कोविड-19 में पूरी दुनिया बिखर गई थी, आधे से ज्यादा लोग ने अपनी नौकरी गंवा दी तो कुछ अपनी जीविका चलाने के लिए अपना व्यवसाय बदलना पड़ा। लेकिन कोरोना महामारी के समय सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ तो वह है ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, जो कोविड के समय पूरी तरह से बिखर चुका थी।
लेकिन साल 2023 में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर ने अपने पांव फिर से जमाना शुरु कर दिया है। साथ ही काफी मुनाफा भी कमाया है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल टूरिज्म सेक्टर में बहार आएगी और इसकी मदद से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में भी मजबूत ग्रोथ होगी। इसके चलते न सिर्फ इन सेक्टर में कारोबार बढ़ेगा बल्कि जमकर नौकरियां भी मिलेंगी।
कोविड-19 के समय कई लोगों को अपने होटल्स बंद करने पड़े थे। यहां तक की इस इंडस्ट्री में करोड़ो का नुकसान सिर्फ भारत में ही हुआ था। क्योंकि लोगों ने डर की वजह से घर से बाहर निकलना या बाहर घूमने से बिल्कुल परहेज कर लिया था। लेकिन अब हालात अलग है और यह सेक्टर अपने पांव दोबारा से जमाने के लिए तैयार है।
विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के बाद हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में बहुत बदलाव आए। कोविड-19 में इंडस्ट्री बिल्कुल बिखर चुकी थी। मगर धीरे-धीरे सुधार हुआ और नए-नए रोजगार भी पैदा हुए है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत और अगले साल भी काफी संख्या में लोग घरेलू टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर जाएंगे। बड़ी संख्या में टूरिज्म बढ़ने पर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी उछाल आएगा।
होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HAI) के मुताबिक, 2047 तक होटल इंडस्ट्री भारत की जीडीपी में एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने लगेगी। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इंडस्ट्री में लोगों की जरुरत भी 25 फीसदी तक बढ़ जाएगी। इसकी मदद से ट्रेवल, एविएशन, टिकट बुकिंग, ट्रेवल गाइड और कंसल्टेंट की डिमांड भी बढ़ेगी और इससे यहां भी रोजगार पैदा होंगे।
होटल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट केबी कचरू के मुताबिक, इंडस्ट्री का बढ़ना तय है। इसकी मदद से हम न सिर्फ अर्थव्यवस्था में योगदान दे पाएंगे बल्कि लाखों रोजगार भी पैदा होंगे। कोविड-19 से हमने कई सबक सीखे। इंडस्ट्री की स्थिति खराब हुई थी। मगर, अब नई तकनीक, डिजिटलीकरण और गेस्ट सेफ्टी पर फोकस बढ़ाकर हम बेहतर सेवाएं देने को तैयार हैं। हमने लोकल टूरिज्म पर भी फोकस बढ़ाया है। हमें पूरी उम्मीद है कि अगले साल हम 25 फीसदी की ग्रोथ रेट हासिल कर लेंगे।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में बहार आने पर इससे जुड़े उद्योगों में भी 15 से 18 फीसदी का उछाल आ सकता है। रिक्रूटमेंट एजेंसी Gi ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट सुदीप सेन ने कहा, 'डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स, सोशल मीडिया मैनेजर्स, वीगन- फूड और बेवरेज स्पेशलिस्ट, स्पा और हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट की सबसे ज्यादा डिमांड होगी'।
रॉयल ऑर्चिड होटल के चेयरमैन और एमडी चंदेर के बालाजी ने कहा कि, 'घरेलू यात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे तीन, चार और पांच स्टार होटलों सहित अलग-अलग कैटेगरी में ट्रैवलर रुके हैं। इस ग्रोथ से वर्कफोर्स में कई नए लोग जुड़ेंगे। हम नए स्टाफ का रिक्रूटमेंट कर रहे हैं'।
वहीं चालेट होटल के चीफ एचआर उर्वी अराध्य ने कहा, 'महामारी के बाद हॉस्पिटेलिटी सेक्टर टेक्नोलॉजी के साथ इंटीग्रेट हुआ है। सेक्टर ने लोकल टूरिज्म में हेल्थ और सेफ्टी पर अधिक जोर दिया है। साथ ही काम करने की व्यवस्था को अधिक लचीला बनाया है'।
देखने वाली बात है कि अगले साल यानी 2024 में धर्म नगरी अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य भक्तजनों को मिलेगा। वहीं, राम लला के दर्शन करने के लिए काफी तादाद में श्रद्धालु जाएंगे। ऐसे में वहां बड़े पैमाने पर होटल और गेस्ट हाउस की मांग बढ़ी हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि बड़े पैमाने पर होटल उद्योग में निवेश से अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास होगा।
नई पर्यटन नीति के तहत अयोध्या में कुल 89 कंपनियों ने अपना होटल खोलने में रुचि दिखायी थी। अब तक इनमें से 26 के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान में प्रतिदिन अयोध्या में लगभग 80000 से एक लाख तक लोग पहुंच रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा अकेले राम मंदिर के दर्शनों के लिए आते हैं।
अधिकारियों का कहना है कि अयोध्या में श्रीराम इंटरनैशनल एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने व जहाजों का परिचालन शुरु होने के बाद देशी-विदेशी पर्यटकों की तादाद में और भी इजाफा होगा। इस संभावित भीड़ को देखते हुए देश-विदेश के नामचीन होटलों की रुचि अयोध्या में बढ़ी है।
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