Air Pollution Report: "काट दिए जंगल सभी, कांक्रीट हर छोर। दूषित कर पर्यावरण, हम विकास की ओर।" ये कविता की पंक्ति आज के समय में एक दम सटीक बैठती है। आज हम इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सुकून के पल चाहते है। खुली हवा में सांस ले और साथ में एक अच्छा वातावरण की लालसा रखते है। जिन लोगों की रोजी-रोटी शहर में चल रही है वो तरसते है, गाँव जैसी शुद्ध हवा के लिए। इसलिए तो लोग वेकेशन में छुटिया मनाने के लिए गाँव या हिल स्टेशन की तरफ भागते है। ताकि खुले आसमान के निचे बैठे, प्रकृति की शुद्ता और सुंदरता को महसूस करे और दिल से बस यही निकले की "ये कितनी खूबसूरत जगह है।" आज लोग प्रकृति के प्रति प्यार को सोशल मीडिया पर हैशटैग "नेचर लवर" लिखकर दिखा रहे है। लेकिन क्या वाकई हम और आप प्रकृति से प्यार करते है? ज़रा सोचिये हम पर्यावरण को लेकर कितने जागरूक है? रोटी, कपड़ा, मकान के अलावा हम आज जितनी भी भौतिक वस्तुओ का सुख भोग रहे है, वो सब हमे पर्यावरण ने ही दिया है लेकिन सवाल ये है की हमने पर्यावरण को क्या दिया? कितना दिया? कभी सोचा है आपने ? अभी वर्तमान में जो पर्यावरण को लेकर ताज़ा आकड़ा (Air Pollution Report) हमारे सामने है वो काफी डरावना है।
Highlights
10 जनवरी, 2024 को थिंक टैंक सेंटर फार रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 75 प्रतिशत से अधिक दिनों के लिए उपलब्ध वायु गुणवत्ता डेटा वाले 227 शहरों की स्टडी की गयी। जिसमे इन शहरों में से 85 शहरों को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme) के तहत शामिल किया गया था। आंकड़ों (Air Pollution Report) से पता चला कि 85 शहरों में से 78 शहरों में पीएम10 का स्तर एनएएक्यूएस (NAAQS) से अधिक था। आपको बता दें की पीएम 10 का मतलब होता पर्टिकुलर मैटर (Particular Matter) जो हवा में, जो मौजूद कण 10 माइक्रोमीटर से भी छोटे हैं, और जब पीएम 10 , पीएम 2.5 का स्तर 100 से ऊपर पहुंचता है, तो ये खराब श्रेणी को दर्शाता है यानि हवा में धूल, मिट्टी, धुंध के कण ज्यादा मात्रा में मौजूद है। जो आसानी से सांस के जरिए आप के फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं। जो आपके हेल्थ के लिहाज से काफी हानिकारक है।
सेंटर फार रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के अनुसार 2023 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर मेघालय का बर्नीहाट इस लिस्ट में सबसे आगे रहा। वही दूसरे स्थान पर बिहार का बेगुसराय और तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा है। इस लिस्ट में दिल्ली आठवें स्थान पर है। वही बात करे 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से तो बिहार के 18, हरियाणा के 8 और राजस्थान के 8 शहर शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 सबसे प्रदूषित शहरों में पीएम 10 की सांद्रता भारतीय मानकों से तीन से पांच गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा से 13-20 गुना अधिक थी।
हाल ही में देश (India) की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदुषण (Air Pollution Report) से लोगों का मुश्किल हो रहा था, स्तिथि इतनी खराब हो गयी थी कि लोगो का घर से निकलना मुश्लिक हो गया था। जिससे लोग अपने काम पर नहीं जा पा रहे थे। अभी जो स्थिति बनी हुई है उसे देखकर लगता है की ये प्रदुषण एक समय में महामारी का रूप ले सकती है। इसे एक खतरे की घंटी समझकर समय रहते सचेत हो जाना चाहिए और पर्यावरण को खूबसूरत बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना अभी से ही शुरू कर देना चाहिए।
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