बाबरी मस्जिद विध्वंस की पूरी कहानी, इतिहास के पन्नों से भविष्य तक का सफर

बाबरी मस्जिद विध्वंस की पूरी कहानी, इतिहास के पन्नों से भविष्य तक का सफर
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Ram Mandir Inauguration : भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। मंदिर के ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में होगा। राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख की घोषणा ने पूरे देश में खुशी की लहर फैला दी है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, हिंदू समुदाय के लिए एक लंबे समय से चली आ रही मांग थी। राम मंदिर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक घटना होगी जिसे न केवल हिंदू समुदाय की आस्था को बल मिलेगा, बल्कि अयोध्या के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार सत्ता में आयी है तब से राम मंदिर निर्माण कार्य में काफी तेजी से काम पूरा किया जा रहा है। राम की नगरी अयोध्या में वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट भी बनकर लगभग तैयार है और उम्मीद की जा रही है विदेशों से भी अब भक्त जन भगवान् श्री राम के दर्शन के लिए सीधे अयोध्या में पहुंचेंगे।

जनवरी 2024 में होगा मंदिर का उद्घाटन (Ram Mandir Inauguration)

मंदिर के उद्घाटन से पहले, कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह, भव्य शोभायात्राएं और धार्मिक समारोह भी शामिल होंगे। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद, मंदिर के द्वार सभी श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। राम मंदिर का उद्घाटन एक ऐसा आयोजन है जिसका पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है। यह आयोजन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही अयोध्या में एक नए युग की शुरुआत होगी। मंदिर अयोध्या की पहचान बन जाएगा और शहर एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा।

बाबरी विध्वंस की 31वीं बरसी

भारतीय इतिहास में 6 दिसंबर वर्ष 1992 को यूपी के अयोध्या में घटी यह घटना इतिहास में प्रमुखता के साथ दर्ज है, जब राम मंदिर की सांकेतिक नींव रखने के लिए उमड़ी भीड़ ने अयोध्या में स्थित 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने ध्वस्त कर दिया था। इस दर्दनाक घटना के बाद देशभर में भयंकर सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। बाबरी मस्जिद का विध्वंस केवल एक धार्मिक स्थल का विनाश नहीं था, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर भी एक बड़ा हमला था।1949 में कुछ हिंदू कारसेवकों ने मस्जिद के प्रांगण में मूर्तियां रखकर विवाद को और भड़का दिया। इसके बाद 1950 में सरकार ने इस विवादित स्थल को अपने कब्जे में ले लिया और मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई।

नवाब मिर्जा बाबर ने बनवायी थी बाबरी मस्जिद

1528 में फैजाबाद के नवाब मिर्जा बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था। ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, इस मस्जिद के स्थान पर पहले एक प्राचीन मंदिर हुआ करता था। इस विवादित स्थल को लेकर सदियों से हिंदू और मुसलमान समुदायों के बीच विवाद चल रहा था। 1949 में कुछ हिंदू कारसेवकों ने मस्जिद के अंदर मूर्तियां रख दी थीं। इसके बाद 1950 में सरकार ने मस्जिद के आसपास के इलाके को अपने कब्जे में ले लिया और मस्जिद में नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा दी गई थी।

विश्व हिंदू परिषद ने 1989 में शरू किया था अभियान

1984 में भारतीय उच्चतम न्यायालय ने विवादित स्थल को हिंदू और मुसलमान पक्षों में बांटने का फैसला सुनाया और फिर इस फैसले के बाद हिंदू संगठनों में नाराजगी बढ़ गई। 1989 में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का अभियान शुरू किया था। इस अभियान के दौरान विवादित स्थल पर कारसेवकों की भीड़ इकट्ठा होने लगी थी। 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद पर हमला कर दिया और उसे ध्वस्त कर दिया गया। इस घटना के बाद देशभर में जगह-जगह सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में हजारों लोगो ने अपनी जान गवाई और लाखों लोग बेघर हो गए। यह एक ऐसी त्रासदी थी जिसने भारतीय समाज को झकझोर कर रख दिया था।

22 जनवरी को होगी राम लाला की प्राण प्रतिष्ठा

बाबरी मस्जिद का विध्वंस भारत के इतिहास में भारत में ये बहुत बड़ी घटना थी जिसने लोगो को झटका मिला था। इस घटना ने न केवल भारतीय लोकतंत्र बल्कि सामाजिक सद्भाव पर भी एक गहरा दाग लगाया। आज भी बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक ऐसा घाव है जो भर नहीं पाया है। हमें इस घटना की याद दिलाते हुए एक बार फिर शांति और सद्भाव बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए। 22 जनवरी को नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में यजमान के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाबरी विध्वंस की 31वीं बरसी पर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। रामनगरी में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों पर पुलिस चेकिंग कर रही है।

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