कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के फेमस रेस्तरां रामेश्वरम कैफे में शुक्रवार को बम विस्फोट होने से कम से कम 10 लोग घायल हो गए। ब्लास्ट के बाद मौके पर बम निरोधक दस्ते के साथ आतंकवाद विरोधी राष्ट्रीय जांच एजेंसी और फोरेंसिक टीमें भी घटनास्थल पर पहुंची। शुरुआती जांच में पाया जाता है कि ये एक कम तीव्रता वाला आईईडी विस्फोट था।
यह विस्फोट शुक्रवार दोपहर 12:56 बजे हुआ। ब्लास्ट से लगभग एक घंटे पहले रामेश्वरम कैफे के सीसीटीवी कैमरे में सफेद रंग की टोपी, चश्मा और मास्क पहने संदिग्ध का वीडियो वायरल हुआ है। वहीं, पुलिस ने शक के आधार पर अब एक संदिग्ध आरोपी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'वह रेस्तरां के पास एक बस से उतरते हुए और उसमें चलते हुए दिखाई दे रहा है।' उसके चेहरे पर मास्क था। वह कैफे में आया। यहां उसने कैश काउंटर पर पेमेंट किया और रवा इडली के लिए एक टोकन लिया। इडली खाने के बाद, वह कूड़ेदान के पास एक बैग छोड़ कर बाहर निकल गया। रेस्तरां में ब्लास्ट के आरोपी ने लगभग 7 मिनट का समय बिताया। उनके बाहर निकलने के लगभग एक घंटे बाद बम फटा।
ये वीडियो @tigerAkD ने शेयर किया है।
रामेश्वरम कैफे में हुए इस ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं और इस मामले की गहन जांच में जुटी हुई हैं। रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट के बाद कर्नाटक के सरकारी अमलों में अफरा-तफरी का माहौल है। प्रशासन इस विस्फोट के बाद अपने चेक पाॉइंट्स खंगाल रहा है।
शुरुआत में इस मामले को सिलेंडर ब्लास्ट से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुष्टि की है कि ये यह धमाका आईईडी ब्लास्ट है। उन्होंने कहा कि जानकारी के मुताबिक, दोपहर करीब एक बजे एक विस्फोट हुआ, वहां एक बैग था, मामले की जांच जारी है मुझे पता चला है कि यह एक आईईडी ब्लास्ट था।
वहीं, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि संदिग्ध की पहचान 28 से 30 साल के व्यक्ति के रूप में की गई है। वह नाश्ते के समय कैफे में आया और रवा इडली के लिए एक कूपन खरीदा, लेकिन इडली खाए बिना ही कैफे से चला गया। आईईडी वाला बैग वह वहीं छोड़ गया था, जिसमें एक बम को एक घंटे का टाइमर लगाकर रखा था। इसके एक घंटे बाद ही धमाका हो गया। आइए जानते है आईईडी क्या है, जिससे विस्फोट का अंजाम दिया गया और यह कितना खतरनाक है।
IED यानी तात्कालिक विस्फोटक उपकरण एक घरेलू बम होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की एक फैक्टशीट के अनुसार, "क्योंकि वे तात्कालिक हैं, आईईडी कई रूपों में आ सकते हैं, एक छोटे पाइप बम से लेकर एक अत्यधुनिक टूल तक जो बड़े पैमाने पर नुकसान और जीवन की हानि कर सकता है।"
आईईडी को किसी वाहन का इस्तेमाल करके तैनात किया जा सकता है, कोई व्यक्ति इसे लेकर जा सकता है, इसे रखा जा सकता है या फेंका जा सकता है, पैकेज से डिलीवर किया जा सकता है, या सड़क के किनारे छुपाया जा सकता है। हालाँकि इनका यूज एक सदी से भी अधिक समय से किया जा रहा है। "आईईडी" शब्द पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका के इराक आक्रमण (2003 में शुरू) के दौरान यूज में आया, जहां ऐसे बमों का इस्तेमाल आमतौर पर अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ किया जाता था।
सभी IED में कुछ बुनियादी घटक शामिल होते हैं, जो बम बनाने वाले के पास मौजूद संसाधनों के आधार पर अलग-अलग टाइप के हो सकते हैं। इनमें एक एक ट्रिगर मैकेनिज्म (जो विस्फोट को बंद कर देता है), एक स्विच (जो विस्फोटक को हथियार देता है), एक मैन चार्ज (जो ब्लास्ट का कारण बनता है), एक पॉवर सोर्स और एक कंटेनर शामिल हैं।
इसके अलावा आईईडी को एन्हांसमेंट जैसे कि कील, कांच, या मेटल के टुकड़ों के साथ पैक किया जा सकता है, जो विस्फोट से निकलने वाले छर्रे की मात्रा को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और इस प्रकार इससे होने वाला नुकसान है। एन्हांसमेंट में खतरनाक पदार्थ जैसे जहरीले रसायन, या रेडियो-सक्रिय भी शामिल हो सकते हैं, खत्म हो चुके यूरेनियम से भरी आईईडी को आम बोलचाल की भाषा में "गंदा बम" कहा जाएगा।
आईईडी का इस्तेमाल सिर्फ मारने और घायल करने के लिए नहीं किया जाता है, इनका यूज अक्सर विशेष रूप से सक्रिय युद्ध क्षेत्रों में ध्यान भटकाने के लिए किया जाता है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, "आईईडी से होने वाले नुकसान की सीमा उसकी आकार, बनाने और स्थान पर निर्भर करती है और क्या इसमें बड़ा ब्लास्ट शामिल है।" यह छोटे बम आम तौर पर बड़े बमों की तुलना में बहुत कम हानिकारक होते हैं, इन्हें छिपाकर लेकर जाना, तैनात करना आसान है।।