बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक इम्तियाज अली की सभी फिल्मों में सूफीवाद काफी देखा गया है। इम्तियाज अली अपनी फिल्मों में सूफीवाद की छाप जरूर छोड़ देेते हैं। बता दें कि इम्तियाज की फिल्मों में फारसी दार्शनिक रूमी के कलाम का खासा असर देखा गया है।
इम्तियाज अली कहते हैं कि यह सब आकस्मिक होता है। इम्तियाज अली की बतौर निर्देशक पहली फिल्म रॉकस्टार थी जिसमें उन्होंने रूमी की रचनाओं को शामिल किया था।
इसकी झलक फिल्म के उस संवाद में देखने को मिलती है जिसमें कहा गया है, ”यहां से बहुत दूर, गलत और सही के पार, एक मैदान है। मैं वहां मिलूंगा तुझे। इम्तियाज अली की फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल ‘ में संवाद है कि ‘जिसे तुम ढूंढ रहे हो, वो तुम्हे ढूंढ रहा है।”
इम्तियाज अली ने साक्षात्कार में कहा, ”यह सब खासकर मौलाना रूमी के बारे में जानना आकस्मिक है क्योंकि बहुत सारी ऐसी चीजें जो उन्होंने लिखीं वो आज भी प्रासंगिक हैं।”
”रॉकस्टार” के गाने ‘नादान परिंदे’ की पृष्ठभूमि के बारे में बात करते हुए निर्देशक ने कहा कि किसी ने उनको रूमी का एक कलाम भेजा था और यही उनके गाने का मुख्य आधार बन गया।
अली का कहना है कि वह मनोरंजन के लिए फिल्म बनाते हैं, लेकिन वह इसे एक बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं क्योंकि सिनेमा आज के दौर का एक बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कला माध्यम है।