवतियां भी रील्स बनाने के चक्कर में नियमों को ताक पर रख रही हैं। कोई खतरनाक स्टंट कर रहा है तो कोई कार का दरवाजा खोलकर खड़ा है। कई युवतियां अर्द्धनग्न होकर मैट्रो में सवार हो जाती हैं तो कोई नृत्य करती है तो कोई गीत गुनगुनाती है। उद्देश्य सिर्फ एक ही है कि उन्हें सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा लाइक और व्यूज मिलें। रील्स और रियल लाइफ में बहुत अंतर होता है। रील्स बनाने के चक्कर में रोमांचकारी स्थलों पर जाकर स्टंट करने से कुछ युवा जान भी गंवा चुके हैं।
यह समस्या सिर्फ बड़े शहरों में रहने वाली युवा पीढ़ी की नहीं है। इस साल की शुरुआत में बिहार के खगड़िया में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली। 32 साल की एक महिला अपने सास-ससुर के साथ रहती थी। उसके पति बाहर मजदूरी करते थे।
एक दिन अकेले में वह इंस्टाग्राम के इसी ट्रेंड पर फांसी के फंदे से लटकने की रील बना रही थी। उसने अपने पांव के नीचे ईंटें लगा रखी थी लेकिन ऐन वक्त पर ईंटें भरभरा कर गिर गईं और महिला फांसी के फंदे से झूल गई। सास-ससुर जब घर लौटे तो फंदे से लटकी बहू और सामने ट्राइपॉड पर लगा फोन मिला। फोन में उसके तड़पने का वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ था।
कुछ दिन पहले केदारनाथ मंदिर में शिवलिंग के ऊपर नोट उड़ा रही एक लड़की की रील भी वायरल हुई थी। जिसके बाद मंदिर में फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी को ही बैन कर दिया गया। हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स इन खतरनाक रील्स की शिकायत कर रहे हैं और एक्स या इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर पुलिस और ट्रैफिक अधिकारियों को टैग कर रहे हैं। पुलिस मानती है कि इन शिकायतों की वजह से ही कई लोगों पर कार्रवाई हो सकी है।
‘पिछले 3-4 महीनों में रील्स से जुड़े मामलों में काफी बढ़ाैतरी हुई है, शायद इसलिए क्योंकि अब इन वीडियो को बनाने पर पैसा भी मिलता है। ज्यादातर ये युवा लोग हैं, इसलिए पुलिस लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। रेडियो जॉकी और मीडिया संस्थानों से भी मदद ली जा रही है। साथ ही जिला और ट्रैफिक पुलिस इन रील्स पर ज्यादा निगरानी रख रही है और सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट को ढूंढने के लिए विशेष हैशटैग और पेजों का सहारा ले रही है। मौजूदा वक्त में रील बनाने वाले लोग खुद को कंटेंट क्रिएटर और इन्फ्लुएंसर्स कहलाना पसंद करते हैं। शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म भी उन्हें इसी रूप में प्रमोट करते हैं। कई शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म दावा करते हैं कि उनके यहां ‘कंटेंट क्रिएटर्स’ अच्छी कमाई कर रहे हैं तो कई ऐसे भी हैं जो सिर्फ लोगों तक पहुंचने और शोहरत के लिए ऐसा करते हैं।
एक स्टडी के मुताबिक देश में फिलहाल 8 करोड़ लोग प्रोफेशनल कंटेंट क्रिएटर्स हैं। यानी वे इसी को अपना करियर और कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं। ये 8 करोड़ लोग ऑनलाइन कंटेंट बनाकर दौलत और शोहरत कमाने में लगे हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। स्टडी के मुताबिक 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स में से सिर्फ 1.5 लाख लोग ही कमाई कर पाते हैं। उनमें से भी अधिकतर की कमाई महज कुछ हजार रुपए महीने ही है। इन 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स में से 1 प्रतिशत से भी कम ऐसे हैं, जिनके फॉलोअर्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा है। इनकी कमाई लाखों-करोड़ों में है। ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स की कमाई का बड़ा हिस्सा उन मेगा इन्फ्लुएंसर्स को मिल रहा है जिनके फॉलोअर्स 10 लाख या इससे ज्यादा हैं।
मौजूदा ट्रेंड को देखकर समाज सोचने को विवश है कि युवा पीढ़ी ऐसा करके क्या संदेश देना चाहती है। अगर हर कोई कानूनों और नियमों का उल्लंघन करने लगे तो इसका संदेश अच्छा नहीं जाएगा। बेहतर होगा कि युवा जो भी करें ​क्रिएटिव करें ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जा सके।

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